मीडिया का हर माध्यम मनोरंजन की तरह प्रस्तुत कर रहा है राशिफल और ज्योतिष !मीडिया वैदिक विज्ञान और धर्म के मामले में अपना धर्म भूलता जा रहा है जो चिंतनीय है !अपनी सजीव संस्कृति एवं प्राचीन मूल्यों की वैज्ञानिकता की ओर भी देखे मीडिया !
नैतिक एवं सजीव पत्रकारों से निवेदन है कि मेरी भी बातों पर विचार करें !केवल खबरें दिखाना मात्र मीडिया का काम नहीं हैं अपितु सच सामने लाना भी मीडिया का ही धर्म है ! ज्योतिष और धर्म को लेकर जितना भ्रष्टाचार है सारा मीडिया का ही तो फैलाया हुआ है धार्मिक वेषभूषा धारण करके समाज का दोहन करते हुए शिखरों पर पहुंचे आपराधिक चिंतन वाले लोग वो जेलों से बाहर या जेलों के अंदर किंतु वे सब मिडिया के ही तो तो पाले पोषे हैं !
कसरत करने वालों को मीडिया ने 'योगी' और 'योगगुरु' बता दिया जब वो ऊटपटाँग धंधा व्यापार करने लगे तब मीडिया में ये साहस नहीं दिखा कि वो एक बार कहता तो कि 'योगी' कभी व्यापारी नहीं हो सकता क्या पतंजलि होते तो बिस्कुट जैसी चीजों को स्वास्थ्य के लिए हितकर बताते !किंतु आज का पतंजलि तो ऋषियों का नाम ले लेकर कितना भी बड़ा झूठ बोल सकता है !नाक पोंछने झाड़ा फिरने तक को तो योग बताया जा रहा है किंतु क्या योग वास्तव में यही था मीडिया से सच्चाई समझना चाहता है देश किंतु मीडिया भी उन्हीं के साथ बह रहा है मीडिया का ये ढुलमुल रवैया देश और समाज के लिए घातक है |!मीडिया को ऐसे जिम्मेदार लोगों से पूछना चाहिए कि यदि ये नाक भौं सिकोड़ना फैलाना ही योग है तो व्यायाम क्या है!और यदि यही करना है तो गरीबों ग्रामीणों किसानों मजदूरों को तो ऐसी कसरतें दिन भर करनी पड़ती है इसीलिए उनका वजन नहीं बढ़ता पेट नहीं फूलते तो क्या उन्हें भी अब योगी कहा जाएगा !और यदि हाँ तो इन सरकारी योगियों से सैकड़ों गुना ज्यादा योग्य उन लोगों को दिया जाए धन वो सिखाएंगे कसरतें भले आप उसे कहते रहना योग ! इसी प्रकार से ज्योतिष में है सरकार ने बड़े बड़े विश्व विद्यालय बना रखे हैं जिनमें अन्य विषयों की तरह ही पाठ्यक्रम पूर्वक ज्योतिष की भी पढ़ाई होती है डिग्रियाँ मिलती हैं Ph.D.तक करवाई जाती है किंतु मीडिया के सभी माध्यमों पर छाए रहते हैं 99 प्रतिशत अनपढ़ ज्योतिषी और किया करते हैं बिना सिर पैर की बकवास !उनकी कही हुई बातें सौ प्रतिशत झूठ और उपाय मन गढंत होते हैं जिनका ज्योतिष शास्त्र से कोई सम्बन्ध ही नहीं है ऐसे लोगों को भी मीडिया सुप्रसिद्ध 'ज्योतिषाचार्य'(M.A.) जैसे सम्बोधनों से प्रचारित करता है क्या ये मीडिया की गलती नहीं है मीडिया की गैर जिम्मेदार व्यवहारों से समाज में ज्योतिष और धर्म के नाम पर धोखा बढ़ी है अवसाद बढ़ा है अपराध बढ़े हैं निरंकुशता बढ़ी है मीडिया चाहे तो मैं प्रमाणित करने को तैयार हूँ !
