हमारा आम आदमी पार्टी के वर्तमान एवं भूत पूर्व सभी सात्विक लोगों से निवेदन है इस विरक्त विचारधारा को बटने से बचा लीजिए !
क्या ये है आम आदमी पार्टी का आदर्श ?
सारा संघर्ष साथ साथ ,सफलता अपने हाथ ।
चाटुकारों को रखो साथ, सहयोगियों को मारो लात ॥
अपने शिर पर रहे ताज ।कितना सुन्दर है स्वराज ॥
आपियों के अहंकार से भ्रष्टाचार विरोधी जनोत्साह की हत्या होने जा रही है वह पवित्र जनांदोलन पाखंड बनने जा रहा है सत्ता पाकर पागल होने वाले लोगों की श्रेणी में स्थापित होने जा रही है 'आप' !जनता का भरोसा टूटने जा रहा है और छला जा रहा है व्रती अन्ना का विश्वास !
आज आम आदमी पार्टी में छिड़ी है अधिकार की घनघोर लड़ाई !ये घोर शर्मनाक है ये त्याग और वैराग के रूप में स्थापित हुई पार्टी को शोभा नहीं देता है जनता ने आपको अपना वोट दिया है किंतु आपके हाथों अपने को बेच नहीं दिया है कि आप जो चाहें सो करेंगे इसलिए जनता की आपसे केवल विकास ही अपेक्षा नहीं है अपितु पारदर्शिता एवं पवित्रता की भी है जहाँ आप धूल डालकर केवल विकास का लॉलीपॉप पकड़ने को तैयार हैं इसे जनता कदापि नहीं स्वीकार करेगी आपके भाषणों में कही गई राजनैतिक शुचिता की बातें जब विरोधी याद दिलाएँगे तो जनता को भी कसकेगा उनके साथ हुआ दुर्व्यवहार उसका जवाब आपको और केवल आपको देना होगा नरेश !कानाफूसी करके अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाली चाटुकार चौकड़ी की वहाँ कोई नहीं सुनेगा ! इसलिए राजनीति में अहंकार कर को भी अमृत समझ कर पीना पड़ता है इसे पी जाइए और बचा लीजिए तिल तिल बिखरता अपना आम आदमी पार्टी परिवार !मिटा दीजिए कार्यकर्ताओं की दुविधा !
भगवान श्री राम को जब राज्य दिया जाने लगा तो उन्होंने कहा था खेले खाए हम चारों भाई साथ साथ किंतु -
विमल वंश महुँ अनुचित एकू । बंधु विहाय बड़ेहिं अभिषेकू ॥
ये उनकी पीड़ा थी । ये आपको भी होनी चाहिए यदि नैतिकता का नारा दिया है तो अन्यथा जैसा दूसरी पार्टियाँ कर रही हैं वैसे ही बनती जा रही है आप भी !
एक एक करके छोड़ते जा रहे कार्यकर्ताओं का असंतोष चिंता का विषय होना और रोका जाना चाहिए इस क्षरण को ! एक एक बूँद टपक कर पूरी बाल्टी का पानी बह जाता है !एक एक योद्धा की पराजय से सारा देश पराधीन हो जाता है !
ये ही रावण एवं दुर्योधन के साथ भी हुआ था अभी हाल ही में सद्दाम हुसैन का शासन धराशायी होता जा रहा था किंतु उनके सूचना मंत्री बताते जा रहे थे कि देश की वागडोर हमारे हाथों में है । वैसे भी किसी पेड़ की कुछ जड़ें कट जाने से वो पेड़ अचानक सूख तो नहीं जाता है किन्तु हमें याद रखना चाहिए कि ईश्वर उसे भी जड़ों का कोष उसकी आवश्यकता भर के लिए ही देता है इस दृष्टि से कुछ जड़ें कटना भी उस वृक्ष के आयुष्य का हरण करता है !इसी प्रकार से आम अादमी पार्टी के पास प्रचंड बहुमत का कोष तो है किंतु इसे संगठित रख पाना आसान होगा क्या ?
जहाँ तक योगेंद्र और प्रशांत जी की बात है तो उनका भी कोई जनाधार है इसका परिचय देने के लिए उन्हें बाध्य किया गया है इसलिए उनके जनसम्पर्क अभियान को कहीं से भी गलत नहीं ठहराया जा सकता उन्होंने आपकी दी हुई गालियों को भी शालीनता पूर्वक पचाया है अन्यथा वाणी उन्हें भी ईश्वर ने दी है कह वो भी कुछ सकते थे गुस्सा उन्हें भी आ सकता था अहंकार सबमें होता है किन्तु संयम पूर्वक उसे दबाना पड़ता है आज योगेंद्र और प्रशांत जी जैसे लोग यदि अपना अपमान भूलना भी चाहें तो अब उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है -
"क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो !"
उनकी मजबूरी तो ये है -
अधिकार खोकर बैठ रहना ये महा दुष्कर्म है।
न्यायार्थ अपने बंधु को भी दंड देना धर्म है ॥
आम आदमी पार्टी में जो किया गया है उसमें अहंकार अधिक होने के कारण समाज में ऐसे घमंडी आचरणों को समर्थन नहीं मिल पा रहा है ये पार्टी के लिए सबसे अधिक घातक हो रहा है !
फिर भी हमारा आम आदमी पार्टी के वर्तमान एवं भूत पूर्व सभी सात्विक लोगों से निवेदन है इस विरक्त विचारधारा को बटने से बचा लीजिए !
जरूर पढ़िए आम आदमी पार्टी के इस विद्रोह के बारे में लिखे गए हमारे पुराने ज्योतिषीय लेख जो आज सही सिद्ध होते दिख रहे हैं -see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_61.html
बस एक और -
फिर भी हमारा आम आदमी पार्टी के वर्तमान एवं भूत पूर्व सभी सात्विक लोगों से निवेदन है इस विरक्त विचारधारा को बटने से बचा लीजिए !
जरूर पढ़िए आम आदमी पार्टी के इस विद्रोह के बारे में लिखे गए हमारे पुराने ज्योतिषीय लेख जो आज सही सिद्ध होते दिख रहे हैं -see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_61.html
बस एक और -
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