शनिवार, 26 दिसंबर 2015

Help To Research Vaidik Sciences

      वैदिक विज्ञान के अनुसंधान हेतु  मदद  की अपील : -
                                                 -: जय श्री राम :-
 'गौ गंगा गायत्री गीता एवं समस्त सनातन शास्त्रों की गौरव रक्षा हेतु '
      राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान (रजि.) 

  Subject  of  Research अनुसंधान के विषय 
  • वर्षा संबंधी पूर्वानुमान :- 
  • भूकंपों का पूर्वानुमान :- 
  • चिकित्सा के क्षेत्र:-  
  • प्राकृतिक गतिविधियों का अध्ययन:-
                 वर्षा संबंधी पूर्वानुमान :-
      वर्षा संबंधी पूर्वानुमान लगाने के लिए प्राचीन विज्ञान  विशेष सहयोगी रहा है जैसे प्राचीन विज्ञान के आधार पर वर्षा के विषय में वर्षों महीनों पहले भी पूर्वानुमान लगाया जा सकता है जो साठ  प्रतिशत तक सही हो सकता है इसी के आधार पर हजारों वर्षों से गणना करके भारतीय कृषि व्यवस्था संचालित होती रही है इसी के आधार पर किसान लोग फसलें किया करते थे तथा पशुओं के लिए चारा एवं अपने लिए अनाज का भंडारण करते थे । वर्तमान आधुनिक मौसम विज्ञान नजदीक समय का तो सटीक अनुमान लगा लेता है  किंतु लम्बे समय का अनुमान लगाने में कठिनाई आती है उसे !या वो केवल तीर तुक्का होता है , जबकि किसानों के लिए आवश्यक है कि वर्षा ऋतु आने के चार छै महीने पहले से उन्हें वर्षा विषयक जानकारी मिलनी चाहिए उसी हिसाब से वो  अपनी फसलें बोते  हैं  किंतु आज आधुनिक विज्ञान से किसानों को  वह सुख नहीं मिल पा रहा है और वर्तमान काल में प्राचीन विज्ञान पर कोई विशेष काम ही नहीं हो पा रहा है ।
                                                                                                                         
भूकंपों का पूर्वानुमान :-  
       भूकंपों  के विषय में आधुनिक वैज्ञानिक तो अक्सर कहते सुने जाते हैं कि भूकम्पों के विषय का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता जबकि प्राचीन विज्ञान के आधार पर तो बनस्पतियों में आने वाले परिवर्तन एवं पशुओं  पक्षियों की चेष्टाओं शकुनों अपशकुनों और आकाशीय ग्रहस्थिति के अध्ययन के आधार पर भी आगामी भूकम्पों का अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है ।
     कई बार प्राकृतिक उत्पातों के भी अच्छे बुरे शकुनों के आधार पर भी लाभ हानि का अनुमान लगाया जा सकता है ।जैसे -नेपाल में भूकम्प आने के तीन दिन पहले वहाँ भीषण तूफान आया था जिसमें सैकड़ों जानें गई थीं एक सप्ताह पहले से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी चक्कर आने लगे थे उल्टियाँ लग रह थीं ये साड़ी चीजें यदि एक साथ हों तो भूकम्प का अंदेशा होता है जैसा कि हुआ भी 22 -4 -2015 को नेपाल से उठा हुआ तूफान न भी उतनी ही भयंकरता से भारत में भी आया था इसी प्रकार 18 -4 - 2015 को भी उत्तर भारत में बड़ा तूफान आया था इसके दुष्प्रभाव स्वरूप ही 25 -4 -2025 को बड़ा भूकम्प आया था ये उन तूफानों का दुष्प्रभाव माना जाए या फिर भूकम्पों की पूर्व सूचना तूफानों को माना जाए !इसी प्रकार से 26 -10-2015 को हिंदूकुश से भारत तक आए भूकंप के कारण मद्रास में भीषण बाढ़ आई और भारत पाकिस्तान के बीच सहज संबंधों पर बात चीत प्रारम्भ हुई !26 -10-2015यही फल 25 (26) -12-2015 को आए भूकम्प का है । यद्यपि सभी भूकंपों का फल एक जैसा नहीं होता है इनकी भी अलग अलग श्रेणियाँ होती हैं जैसे 25 -4-2015 को   और 7-12 - 2015 आए भूकम्प वायु प्रभाव से आए थे ऐसी शास्त्रीय मान्यता है वायु प्रभाव से आए भूकंपों के पहले आंधी तूफान अवश्य आते हैं जैसे 7-12 - 2015 को आए भूकम्प से पहले 1 -12 -2015 भीषण आँधी तूफान आया था इसी प्रकार से 25-4 -2015 को आए भूकंप से पहले 18 और 22 अप्रैल को भीषण आंधी तूफान आए थे !इसी प्रकार से 26 -10-2015यही फल 25 (26) -12-2015 को आए भूकम्पों  को जल प्रभाव से आए भूकम्प माना जाता है । ऐसे ही अन्य भूकम्पों का भी अध्ययन किया जा सकता है ।
        चिकित्सा के क्षेत्र:-
      इसी प्रकार से चिकित्सा के क्षेत्र में भविष्य विज्ञान की दृष्टि से अध्ययन करने के लिए भारत के प्राचीन विज्ञान में बहुत कुछ है जबकि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में काउंसलिंग से लेकर और भी जितना कुछ है उसमें अँधेरे में तीर मारे जा रहे हैं यह बात मैं प्राचीन विज्ञान से जुड़े शास्त्रीय निजी अनुभवों को आधार मानकर निवेदन कर रहा हूँ !मुझे विश्वास है कि स्वभावों का रहस्य खुलते ही टूटते संबंधों और बिखरते परिवारों को एक सीमा तक बचाया जा सकता है साथ ही बढ़ती असहिष्णुता को कम किया जा सकता है !यहाँ तक कि बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति को काफी हद तक घटाया जा सकता है क्योंकि अपराध सोचे मन से जाते हैं योजना मन में बनती है किंतु तब तक किसी को पता नहीं लग पाता है जब तक कि उसे अंजाम न दे दिया जाए ऐसी परिस्थिति में कोई भी कानून तो अपराध होने के बाद ही सक्रिय हो सकता है किंतु स्वभावविज्ञान के माध्यम से ऐसे लोगों को उनके घर वालों के सहयोग से पहले से नियंत्रित करने के लिए तथा और भी कई क्षेत्रों में प्रभावी प्रयास किए जा सकते हैं ।
 प्राकृतिक गतिविधियों का अध्ययन:-