ज्योतिष बहुत बड़ा विज्ञान है ये आधुनिक चिकित्सा पद्धति के लिए बड़ा सहयोगी सिद्ध हो सकता है मानसिक तनावों को रोकने में बड़ा मददगार हो सकता है बाढ़ और भूकंप जैसी बड़ी दुर्घटनाओं के पूर्वानुमान लगाने में अद्भुत क्षमता रखता है मैंने इसपर इसी वैज्ञानिक दृष्टि से बहुत काम किया है जिसके अभी तक जो परिणाम सामने आए हैं वो चमत्कृत कर देने वाले हैं भूकंप जैसे पूर्वानुमानों की अध्ययन प्रक्रिया को नई राह दिखाने वाले हैं किंतु इन सब को अभी तक सरकार इसीलिए नहीं मानती है क्योंकि टीवी चैनलों पर ज्योतिष के नाम पर परोसे जा रहे झूठ पर पढ़े लिखे लोग भरोसा ही नहीं करते हैं !
टूटते परिवारों और बिखरते समाज को बचा सकता है ज्योतिष !बढ़ते अपराधों को घटा सकता है ज्योतिष रोग और मनोरोग होने का पूर्वानुमान लगा सकता है ज्योतिष!बशर्ते ज्योतिष का विद्वान ज्योतिष सब्जेक्ट में वेलक्वालिफाइड हो !अन्यथा लोग पढ़े कुछ और होते हैं या होते हैं और धंधा ज्योतिष का फैला लेते हैं समाज उन्हें ज्योतिषी मानकर सेवाएँ उनसे लेता है और असफल होने पर निंदा ज्योतिष की करता है हार्टसर्जरी के लिए उपयोग मोचियों का किया जाए और असफल होने पर निंदा हार्ट सर्जनों की जाए !ये कितना न्यायोचित है !
इन बातों को जब जहाँ जो चाहे मैं स्वयं उचित मंच पर सिद्ध कर सकता हूँ किंतु धर्म एवं वैदिक विज्ञान के मामले में मीडिया को झूठ परोसने से फुरसत ही नहीं हैं मीडिया यदि अभी भी इस क्षेत्र में नैतिकता का पालन करते हुए समाज के हितों के साथ खड़ा होना चाहे तो मैं चूँकि पिछले 20 वर्षों से इन्हीं विषयों पर वैज्ञानिक दृष्टि से शोध करता रहा हूँ इसलिए मैं यह सिद्ध करने में सक्षम हूँ कि ज्योतिष किस किस प्रकार से समाज के लिए संजीवनी सिद्ध हो सकता है और कितना उपयोगी है !मीडिया चाहे तो इस विज्ञान के वास्तविक स्वरूप को जन जन तक पहुँचा सकता है ...http://snvajpayee.blogspot.in/2012/10/drshesh-narayan-vajpayee-drsnvajpayee.html
डॉक्टर डॉक्टर करने से कोई डॉक्टर नहीं हो जाता तो राशिफल राशिफल कहने से कोई ज्योतिषी कैसे हो सकता है अरे ज्योतिषियों की भी ज्योतिष सब्जेक्ट में अपनी क्वालीफिकेशन होती है किंतु उसे ठेंगा दिखा कर मन चाहा झूठ बोलते जा रहे हैं लोग !ये भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है और क्यों नहीं होनी चाहिए ऐसे लोगों पर कार्यवाही !
कितने लोगों को पता है कि चैनलों पर या अखवारों में बताए या लिखे जाने वाले राशिफल का सच से कोई सम्बन्ध नहीं होता है ऐसी हरकतें कुछ ज्योतिष बिना पढ़े लिखे लोग अपने को ज्योतिषी सिद्ध करने के लिए करते हैं रोज राशिफल और ज्योतिष का नाम लेंगे तो लोग समझ लेते हैं कि ज्योतिषी होंगे तभी तो ऐसा करते हैं !किंतु ज्योतिष शास्त्र का कोई भी विद्वान् इतने बेशर्मी से इतना बड़ा झूठ इतनी निर्भीकता पूर्वक बोल ही नहीं सकता है !BHU जैसे तमाम अन्य विश्व विद्यालयों के ज्योतिष विभाग के कितने रीडर प्रोफेसर टीवी चैनलों पर आज तक दिखाई पड़े !कितने डॉक्टर इंजीनियर अपने विषयों में बकवास करते टीवी चैनलों पर देखे जाते हैं !पाखंडियों के आलावा कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति ऐसी हरकतें कर ही नहीं सकता है !
