भाजपा का ऐसा अपराध आखिर क्या है?आज भाजपाइयों के किस व्यवहार में काँग्रेस को दिख रही है असहिष्णुता !
बंधुओ !विजयी पार्टी में असहिष्णुता कहाँ होती है और उसमें क्यों होगी असहिष्णुता ! उसका कारण है कि वो पार्टी जो चाह रही होती है वो उसे मिल चुका होता है जैसे भाजपा आज सरकार में है और उसे चाहिए क्या ?किंतु पराजित पार्टी तो काँग्रेस है और पराजय सहनी उसे है न कि भाजपा को !इसीलिए काँग्रेसी नेता अभिनेता बाबा व्यापारी आदि असहिष्णु होकर कर रहे हैं मोदी सरकार का विरोध !इसी को कहते हैं असहिष्णुता ! काँग्रेसी नेता सत्ता के बिना रह ही नहीं सकते !इसीलिए उनका धैर्य टूट रहा है भाजपा का नहीं !क्योंकि भाजपा को कुछ सहना ही नहीं है वो तो सत्ता चाहती थी उसे सत्ता मिल ही गई है फिर सत्ता पक्ष में असहिष्णुता किस बात पर होगी !
वैसे भी पुरस्कार जिन्होंने लिए थे वे लौटा सकते हैं किंतु जिन्हें पुरस्कार वास्तव में मिले थे वो कैसे लौटा सकते हैं पुरस्कार !अगर उंन्हें लौटाना ही था तो उसी दिन लौटा देते जिन दिन मिले थे किंतु आज अचानक ऐसा क्या हो गया कि ये सम्मान वाले कुछ साहित्यकारों को नहीं पच रही मोदी सरकार ! जिन्हें पुरस्कार नहीं मिले थे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है जो काँग्रेसी नहीं हैं वो खुश हैं आखिर क्यों ? समस्या का कारण मोदी सरकार है या पुरस्कार !पापी पुरस्कारों न जाने क्यों को कसक रही है मोदी सरकार !न पुरस्कार मिलते और न ये विवाद होता !! जिन्होंने पुरस्कार दिए और जिन्होंने लिए दोनों को ही बेचैनी है बाक़ी सारे देश में शांति है ये कैसा विरोध और कैसी असहिष्णुता ?मोदी सरकार यदि गलत है तो केवल पुरस्कार लेने देने वाले ही क्यों परेशान हैं?पराजित पार्टियों के बफादार साहित्यकार ही मोदी विरोधी हवा बनाने के लिए लौटा रहे हैं पुरस्कार !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/11/blog-post_80.html
वैसे भी पुरस्कार जिन्होंने लिए थे वे लौटा सकते हैं किंतु जिन्हें पुरस्कार वास्तव में मिले थे वो कैसे लौटा सकते हैं पुरस्कार !अगर उंन्हें लौटाना ही था तो उसी दिन लौटा देते जिन दिन मिले थे किंतु आज अचानक ऐसा क्या हो गया कि ये सम्मान वाले कुछ साहित्यकारों को नहीं पच रही मोदी सरकार ! जिन्हें पुरस्कार नहीं मिले थे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है जो काँग्रेसी नहीं हैं वो खुश हैं आखिर क्यों ? समस्या का कारण मोदी सरकार है या पुरस्कार !पापी पुरस्कारों न जाने क्यों को कसक रही है मोदी सरकार !न पुरस्कार मिलते और न ये विवाद होता !! जिन्होंने पुरस्कार दिए और जिन्होंने लिए दोनों को ही बेचैनी है बाक़ी सारे देश में शांति है ये कैसा विरोध और कैसी असहिष्णुता ?मोदी सरकार यदि गलत है तो केवल पुरस्कार लेने देने वाले ही क्यों परेशान हैं?पराजित पार्टियों के बफादार साहित्यकार ही मोदी विरोधी हवा बनाने के लिए लौटा रहे हैं पुरस्कार !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/11/blog-post_80.html
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें