रविवार, 5 अगस्त 2018

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हे भगवान !आरक्षण कभी दुश्मन को भी न मिले !
     देखो दलितों को !आजादी से आजतक आरक्षण ले रहे हैं 
फिर भी ये दुर्दशा है कि आज भी माँग रहे हैं आरक्षण !आरक्षण
 न मिलने की बात सुनते ही दलितों की दम घुटने लगती है ! 
हराम की कमाई खाने की आदत यदि सवर्णों की भी पड़ जाए 
तो उनकी भी यही दुर्दशा होगी !

     





आरक्षण दुर्भाग्य का प्रतीक है !
         भिखारियों को सम्मान नहीं मिलता मनोबल गिर जाता है !आरक्षण पाते ही लोग दो दो टुकड़ों के लिए सरकारों के हाथों की ओर ताका करते हैं और अकर्मण्य नेताओं के आगे पीछे दुम हिलाया करते हैं !दुर्भाग्य !!

आरक्षण अधिकार नहीं हो सकता ये तो भीख है !
     अधिकार अपने पौरुष से बल से योग्यता शिक्षा सेवा समर्पण अनुभव परोपकार आदि सद्गुणों से सिद्ध करने पड़ते हैं !अधिकार माँगने से नहीं मिलते !कोई cm pm dm sdm  बनने का अधिकार भीख में माँगे तो मिल जाएगा क्या !माँगने से जो मिले सो भीख !अपनी प्रतिभा से जो मिले सो अधिकार !

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