नैतिक एवं सजीव पत्रकारों से निवेदन है कि मेरी भी बातों पर विचार करें !केवल खबरें दिखाना मात्र मीडिया का काम नहीं हैं अपितु सच सामने लाना भी मीडिया का ही धर्म है ! ज्योतिष और धर्म को लेकर जितना भ्रष्टाचार है सारा मीडिया का ही तो फैलाया हुआ है धार्मिक वेषभूषा धारण करके समाज का दोहन करते हुए शिखरों पर पहुंचे आपराधिक चिंतन वाले लोग वो जेलों से बाहर या जेलों के अंदर किंतु वे सब मिडिया के ही तो तो पाले पोषे हैं !
कसरत करने वालों को मीडिया ने 'योगी' और 'योगगुरु' बता दिया जब वो ऊटपटाँग धंधा व्यापार करने लगे तब मीडिया में ये साहस नहीं दिखा कि वो एक बार कहता तो कि 'योगी' कभी व्यापारी नहीं हो सकता क्या पतंजलि होते तो बिस्कुट जैसी चीजों को स्वास्थ्य के लिए हितकर बताते !किंतु आज का पतंजलि तो ऋषियों का नाम ले लेकर कितना भी बड़ा झूठ बोल सकता है !नाक पोंछने झाड़ा फिरने तक को तो योग बताया जा रहा है किंतु क्या योग वास्तव में यही था मीडिया से सच्चाई समझना चाहता है देश किंतु मीडिया भी उन्हीं के साथ बह रहा है मीडिया का ये ढुलमुल रवैया देश और समाज के लिए घातक है |!मीडिया को ऐसे जिम्मेदार लोगों से पूछना चाहिए कि यदि ये नाक भौं सिकोड़ना फैलाना ही योग है तो व्यायाम क्या है!और यदि यही करना है तो गरीबों ग्रामीणों किसानों मजदूरों को तो ऐसी कसरतें दिन भर करनी पड़ती है इसीलिए उनका वजन नहीं बढ़ता पेट नहीं फूलते तो क्या उन्हें भी अब योगी कहा जाएगा !और यदि हाँ तो इन सरकारी योगियों से सैकड़ों गुना ज्यादा योग्य उन लोगों को दिया जाए धन वो सिखाएंगे कसरतें भले आप उसे कहते रहना योग ! इसी प्रकार से ज्योतिष में है सरकार ने बड़े बड़े विश्व विद्यालय बना रखे हैं जिनमें अन्य विषयों की तरह ही पाठ्यक्रम पूर्वक ज्योतिष की भी पढ़ाई होती है डिग्रियाँ मिलती हैं Ph.D.तक करवाई जाती है किंतु मीडिया के सभी माध्यमों पर छाए रहते हैं 99 प्रतिशत अनपढ़ ज्योतिषी और किया करते हैं बिना सिर पैर की बकवास !उनकी कही हुई बातें सौ प्रतिशत झूठ और उपाय मन गढंत होते हैं जिनका ज्योतिष शास्त्र से कोई सम्बन्ध ही नहीं है ऐसे लोगों को भी मीडिया सुप्रसिद्ध 'ज्योतिषाचार्य'(M.A.) जैसे सम्बोधनों से प्रचारित करता है क्या ये मीडिया की गलती नहीं है मीडिया की गैर जिम्मेदार व्यवहारों से समाज में ज्योतिष और धर्म के नाम पर धोखा बढ़ी है अवसाद बढ़ा है अपराध बढ़े हैं निरंकुशता बढ़ी है मीडिया चाहे तो मैं प्रमाणित करने को तैयार हूँ !
ज्योतिष बहुत बड़ा विज्ञान है ये आधुनिक चिकित्सा पद्धति के लिए बड़ा सहयोगी सिद्ध हो सकता है मानसिक तनावों को रोकने में बड़ा मददगार हो सकता है बाढ़ और भूकंप जैसी बड़ी दुर्घटनाओं के पूर्वानुमान लगाने में अद्भुत क्षमता रखता है मैंने इसपर इसी वैज्ञानिक दृष्टि से बहुत काम किया है जिसके अभी तक जो परिणाम सामने आए हैं वो चमत्कृत कर देने वाले हैं भूकंप जैसे पूर्वानुमानों की अध्ययन प्रक्रिया को नई राह दिखाने वाले हैं किंतु इन सब को अभी तक सरकार इसीलिए नहीं मानती है क्योंकि टीवी चैनलों पर ज्योतिष के नाम पर परोसे जा रहे झूठ पर पढ़े लिखे लोग भरोसा ही नहीं करते हैं !
टूटते परिवारों और बिखरते समाज को बचा सकता है ज्योतिष !बढ़ते अपराधों को घटा सकता है ज्योतिष रोग और मनोरोग होने का पूर्वानुमान लगा सकता है ज्योतिष!बशर्ते ज्योतिष का विद्वान ज्योतिष सब्जेक्ट में वेलक्वालिफाइड हो !अन्यथा लोग पढ़े कुछ और होते हैं या होते हैं और धंधा ज्योतिष का फैला लेते हैं समाज उन्हें ज्योतिषी मानकर सेवाएँ उनसे लेता है और असफल होने पर निंदा ज्योतिष की करता है हार्टसर्जरी के लिए उपयोग मोचियों का किया जाए और असफल होने पर निंदा हार्ट सर्जनों की जाए !ये कितना न्यायोचित है !
इन बातों को जब जहाँ जो चाहे मैं स्वयं उचित मंच पर सिद्ध कर सकता हूँ किंतु धर्म एवं वैदिक विज्ञान के मामले में मीडिया को झूठ परोसने से फुरसत ही नहीं हैं मीडिया यदि अभी भी इस क्षेत्र में नैतिकता का पालन करते हुए समाज के हितों के साथ खड़ा होना चाहे तो मैं चूँकि पिछले 20 वर्षों से इन्हीं विषयों पर वैज्ञानिक दृष्टि से शोध करता रहा हूँ इसलिए मैं यह सिद्ध करने में सक्षम हूँ कि ज्योतिष किस किस प्रकार से समाज के लिए संजीवनी सिद्ध हो सकता है और कितना उपयोगी है !मीडिया चाहे तो इस विज्ञान के वास्तविक स्वरूप को जन जन तक पहुँचा सकता है ...http://snvajpayee.blogspot.in/2012/10/drshesh-narayan-vajpayee-drsnvajpayee.html
डॉक्टर डॉक्टर करने से कोई डॉक्टर नहीं हो जाता तो राशिफल राशिफल कहने से कोई ज्योतिषी कैसे हो सकता है अरे ज्योतिषियों की भी ज्योतिष सब्जेक्ट में अपनी क्वालीफिकेशन होती है किंतु उसे ठेंगा दिखा कर मन चाहा झूठ बोलते जा रहे हैं लोग !ये भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है और क्यों नहीं होनी चाहिए ऐसे लोगों पर कार्यवाही !
कितने लोगों को पता है कि चैनलों पर या अखवारों में बताए या लिखे जाने वाले राशिफल का सच से कोई सम्बन्ध नहीं होता है ऐसी हरकतें कुछ ज्योतिष बिना पढ़े लिखे लोग अपने को ज्योतिषी सिद्ध करने के लिए करते हैं रोज राशिफल और ज्योतिष का नाम लेंगे तो लोग समझ लेते हैं कि ज्योतिषी होंगे तभी तो ऐसा करते हैं !किंतु ज्योतिष शास्त्र का कोई भी विद्वान् इतने बेशर्मी से इतना बड़ा झूठ इतनी निर्भीकता पूर्वक बोल ही नहीं सकता है !BHU जैसे तमाम अन्य विश्व विद्यालयों के ज्योतिष विभाग के कितने रीडर प्रोफेसर टीवी चैनलों पर आज तक दिखाई पड़े !कितने डॉक्टर इंजीनियर अपने विषयों में बकवास करते टीवी चैनलों पर देखे जाते हैं !पाखंडियों के आलावा कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति ऐसी हरकतें कर ही नहीं सकता है !
टीवी पर बताया जाने वाला राशिफल या भविष्य संबंधी बातें आप अपने परिचितों पर घटा कर देखिए सौ प्रतिशत झूठ निकलेंगी इस धोखा धड़ी की कमाई खाना मीडिया को अब बंद कर देना चाहिए !मेडिकल आदि विषयों की तरह ही ज्योतिष पाठ्यक्रम और डिग्रियों आदि की पढाई
की व्यवस्था BHU जैसे बड़े विश्व विद्यालयों में सरकार ने कर रखी है किंतु वो मीडिया के मन मुताबिक झूठ नहीं बोल पाते हैं मीडिया को पैसे नहीं दे पाते हैं पैसों के लिए इतना गिर गया है मीडिया कि अनाधिकारियों को अधिकारियों की तरह प्रस्तुत करने लगा है ये समाज के साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी है मीडिया को चाहिए कि ऐसे लोगों से बकवास शुरू कराने से पहले विश्व के जाने माने ज्योतिषी या ज्योतिषाचार्य बताने से पहले उनका परिचय उनके ज्योतिष
क्वालीफिकेशन से करवावे किंतु मीडिया को ये इसलिए पसंद नहीं है क्योंकि
उसे सच्चाई पता होती है कि ऐसा शुरू करेंगे तो ये अभी भाग जाएँगे !