      इसी प्रकार से 11 अप्रैल 2015 से 25 अप्रैल 2015 तक एवं 23 नवंबर 2015 से 7 दिसंबर 2015 तक रजो दर्शन अर्थात धूल वर्षण  के योग थे ये धूल न जाने कहाँ से आती है किसी को पता नहीं होता है किंतु ये प्राकृतिक है ये सच है । चूँकि ये अपशकुन  की  धूल होती है अतएव इसका फल होता है देश के प्रधान शासक के लिए संकट ! बचाव के लिए सतर्कता बरती जानी चाहिए !
   Sun dog effect-Three Sun in Sky इसी प्रकार से अभी कुछ महीने पूर्व रूस के आकाश में तीन सूर्य एक साथ दिखे थे !




चीन के आकाश में एक उड़ता हुआ बादलों का शहर दिखाई पड़ा था !

चीन में दिखा आकाश में उड़ता हुआ शहर के लिए चित्र परिणाम
          





 कई बार आकाश में तेज रोशनी चमकती है और फिर अचानक छिप जाती है
 इस रोशनी में तरह तरह की आकृतियाँ होती हैं जिसे लोग एलियन  या  UFO कहा करते हैं और ऐसा जहाँ कहीं भी होता है उनके अच्छे या बुरे परिणाम भी होते हैं जिनका वर्णन केवल भारत के प्राचीन विज्ञान में ही मिलता है वहाँ केतु माना गया है जो केवल प्रकाश रूप हैं इनकी संख्या हजारों में है ।
       कुल मिलाकर ऐसे सभी प्राकृतिक बदलाव क्यों दिखते हैं ये हैं क्या ?आदि आदि ! आधुनिक विज्ञान का ध्यान इधर तो है किंतु शकुन अपशकुन मानकर इनके अध्ययन की ओर उसकी रूचि नहीं दिखती है ।
       भारत के प्राचीन विज्ञान के आधार पर ऐसे सभी प्राकृतिक संकेतों का अध्ययन करने हेतु हमारे संस्थान के तत्वावधान में इन पर विशेष शोधकार्य चलाया जा रहा है । सरकार से अपेक्षा है कि सरकार इसमें हमारी सभी प्रकार से मदद करे !

                    -:प्रार्थी :-
       राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान  
 एकाउंटनंबर - 62245462386 \ IFSC :SBHY0020838
     स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद ,कृष्णा नगर ,दिल्ली                                                 
 
                                                                        : भवदीय :
                                                       आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी
  एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
    पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसीsee more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_7811.html

        K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
        Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
         Mobile : +919811226973, +919968657732

            Email: vajpayeesn@gmail.com   
            Web: www.DrSNVajpayee.com

कोई टिप्पणी नहीं: