आदरणीय श्रीमान जी !
आपको सादर नमस्कार
बिषय : मेरे द्वारा महामारी के बिषय में लगाए गए पूर्वानुमान बिल्कुल सही निकले!इस बिषय में महत्वपूर्ण पत्र !
महोदय
महामारी की प्रत्येक लहर के बिषय में पूर्वानुमान लगाकर मैं आगे से आगे पीएमओ की मेल पर भेजता रहा हूँ | जो सही निकलते रहे हैं |वे मेलें मेरी ईमेल पर अभी भी सुरक्षित हैं | जो मेरी अनुसंधानपद्धति द्वारा लगाए गए पूर्वानुमानों का समर्थन करती हैं | अतिरिक्त प्रमाण के तौर पर मेरी मेलों में दिए गए पूर्वानुमानों का कोरोना ग्राफ से मिलान करने पर मेरे पूर्वानुमान सही घटित होते हैं |मेरी मेलों में जब संक्रमण बढ़ने को लिखा था कोरोना ग्राफ में भी तभी संक्रमण बढ़ने का संकेत है और जब संक्रमण कम होने के लिए लिखा था तभी संक्रमण कम हुआ था | महामारी की सभी लहरों में ऐसा हुआ है | इससे ये प्रमाणित होता है कि कोरोना महामारी के बिषय में सही अनुमान पूर्वानुमान आदि लगाने की यह सही पद्धति है |
इसके द्वारा मैंने यह भी खोज लिया है कि महामारी मनुष्यकृत है या प्राकृतिक है | इसका विस्तार कितना है !प्रसार माध्यम क्या है ! इसमें अंतर्गम्यता कितनी है |इस पर मौसम का प्रभाव कितना पड़ता है !तापमान का प्रभाव पड़ता है या नहीं ! वायु प्रदूषण का प्रभाव पड़ता है या नहीं | चिकित्सा का प्रभाव पड़ता है या नहीं, आदि आदि !!
इसलिए आपसे मेरा विनम्र आग्रह है कि मैंने महामारी बिषयक पहले जो अनुमान पूर्वानुमान पीएमओ की मेल पर भेजे थे !उनका परीक्षण कर लिया जाए | इस बिषय में विस्तृत जानकारी देने साथ चर्चा के लिए मैं तैयार हूँ |
मैं अपने अनुसंधानों के बिषय में विश्वासपूर्वक कह सकता हूँ कि मेरे द्वारा लगाए गए महामारी बिषयक अनुमान पूर्वानुमान आदि सही निकलते रहे हैं |उन्हें यदि समय पर शासन प्रशासन को उपलब्ध करा दिया जाता तो महामारी संबंधी संक्रमण की रोकथाम करने में बहुत मदद मिल सकती थी |महामारी से समाज को सुरक्षित बचाए रखने के लिए पहले से सतर्कता बरती जा सकती थी | इसके साथ ही साथ मेरे पूर्वानुमानों के आधार पर संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उसप्रकार की कार्य योजना बनाई जा सकती थी | इससे स्वास्थ्य प्रणालियों को और अधिक बेहतर बनाने में मदद मिल सकती थी |मेरे द्वारा लगाए गए सही पूर्वानुमान पहले से चिकित्सकों को मिल जाते तो वे पहले से ही आवश्यक औषधीय द्रव्यों एवं औषधियों का भंडारण कर सकते थे | ऐसे सही पूर्वानुमान यदि लोगों को मिल जाते तो लोग आत्मसंयम पूर्वक अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं भी सावधानी बरत सकते थे |
विशेष बात यह है कि मेरे द्वारा वैज्ञानिकपद्धति का उपयोग करके लगाए गए पूर्वानुमान प्राकृतिक घटनाओं से संबंधित अध्ययनों पर आधारित होते हैं | इनमें नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके भविष्य में महामारी के प्रसार का और अधिक बेहतर पूर्वानुमान लगाया जा सकता है |
मेरा विश्वास है कि मैं भविष्य में भी इस पद्धति का उपयोग करके ऐसी प्राकृतिक घटनाओं के बिषय में अधिक सटीक पूर्वानुमान लगा सकता हूँ| इसलिए मेरे पूर्वानुमानों को आपके द्वारा मान्यता मिलनी आवश्यक है | मुझे इस पद्धति को और अधिक विकसित करने के लिए आपसे मदद चाहिए |जिससे भविष्य के स्वास्थ्य संकटों से निपटने की तैयारी और अधिक बेहतर ढंग से पहले से करके रखी जा सके |
निवेदक :
डॉ. शेष नारायण वाजपेयी
A-7\41,शनिबाजार,लालक्वार्टर
कृष्णानगर ,दिल्ली -110051
विशेष : इसके समर्थन में महामारी के बिषय में अपने पूर्वानुमानों से संबंधित मेलों के साथ साथ उनसे संबंधित ग्राफ्स भी संलग्न हैं !