भविष्य
संबंधी झूठ बोलने आने वाले जो लोग इन दैनिक राशिफल जैसी बकवासों को सच या ज्योतिष सम्मत सिद्ध करना चाहते हैं हम उनसे खुले मंच पर खुली बहस करने को तैयार हैं बशर्ते उन्हें अपनी ज्योतिष क्वालीफिकेशन के डिग्री प्रमाणपत्र दिखाने होंगे और मैं भी दिखाऊँगा !बहस तो बराबरी में ही हो सकती है अन्यथा हार्ट सर्जरी करने वालों को मोची भी बहस के लिए ललकारने लगेंगे !बहुत मोचियों को लगता होगा कि हार्ट सर्जरी का मतलब केवल काटना सिलना होता है और वो मैं भी कर लेता हूँ इसी प्रकार से बहुत पाखंडी लोगों ने ज्योतिष बिना पढ़े लिखे भी केवल ज्योतिष संबंधी राशि फल आदि बकवास करके अपने को ज्योतिषी सिद्ध कर रखा है !बहुत लोगों को नहीं पता है कि मेडिकल आदि विषयों की तरह ही ज्योतिष
पाठ्यक्रम और डिग्रियों आदि की पढाई की व्यवस्था BHU जैसे विश्व विद्यालयों
में सरकार ने कर रखी है उसी अज्ञान का फायदा उठाया करते हैं पाखंडी लोग !
चुनावी भविष्यवाणियाँ ज्योतिषशास्त्र के द्वारा की ही नहीं जा सकतीं !जो करते हैं वो होती हैं सौ प्रतिशत झूठ!see more... http://bharatjagrana.blogspot.in/2016/09/blog-post.html
चुनावी भविष्यवाणियाँ ज्योतिषशास्त्र के द्वारा की ही नहीं जा सकतीं !जो करते हैं वो होती हैं सौ प्रतिशत झूठ!see more... http://bharatjagrana.blogspot.in/2016/09/blog-post.html
मीडिया और झोलाछाप ज्योतिषियों की साँठ गाँठ से योजना पूर्वक तैयार किया
जाता है ये मनगढंत राशिफल एवं उनके उपायों के आडंबर ! राशिफल बताने या
लिखने के नाम पर जो मुख में आता है सो बका करते हैं ये लोग ! क्या यही
ज्योतिष विज्ञान है ?यदि ऐसी राशिफली बातों को आप टेप करके अचानक उन
राशिफलियों से मिलें और पूछें कि अमुक राशि का अमुक तारीख को राशिफल क्या
था ?तो ऐसे लोग वो या उससे मिलता जुलता राशिफल दुबारा नहीं बता सकते और यदि
बताएँगे तो उसका उस दिन वाले उनके राशिफल से कोई मेल नहीं खाएगा !जबकि यदि
सही होता तो मेल तो खाना चाहिए क्योंकि किसी एक विंदु के लिए शास्त्रीय सच
अलग अलग नहीं हो सकता!दूसरी बात ऐसे राशिफलों के ज्योतिष शास्त्र में कहीं
प्रमाण नहीं मिलते !फिर भी यदि किसी को लगता है कि उसके पास इस राशिफल के
समर्थन में शास्त्रीय प्रमाण हैं तो यहीं कमेंट में लिखें वो प्रमाण!बंधुओ
!अब आप स्वयं समझिए कि ये राशिफल सही हो क्यों नहीं सकता !
राशिफली ज्योतिषी कभी भी कुछ भी बकने लगते हैं जिसका सच्चाई से दूर दूर तक
कोई सम्बन्ध ही नहीं होता है ! इन मीडियायी ज्योतिषियों का बताया गया
राशिफल ,ग्रहों की खराबी एवं उन्हें ठीक करने के उपाय तथा अन्य सभी प्रकार
की धर्म कर्म चर्चाएँ कथा कहानियाँ मंत्र तंत्र नग नगीने मणियाँ कवच
कुण्डल यंत्र आदि के विषय में इनके द्वारा की या बताई गई बातें शत प्रतिशत
मनगढंत काल्पनिक अशास्त्रीय एवं अविश्वसनीय होती हैं यहाँ तक कि इनके
द्वारा बोले गए मंत्रों का अधिकांश उच्चारण अशुद्ध होता है वैसे वो मंत्र
यंत्र सब इनके अपने बनाए हुए प्रोडक्ट होते हैं इसलिए वो सच होंगे इसकी आशा
ही क्यों करनी !
अब बात राशिफल की -राशिफल(दैनिक) कहीं मीडिया और झोलाछाप ज्योतिषियों की साँठ गाँठ से गढ़ा गया झूठ का पुलिंदा ही तो नहीं है !आखिर कहाँ हैं ऐसे राशिफल के शास्त्रीय प्रमाण ?
राशिफल(दैनिक ) सच होता है या झूठ ?
बंधुओ !ज्योतिष में प्रतिदिन जब कोई ग्रह नहीं बदलता तो प्रतिदिन राशिफल कैसे बदल जाता है ?
अब बात राशिफल की -राशिफल(दैनिक) कहीं मीडिया और झोलाछाप ज्योतिषियों की साँठ गाँठ से गढ़ा गया झूठ का पुलिंदा ही तो नहीं है !आखिर कहाँ हैं ऐसे राशिफल के शास्त्रीय प्रमाण ?
राशिफल(दैनिक ) सच होता है या झूठ ?
बंधुओ !ज्योतिष में प्रतिदिन जब कोई ग्रह नहीं बदलता तो प्रतिदिन राशिफल कैसे बदल जाता है ?
बंधुओ!
जो राशिफल आप रोज बड़ी श्रद्धा से यह समझकर सुनते पढ़ते हैं कि ये ज्योतिष
शास्त्र से प्रमाणित है इसलिए सच होगा ही किंतु यदि आपको यह पता लगे कि तरह
तरह से आपको प्रतिदिन बताए जाने वाले दैनिक राशिफल के प्रमाण ही ज्योतिष
में नहीं मिलते हैं ये तो केवल आपके मनोरंजन मात्र के लिए कल्पना करके लिखा
या बताया या आपको सुनाया पढ़ाया जाता है तो कैसा लगेगा आपको ?
कोई कुशल शराबी शराब पीकर जितने फर्राटे से गालियाँ नहीं दे सकता उससे जल्दी रोज राशिफल बकने वाले लोग बक देते हैं आखिर कैसे ? क्या इसके प्रमाण भी हैं कहीं जानिए आप भी ? क्या आपका भाग्य बताना इतना मजाक है ? या उन्हें रोज का राशिफल याद होता है ?बंधुओ !कहीं ज्योतिषीय राशिफल के नाम पर बेझिझक कल्पित झूठ ही तो नहीं बका जा रहा है अखवारों और टी.वी.चैनलों पर रोज !आखिर ज्योतिष शास्त्र में क्या हैं इसके प्रमाण !और यदि हैं तो वे राशिफल के साथ ही क्यों न प्रस्तुत किए जाएँ !और बिना शास्त्रीय प्रमाणों के दैनिक राशिफल को सच कैसे मान लिया जाए?
बंधुओ!मुझे पता था कि दैनिक राशिफल के आधारभूत सक्षम प्रमाण ज्योतिष शास्त्र में नहीं हैं तो हमारे संस्थान ने कई टीवी चैनलों अखवारों और राशिफली लोगों को पत्र लिखे कि आपके बताए हुए राशिफल का आधार ज्योतिष में आखिर क्या होता है तो न कहीं से किसी का कोई जवाब आया और न ही किसी ने प्रमाण प्रस्तुत किए !बंधुओ ! आइए अब हम लोग स्वयं समझते हैं कि वास्तव में गड़बड़ी है कहाँ ?-
कोई कुशल शराबी शराब पीकर जितने फर्राटे से गालियाँ नहीं दे सकता उससे जल्दी रोज राशिफल बकने वाले लोग बक देते हैं आखिर कैसे ? क्या इसके प्रमाण भी हैं कहीं जानिए आप भी ? क्या आपका भाग्य बताना इतना मजाक है ? या उन्हें रोज का राशिफल याद होता है ?बंधुओ !कहीं ज्योतिषीय राशिफल के नाम पर बेझिझक कल्पित झूठ ही तो नहीं बका जा रहा है अखवारों और टी.वी.चैनलों पर रोज !आखिर ज्योतिष शास्त्र में क्या हैं इसके प्रमाण !और यदि हैं तो वे राशिफल के साथ ही क्यों न प्रस्तुत किए जाएँ !और बिना शास्त्रीय प्रमाणों के दैनिक राशिफल को सच कैसे मान लिया जाए?
