सोमवार, 10 अक्तूबर 2016

प्रकृति

आदरणीय प्रधानमंत्री  जी 
                                 सादर प्रणाम !
 विषय - वैदिकविज्ञान के द्वारा आँधी तूफान वर्षा बाढ़ एवं भूकंपों से संबंधित रिसर्च के लिए सहयोग हेतु ! 
     महोदय ,
       श्रीमान जी ! भूकंप जैसी प्राकृतिक घटनाओं  का  रहस्य सुलझाने हेतु मैं पिछले 20 वर्षों से 'वैदिकविज्ञान' की दृष्टि से समर्पण पूर्वक शोधकार्य  करता आ रहा हूँ । प्राकृतिक घटनाओं से संबंधित अपने रिसर्च कार्य में मैंने पाया है कि प्रकृति में घटने वाली अधिकाँश घटनाएँ जब जहाँ घटित होती हैं उस समय और स्थान के आधार पर वे दो प्रकार से फल देती हैं पहली तो ये कि जो भूकंप आदि घटना आज जिस समय जहाँ घटित हुई है उसके आधार पर वैदिक विज्ञान से ये पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि इस घटना के प्रभाव से अच्छी या बुरी इससे संबंधित कोई दूसरी घटना भविष्य में दोबारा कब और कहाँ घटित होगी !दूसरी महत्त्वपूर्ण बात जो प्राकृतिक घटना आज घटी है उसके परिणाम स्वरूप किस प्रकार के अच्छे बुरे परिणाम समाज को सहने पड़ेंगे !
       जैसे : 22 - 4 - 2015 को नेपाल  में जिस  जगह से भयानक तूफान आया था इसीकारण उसी जगह पर 25-4-2015 को भयंकर भूकंप आया था ! नेपाल और बिहार की जितनी जगह जैसी तवाही उस तूफान ने मचाई थी ठीक उन्हीं जगहों पर वैसी ही तवाही उस भूकंप ने भी मचाई थी !प्राकृतिक दृष्टि से ये दोनों घटनाएँ एक दूसरे से जुड़ी हुई थीं । ऐसी ही और भी कई घटनाएँ हैं जिन्हें खोज पाने में न केवल मुझे सफलता मिली है अपितु उनके विषय में मैंने पहले ही अपने ब्लॉगर पर लिख रखा है बाद में कोई एडीटिंग नहीं हुई है इस बात की अभी भी जाँच की जा सकती है मेरे पास उन्हें प्रमाणित कर सकने के लिए पर्याप्त तथ्य हैं ।
      महोदय !ऐसी प्राकृतिक घटनाएँ भी होती हैं जिनके अच्छे बुरे परिणाम न केवल प्राकृतिक रूप में दिखाई पड़ते हैं अपितु इन भूकंप आदि घटनाओं के  राजनैतिक और सामाजिक असर भी होते देखे जाते हैं ।
  जैसे : 26 -10-2015 को हिंदूकुश से लेकर भारत तक आया भूकंप मद्रास की भीषण वर्षा का सूचक था दूसरी बात यह भूकंप भारत और पाकिस्तान के बीच मधुर संबंध बनाने के संकेत देने आया था इसी भूकंप के प्रभाव से इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी संबंधों के असर काफी अच्छे दिखने लगे थे । इस दिशा में प्रकृति ने कई बार इशारे किए  जैसे -26 -10-2015 को पाकिस्तान से गीता भारत आयी तो इसी दिन भूकंप आया ,25  -12 -2015 को प्रधानमंत्री जी पाकिस्तान गए तो इसी दिन भूकंप आया , इसी प्रकार 2- 1-2016 को पाकिस्तानी आतंकियों ने पठानकोट पर हमला  किया तो उस दिन भी भूकंप आया ।हर भूकंप का फल एक जैसा नहीं होता इसलिए कौन कैसा फल करेगा ये भूकंप आने के समय एवं स्थान पर डिपेंड करता है मूल बात ये कि इन्हें खोजने में हमें सफलता मिली है और ये सब भी मैंने पहले ही अपने ब्लॉगर पर लिख रखा है बाद में कोई एडीटिंग नहीं हुई है इस बात की अभी भी जाँच की जा सकती है
    इसके बाद 10-4-2016 को आया  भूकंप भारत और पकिस्तान के बीच कटुता बढ़ाने वाला था उसके बाद दिनों दिन भारत पाक के बीच की आपसी दूरियाँ बढ़ती चली गईं इसका प्रभाव 10 अक्टूबर 2016 तक रहना था । ये पहले ही अपने ब्लॉगर पर लिख रखा है बाद में कोई एडीटिंग नहीं हुई है इस बात की अभी भी जाँच की जा सकती है
