गुरुवार, 5 सितंबर 2013

तुम तो अपराध करते रहो हम छोड़ दें ऐसा नहीं हो सकता !

  • जब समाज से अपराध मिटाने की भावना हो तब तो अपराध मिटे!किसी नेता के दमाद पर यदि भौमिक भ्रष्टाचार के आरोप लगें तो कार्यवाही क्यों नहीं होनी चाहिए ?
  •  सरकार और सरकार के मंत्री एवं सरकारी कर्मचारी जिस दिन ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा के प्रति जिस दिन समर्पित हो जाएँगे उस दिन सुधर जाएँगे समाज के सभी वर्ग और सभी लोग !
  • समस्याओं का समाधान दोनों तरफ से निकलेगा एक तरफ से नहीं!सरकार और सरकार के मंत्री एवं सरकारी कर्मचारी भी  प्रयास करें ऐसे समाधान समाधान कहने से समाधान नहीं निकलेगा !
  • आखिर क्यों नहीं होती है सरकारी स्कूलों में पढ़ाई , क्यों निकलता है खाने में जहर ?इसमें जनता का क्या दोष है ?आखिर क्यों नहीं निभा रहे हैं जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी ?
  • केवल गरीब जनता के लिए बनाए जा रहे हैं सारे नियम और कठोर कानून !आखिर भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं को कानून का भय क्यों नहीं है?
  • केवल जनता के इलाज के साथ धोखा धड़ी क्यों ?देश में ऐसे अस्पताल क्यों नहीं बनाए गए हैं जिसमें सोनियाँ जी इलाज करवा पातीं?जिन अस्पतालों पर सोनियाँ गाँधी को ही विश्वास नहीं है उन अस्पतालों के सहारे सारा देश छोड़कर खुद अपना इलाज कराएँगी विदेश में!केवल अपनी जान ही यदि प्यारी है तो किस मुख से माँगने आती हैं गरीब जनता से वोट ?
  •              जासु    राज   प्रिय  प्रजा दुखारी ।
                  सो नृप अवसि नरक अधिकारी ॥
अपराध घटाने के लिए पहले स्वयं को सुधारना होगा अन्यथा तुम तो अपराध करते रहो और अपराध हमसे  छोड़ने की आशा क्यों ? ऐसा कैसे हो सकता ! 

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