बंधुओ!मुझे पता था कि दैनिक राशिफल के आधारभूत सक्षम प्रमाण ज्योतिष शास्त्र में नहीं हैं तो हमारे संस्थान ने कई टीवी चैनलों अखवारों और राशिफली लोगों को पत्र लिखे कि आपके बताए हुए राशिफल का आधार ज्योतिष में आखिर क्या होता है तो न कहीं से किसी का कोई जवाब आया और न ही किसी ने प्रमाण प्रस्तुत किए !बंधुओ ! आइए अब हम लोग स्वयं समझते हैं कि वास्तव में गड़बड़ी है कहाँ ?-
सूर्य एक राशि एक महीने में बदलता है ,चंद्रमा सवा दो दिन में ,मंगल लगभग
45 दिनों में,बुध शुक्र लगभग एकमहीने में ,गुरु 13 महीनों में राहु केतु 18
महीनों में एवं शनि 30 महीने में बदलता है अपनी राशि फिर राशिफल रोज कैसे
बदल सकता है यदि ये भी मान लिया जाए कि चंद्रमा सवा दो दिनों में राशि
बदलता इसलिए बदल जाता होगा राशिफल किंतु वो भी तो सवा दो दिनों बाद बदलना
चाहिए यहाँ एक बात और ध्यान रखनी होगी कि यदि केवल चन्द्रमा के आधार पर यूँ
ही बदला जाता रहा राशिफल तो बाकी ग्रहों की उपेक्षा कैसे की जा सकती है
इसलिए महीने भर से कम का राशिफल बिलकुल बकवास है इससे अधिक कुछ नहीं और
इसके आधार पर बताए जा रहे कोयला कंकरों कौवे कुत्तों के उपाय तो बिलकुल
हास्यास्पद हैं ही , ज्योतिष शास्त्र में ऐसी बकवास कहीं नहीं मिलती है ऐसे
उपाय और दैनिक राशिफल उन लोगों के झोला छाप और फर्जी ज्योतिषी होने के
मजबूत प्रमाण माने जाने चाहिए अन्यथा उन्हें अपनी कल्पित तथ्यहीन बातों को
शास्त्र से प्रमाणित करना चाहिए !ऐसे पाखंडों का खंडन करने के लिए किसी भी
मंच पर खुली चर्चा के लिए तैयार होना
हमारी मजबूरी है क्योंकि ज्योतिष सम्बन्धी हमारी जिस बात को हम ज्योतिष से
ही नहीं प्रमाणित कर सकते उसे ज्योतिष कैसे माना जा सकता है !आजकल लोग
करवा चौथ जैसे पर्वों में राशियों के हिसाब से साड़ियों के कलर तक बताने लगे
हैं दीवाली में पूजा भी राशियों के हिसाब से बताने लगे हैं आश्चर्य है झूठ
बोलने की भी कोई तो सीमा होनी ही चाहिए !
इसे
बिडंबना ही कहा जाएगा कि कुछ लोगों के द्वारा ज्योतिष
शास्त्र को आज जुएँ या मनोरंजन की तरह प्रयोग किया जा रहा है वास्तु
शास्त्र के नाम पर
वास्तु कला का प्रचार-प्रसार हो रहा है कुछ लोग राजनैतिक तथा खेलों के विषय
में तथ्यहीन, सार हीन, आधारहीन ज्योतिष शास्त्र के विमुख बेतुका भविष्य
भाषण कर रहे हैं। ऐसे निरंकुश लोगों को सरकार और कानून का बिल्कुल भय नहीं
है। सही हो या नहीं सुनने में केवल अच्छा लगे। मीडिया के सभी माध्यमों
समेत टेलीवीजनों पर रोज राशिफल
बताया जा रहा है दिन में कई-कई बार बताया जा रहा है कई-कई लोगों के द्वारा
बताया जा रहा है।सब अलग-अलग बकते बयाते हैं।कई लोग तो एक ही दिन में एक
ही राशि और एक ही दिन के विषय में अलग अलग चैनलों पर कई बार एक दूसरे के
बिलकुल बिपरीत बोलते हैं जबकि ज्योतिष तो
गणित है उसमें इतना अंतर कैसे हो सकता है!क्या है आधार इस राशिफली बकवास
का?है कोई पूछने वाला कि जब ग्रह रोज नहीं बदलते तो राशि फल प्रतिदिन कैसे
बदल जाता
है? आजकल ऐसे ड्रामे हर तिथि त्यौहार में शुरू कर दिए जाते हैं लोग कुछ
नहीं तो राशिफल ही लेकर बैठ जाते हैं ऐसे झूठ ने ज्योतिष शास्त्र का बहुत
बड़ा नुक्सान किया है!इन्हीं लोगों की कृपा से आज अदने से लोग कहीं भी
बेधड़क होकर बोल देते हैं कि ज्योतिष झूठ है अंधविश्वास पाखण्ड है आदि आदि !
