मंगलवार, 21 जून 2016

योग और व्यायाम में बड़ा अंतर है ?योग मन की कसरत है और व्यायाम शरीर की !

             योग और व्यायाम में बड़ा अंतर है ?योग मन की कसरत है और व्यायाम शरीर की !
     योग तो शरीर मन और आत्मजगत के लिए अमृत है !व्यायाम केवल शरीर के लिए होता है !आप जो क्रिया करते हैं उसमें यदि केवल शरीर के अंगों को ही इधर उधर करके मोड़ना मरोड़ना है तो ये व्यायाम है जिसके निरंतर अभ्यास से नट लोग या सर्कस वाले या स्टंट दिखाने वाले या ग्रामीणों गरीबों किसानों मजदूरों के बच्चे अपने शरीर को ऐसा लचीला बना लेते हैं जैसे शरीर में हड्डियाँ  ही न हों !ये व्यायाम है ।
     योग को विस्तार पूर्वक समझने के लिए आप एक बार जरूर खोलें यह पेज योग संबंधी सारा भ्रम दूर हो जाएगा see more... https://www.facebook.com/Yog-Udyog-Aur-Dhong-1600277586929538/
     योग में मन का व्यायाम होता है मन की कसरत का  ही नाम है योग !
महर्षि पतंजलि भी मन की कसरत को ही योग मानते हैं 'योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः' आदि !व्यायाम में शरीर के अंग चलते हैं किंतु योग में शरीर स्थिर रहता है और  केवल मन सक्रिय होता है योग में तो हिलना डुलना भी मना होता है तभी तो योगाभ्यास करते करते लोगों के शरीर में दीमक तक लग जाया करती थी वो होता था योग !इसीलिए तो महर्षि पतञ्जलि कहते हैं 'स्थिरसुखमासनं ' अर्थात सुख पूर्वक स्थिर बैठना ही योग के लिए उचित आसन हैयोग का अभ्यास  करोड़ों वर्षों से ऋषि मुनि करते चले आ रहे है इसके द्वारा ध्यान पथ पर मन की परतें दर परतें खुलती चली जाती हैं । योग है क्या इसके विषय में सम्पूर्ण जानकारी करने के लिए आपको जरूर पढ़ना चाहिए ये पेज !खोलिए ये लिंक । see more... https://www.facebook.com/Yog-Ka-Rahasy-1043600919055468/
 
     योग से मिलती हैं अनंत शक्तियाँ !
       अज्ञान ,अर्थोपार्जन या लोकप्रियता के लोभ में कुछ लोग व्यायाम का प्रचार प्रसार भी योग के नाम से करने लगते हैं जिससे लोगों की धर्म भावना भी जुड़ी होती है इससे व्यायामियों को भी लोग योगियों जैसा सम्मान ही देने लगते हैं किंतु वे वास्तव में योगी नहीं अपितु उद्योगी होते हैं क्योंकि इनका उद्देश्य समाज से धन और सम्मान पाना होता है तभी तो व्यायाम की सर्जरी करके उसे योग बताने लगते हैं !वास्तविकता ये है कि यदि वे योगी होते तो उनमें योगियों जैसी शक्तियाँ भी होतीं आप स्वयं मिलान कीजिए कैसे कैसे कैसे हुए हैं अपने योगी - योग से प्राप्त होती हैं ये आठ सिद्धियाँ और अनेकों दिव्य शक्तियाँ ! जानिए कौन कौन सी - योग साधना है तपस्या है ! सदाचरण  है ऋषियों मुनियों की दिव्य विद्या है !लोक परलोक सुधारने का पावन पथ है योग !!see more.....http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/06/blog-post_29.html
 
 मनुष्य शरीरों में अन्तर्निहित शक्ति की खोज का सबसे बड़ा रिसर्च है योग !
       भारतवर्ष  के सनातन हिंदू धर्म के ऋषियों मुनियों महर्षियों के अनन्त काल तक अंतर्जगत का अनुसंधानात्मक मंथन से प्राप्त मक्खन है यह इस जन्म में शरीर स्वस्थ मन प्रसन्न एवं आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सबसे बड़ा साधन है !जो लोग योग को केवल शरीर स्वस्थ रखने और पेट साफ रखने तक सीमित मानते हैं उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वायु पीकर रहने वाले ऋषि मुनि योग के बल पर ही तो जीवित रहते  थे उन्हें तो कब्ज की समस्या नहीं थी !कुछ अज्ञानी लोग कसरत और व्यायाम जैसी हाथ पर मोड़ने मरोड़ने को योग कहने लगे किंतु यदि ऐसा होता तब तो ये केवल उन मुट्ठी भर रईस लोगों के लिए होता जो शारीरिक श्रम नहीं करते हैं ग़रीबों मजदूरों किसानों जैसे परिश्रमी वर्ग को क्या लेनादेना  किंतु योग यद्यपि सबके लिए है किंतु आम गृहस्थ जीवन  में जीते हुए योगाभ्यास कर पाना अत्यन्त कठिन ही नहीं असम्भव भी है यदि ऐसा न होता तो योगाभ्यासी लोग एकांत और जंगलों का सेवन क्यों करते !यद्यपि जनक जी जैसे गृहस्थ योगियों के भी उदाहरण हैं किंतु कम हैं अधिकाँश विरक्त लोग ही योगी हुए हैं पहले 50 वर्ष की उम्र के बाद गृहस्थ  लोग भी विरक्ति पथ अपना कर योग का आश्रय ले लिया करते थे !जब कि कसरत व्यायाम शरीर सुदृढ़ और स्वस्थ रखने के लिए होता है किंतु  योग तो तन मन और आत्मजगत के लिए अमृत है !see more....https://www.facebook.com/Yog-Ka-Rahasy-1043600919055468/ 

