आखिर आम आदमी पार्टी वाले अपनी कुंडली किसी को दिखा क्यों नहीं लेते ! धक्के पे धक्के खाए जा रहे हैं !
आम आदमी पार्टी के वर्त्तमान नेता गण जब लोकपाल पास कराना चाह रहे थे तो उसमें रोड़ा लगा रहा फिर सरकार बनाना चाह रहे थे तब उसमें रोड़ा लगा रहा उसके बाद चार दिन की सरकार उसमें भी मुख्य मौके पर नायक बीमार!स्पीकर बनाने में रोड़ा लगा अभी कुछ मजबूत लोग छोड़कर चले गए हैं । हे भगवान् !आगामी चुनावों का सामना कैसे कर आएगी ये पार्टी ?
वैसे भी जब से आम आदमी पार्टी दिल्ली के आस्तित्व में आई तब से स्थिति विषम सी बनी हुई है पहले कोई सरकार बनाने को नहीं तैयार था अब स्पीकर बनने को !
धन्य हैं आम आदमी पार्टी के नेता जो इतनी जल्दी इतने कम प्रयास में राम राज्य लाने में सफल हो गए बधाई हो आम आदमी पार्टी वालों को !
राजनीति
में सरकार बनाने लिए राजनैतिक दल अक्सर पहले हम पहले हम वाले फार्मूले
पर काम करते हैं किन्तु दिल्ली के राजनैतिक महापुरुषों में अब शिष्टाचार की
होड़ सी लगी है सब आपस में एक दूसरे से कह रहे हैं कि पहले आप पहले आप ! कुल मिलाकर कोई सरकार नहीं बना रहा है ।
वर्त्तमान परिस्थितियों को देखकर तो यही लग रहा है कि क्या राष्ट्रपति शासन के
रूप में अब दिल्ली की गद्दी पर केंद्र की खड़ाऊँ ही पुजती रहेंगी या कोई सरकार भी बन पाएगी !अब दिल्ली
सरकार का अर्थ है खड़ाऊँ पूजन सरकार !धन्यवाद !!!
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