आखिर ऐसी बातें उन लोगों को बुरी क्यों नहीं लगनी चाहिए जो अपने
पूर्वजों की विद्या ज्योतिष पर गर्व करते हैं !
एक बात और है कि संसार में एक ही राशि के बहुत लोग होते हैं। उन सब पर
इस तथाकथित एक जैसे राशिफल की प्रवृत्ति कैसे होती है? एक और बात है कि एक
आदमी के कई-कई नाम होते
हैं किस नाम का राशिफल उस पर घटित होगा?जन्मराशि मानी जाएगी या नामराशि या
कौन सी नाम राशि
आदि भ्रामक प्रश्नों के उत्तर समाज को मिलने ही चाहिए। इसमें
विशेष बात एक और है कि प्रतिदिन बिना पूछे टी.वी. पर राशिफली बकवास करने
वालों के विरुद्ध कानूनी शक्ती होनी चाहिए क्योंकि कई बार व्यक्ति किसी काम
के लिए जा रहा होता है अचानक राशिफल कानों में पड़ा कि आज आपके काम नहीं
बनेंगे सुनते ही वो नरबस हो जाता हैऔर अपना कार्यक्रम कैंशिल कर
देताहै।
राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, मुख्यमन्त्री, केन्द्रीय मन्त्री,
राज्यमन्त्री, सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, बड़े व्यापारी, धनी आदि
लोकप्रतिष्ठा राज योग कारक ग्रहों के होने से मिलती है। किस राजयोग कारक
ग्रह के होने से मिलती है। कौन राजयोग किस लायक है किससे प्रधानमन्त्री और
किससे विधायक बना जा सकता है किस राजयोग में विपक्ष का नेता बना जा सकता
है। आदि प्रश्नों के उत्तर देना कठिन ही नहीं असम्भव भी है। कहना आसान है
कि सबके राजयोग अलग-अलग होते हैं कितने भेद करेंगे आप? इसी प्रकार मौसम या
खेलों के सम्बन्ध में की गई भविष्यवाणी भी कोरी बकवास के अलावा कुछ भी
नहीं है।
कोई क्रिस्टल से ,कोई कपड़े
देखकर ,कोई बाल देखकर ,कोई हस्तरेखा देखने का ड्रामा करते हैं ,कोई कोई तो केवल आवाज
सुनकर,कुछ ध्यान करके सबकुछ बताने का नाटक करते हैं ।इन बातों का ज्योतिष शास्त्र से कोई सम्बन्ध नहीं है ।
एक दिन ध्यान करके तीन
जन्मों हाल बताने वाले कलियुगी ज्योतिषी टी .वी .पर इसी तरह का
ज्योतिष जुआँ खेल रहे थे।किसी ने काल किया तो उन्होंने कालर से पूछा कि
तुमने पीले रंग का सूट पहन रखा है तो उसने नीले रंग की साड़ी पहनने की बात
कही इस प्रकार चार बातें पूछीं संयोग से चारों बातें गलत हो गईं ।कोई
शर्मदार होता तो इसके बाद चुप हो जाता किन्तु वे ठहरे ज्योतिष जुआँरी
उन्होंने न केवल भविष्य में सब कुछ ठीक होने की बात कही अपितु अपने यहाँ
से एक अँगूठी भी मँगवाने को कहा।
ये ज्योतिष का जुआँ खेलना ठीक लक्षण नहीं हैं इस शास्त्रीय
संपत्ति की गरिमा बचाए रखने के लिए ही ऐसी विषम परिस्थितियों में धर्म का
ही एकमात्र सहारा बचता है वो भी इन पापी पाखंडियों के द्वारा आज दूषित किया
जा रहा है अब भविष्य जानने के लिए समाज किसकी ओर देखे ?
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