     योगसिद्ध व्यक्ति को भूत भविष्य की घटनाएँ अपनी हथेली पर रखे हुए आँवले के समान साफ साफ दिखने लग जाती हैं ।भूकंप जैसीघटनाओं को पहले से ही देख सकता है योगी !योगी चाह ले तो पूर्वानुमान लगाना तो दूर रोक सकता है भूकम्प जैसी बड़ी से बड़ी प्राकृतिक आपदाएँ !see more.....http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/06/blog-post_29.html

बड़ीसे बड़ी बीमारियों को बिना दवा के भी ठीककर सकता है योगी !दवा खिलाकर बीमारियाँ ठीक करने में सच्चा योगी तो अपने योग का अपमान समझता है see more.....http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/06/blog-post_29.html

         योगी लोग मरने को नहीं डरते हैं हँसते हँसते जहर पी जाते हैं !
     भगवान शंकर ने जहर योग के बल पर ही तो पिया था !योगी लोग तो कुछ भी खाएँ उन्हें जहर तक से भय नहीं  होता है उन्हें न शुद्ध फाइवर युक्त आता चाहिए न शुद्ध सरसों का तेल !योगी तो जो खाए सब कुछ शुद्ध हो जाता है ये योग का ही चमत्कार है !असली योगी मरने का भय दूर करते हैं जो लोग खाने पचाने में ही फँसाए रखना चाहते हैं वे कैसे योगी see more... https://www.facebook.com/Yog-Udyog-Aur-Dhong-1600277586929538/   

         योगी लोग अब सरकारों से सिक्योरिटी माँगते हैं पहले योगियों से सुरक्षा माँगते थे राजा लोग !  
      शेर भालू जैसे हिंसक जीव जंतु भी असली योगियों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते !सर्प बिच्छू आदि बिषैले जीव जंतु भी योगियों को नहीं डरा सकते !योगियों के पास अमोघ शक्ति होती है उसी के बलपर ही तो जंगलों में निर्भीक बिचरण करते हैं योगी लोग! दूसरी ओर अपने को योगी कहने वाले जो लोग ज़िंदा रहने के लिए सिक्योरिटी माँगते हैं ये योग का अपमान नहीं तो क्या है !क्योंकि सारे ब्रह्मांड की रक्षा योगी  कर सकते हैं इसीलिए तो बड़े बड़े राजा लोग अपनी सुरक्षा की भीख योगियों के आश्रमों में जा जाकर माँगा करते थे । see more...  https://www.facebook.com/Yog-Ka-Rahasy-1043600919055468/


     योग सभी प्रकार के अपराधों पर लगाम लगा सकता है लगाम ! 
      आत्मा को परमात्मा से मिला सकता है ! टूटते समाज एवं बिखरते परिवारों को जोड़ सकता है ! योगी लोग मृत्यु को भी जीत लेते हैं योगबल सबसे बड़ा बल है !योगी लोग तो समाज के मन पर शासन करते हैं !योगी चाह ले तो भ्रष्टाचारमुक्त बना सकता है समाज ! योगी लोगसांसारिक प्रपंचों में नहीं फँसते! योगी कभी उद्योगीअर्थात व्यापारी नहीं हो सकता ! केवल कसरत व्यायाम को योग नहीं कहा सकता !समाज सुधार के लिए असली योगी सरकारें नहीं बदलता अपितु समाज का स्वभाव बदल देता है !ऐसे असली योगी आज भी जंगलों कन्दराओं में रह करके कर रहे हैं तपस्या !योग से प्राप्त होती हैं ये आठ सिद्धियाँ और अनेकों दिव्य शक्तियाँ ! जानिए कौन कौन सी - see more.....http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/06/blog-post_29.html

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