भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/
शुक्रवार, 10 मई 2013
केंद्र सरकार गिरेगी 4-6-2013 के बाद !
हम पहले अपना परिचय तथा ज्योतिष शास्त्र के विषय में बताना चाहते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में बी.एच.यू. से हमारी शिक्षा पूर्ण हुई है। ज्योतिष
हमारी पी.एच.डी. की थीसिस से जुड़ा हुआ विषय होने के
कारण अक्सर लोग हमसे भी इस तरह के प्रश्न पूछते हैं कि सरकार कब तक
चलेगी?यद्यपि इन बातों का उत्तर ज्योतिष से इस लिए निकल पाना कठिन होता है
क्योंकि सबकी कुंडली तो अपने पास होती नहीं है।जो हैं भी उनका जन्म समय
कितना सच है उसकी क्या प्रामाणिकता? यदि यह सच मान भी लिया जाए तो भी एक
बड़ी कठिनाई की बात यह होती हैं कि प्रधानमंत्री बनने के लिए राजयोग की
आवश्यकता होती है।पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक के किसी भी प्रतिष्ठा
प्रदान करने वाले पद के विषय में यदि ज्योतिष से पता लगाना है तो एकमात्र
राजयोग ही देखना होता है इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होता है।अब पार्षद,विधायक,मेयर, मंत्री,मुख्यमंत्री,राज्यपाल, प्रधानमंत्री राष्ट्रपति आदि सभी प्रतिष्ठा प्रदान
करने वाले पद आई.ए.एस., आई.पी.एस.,पी.सी.एस.और भी जो भी अधिकार या सम्मान
प्रदान करने वाले पद हैं।सब एकमात्र राजयोग से ही देखने होते हैं इनके पदों
का अलग अलग वर्गीकरण करने का ज्योतिष शास्त्र में कोई निश्चित नियम नहीं
है।इसका एक और प्रमुख कारण है जिस समय में ज्योतिष की परिकल्पना की गई उस
समय पर लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत राजा चुनने का प्रचलन भी नहीं था।इसलिए
भी इसका वर्णन ज्योतिष शास्त्र में नहीं मिलता है।यह भी संभव है कि
ज्योतिष शास्त्र से लोकतांत्रिक आदि पदों की पहचान कर पाना ही संभव न
हो,क्योंकि अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को भी तो भयवश जनता चुनावों में
विजयी बना देती है। यह राज योग नहीं हुआ। इस तरह की बातों का भ्रम निवारण करने के लिए ही राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान के तहत जन जागरण अभियान मैंने प्रारंभ
किया है। स्वस्थ समाज नामक ब्लाग पर लिखना ही मैंने प्रचार प्रसार के लिए
ही उचित समझा है। लोकतंत्र में विपक्षी लोग अक्सर यह कहते देखे सुने जा
सकते हैं कि अब सरकार गिर जाएगी किंतु ऐसे अनुमान प्रायः सच नहीं होते हैं
किंतु
इसीप्रकार भारतीय राजनैतिक परिदृश्य में महिला महाशक्ति के स्वरूप में प्रतिष्ठित कोई बड़ी महिला राजनेता मानसिक अवसाद के कारण अपने को सार्वजनिक जीवन से अलग कर लेगी। जिसका महत्त्वपूर्ण कारण स्वजन वियोग तथा कोई असाध्य एवं अप्रत्याशित बीमारी होगी। ये सात वर्ष विशेष तनाव कारक एवं असाध्य रोगप्रद होंगे।
संभव है कि ये चुनावी उत्साह अचानक अवसाद में बदल जाए और चाहे अन चाहे अचानक प्राप्त परिस्थितियों का ही स्वागत करना पड़े। प्राप्त परिस्थितियों के अनुशार संभव है चुनाव परिणाम स्वरूप किसी नए नरसिंह राव जी जैसे अप्रचारित महापुरुष का उदय हो।
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