    उधर 31- 08-2016 सुबह पाक और चीन में संयुक्त भूकंप आया जो इन दोनों देशों की मित्रता बढ़ाने वाला तो था ही इसका एक और फल था कि ये पाक और चीन मिलकर फरवरी 2017 तक भारत के विरुद्ध कोई बड़ा षडयंत्र कर सकते हैं । इसी के फल स्वरूप 18 सितम्बर 2016 को उरी में हमला हुआ ये चीन की सह पर पाक प्रायोजित हमला माना जा सकता है ।
      1-10-2016 को पाकिस्तान और कश्मीर में आए भूकंप के फल स्वरूप भारत और पाकिस्तान के मध्य आपसी संबंध बिगड़ते चले जाएँगे इसका असर मार्च 2017 तक रहेगा जिसमें 15 -11-2016 तक सौ प्रतिशत असर रहेगा उसके बाद फरवरी 2017 तक 70 प्रतिशत  उसके बाद धीरे धीरे सामान्य होता चला जाएगा !
       विशेष बात ये है कि भारत और पाकिस्तान में इस बीच यदि कोई दूसरा संयुक्त भूकंप नहीं आता है तो मार्च 2017 तक भारत को पाकिस्तान पर किसी भी प्रकार का विश्वास नहीं करना चाहिए और यदि कोई भूकंप आ जाता है तो ये असर बदल भी सकता है ।
    इसीप्रकार से प्रकृति से संबंधित और भी बहुत सारे परिवर्तनों बदलावों घटनाओं को अपने शोधकार्य का विषय बनाया जा चुका है जिसके परिणाम काफी सकारात्मक मिलते दिखाई पड़  रहे हैं हमारा अनुमान है कि भूकंप संबंधी पूर्वानुमानों पर भी कोई बड़ी सफलता हाथ लग सकती है किंतु ये सबकुछ सरकार के सहयोग के बिना कर पाना काफी कठिन है ।
     महोदय !ये जितनी भी घटनाएँ मैंने यहाँ उद्धृत की हैं उनकी विश्वसनीयता सिद्ध करने के लिए जिस दिन जो भूकंप आया था उसका फल विस्तार पूर्वक उसी दिन अपने ब्लॉग पर प्रकाशित कर दिया था वो पेज दोबारा खोलकर संशोधित नहीं किए गए हैं सरकार चाहे तो हमारी इस बात की सत्यता की जाँच की जा सकती है ।
      महोदय ! इस वैदिकविधा से वर्षा तूफान यहाँ तक कि भावी भूकंपों का पूर्वानुमान लगाने में काफी मदद मिल सकती है किंतु यह कठिन  काम सरकार के सहयोग के बिना संभव नहीं है इस दिशा में अभी तक जो काम हमने किया भी है उससे  सकारात्मक परिणाम मिले भी हैं ।
         श्रीमान जी !अपने इस शोध से संबंधित निवेदनों के पत्र मैं इससे संबंधित कई मंत्रालयों में कई कई बार भेज चुका हूँ किंतु उत्तर में वहाँ से प्राप्तपत्रों में हमारी रिसर्चभावना एवं कार्य को देखने समझने की जरूरत नहीं समझी गई उनका मानना है कि जो साइंस पढ़ा है वही वैज्ञानिक विषयों पर अनुसन्धान कर सकता है चूँकि मैंने वैदिक विज्ञान पढ़ा है इसलिए मेरी कही हुई बात विश्वसनीय नहीं है । इसलिए मुझे अपना निवेदन आपसे करना पड़ा है । 
  महोदय !अतएव आपसे सानुरोध निवेदन है कि मुझे अपनी बात आपके समक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय दिया जाए और हमारा कार्य यदि तर्क पूर्ण और उचित लगे तो हमारा सहयोग भी किया जाए !
                                                       निवेदक  भवदीय - 
                                           राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
                           --------------------------आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी -------------------------------
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
Mobile : +919811226973,

कोई टिप्पणी नहीं: