कैसा है शीला दीक्षित जी का आगामी चुनावी भविष्य
(Thursday, March 31, 1938Time of Birth: 12:00:00Place of Birth:Kapurthala)
चुनावी ज्योतिषीय दृष्टि से शीला
दीक्षित जी का कई वर्ष तक अच्छा ही अच्छा समय है। इनकी अपनी ग्रहस्थिति के अनुशार इन्हें
चुनावी समर में पराजित कर पाना विरोधियों के लिए अत्यंत कठिन होगा।आगामी चुनावों में भी शीला
दीक्षित जी को सफलता सुलभ होते दिखती है।
इस चुनावी समर में भाजपा के चार विजयों का एक साथ संगठित होकर चुनावी विजय के लिए विशेष परिश्रम पूर्वक काम करके सफलता हासिल कर पाना यदि असंभव नहीं तो असंभव जैसा जरूर होगा। वैसे भी दिल्ली भाजपा जब तक अपने पाँचों बिजय बीरों को दिल्ली में एक साथ लगभग समान अधिकारों के साथ जमाए रखेगी तब तक दिल्ली भाजपा के हाथ में मुख्यमंत्री पद पहुँचना संभव नहीं लगता ! अतः दिल्ली विजय के लिए इन विजयों में से कुछ विजय लोगों का कार्यस्थल बदला जाना चाहिए! भले ही उन्हें भाजपा अपने केन्द्रीय कार्यक्रमों में उनकी सेवाओं का सदुपयोग करे।
इसका प्रमुख कारण है कि दिल्ली के पाँचों विजयों को एक साथ दिल्ली का मुख्य मंत्री बनाया नहीं जा सकता और इनमें से आगे पीछे कोई बनना नहीं चाहेगा!यदि किसी और को मुख्यमंत्री बनाने के लिए आगे लाया जाएगा तो ये पाँचों विजय उसका दोष भी आपस में ही एक दूसरे पर ही मढेंगे जिसका चुनावी नुकसान भाजपा को ही होगा और फायदा विरोधी पार्टी अर्थात कांग्रेस को होगा इसलिए भाजपा की ओर से इन पाँचों विजयों को अनुशासित करने के लिए यदि गंभीर प्रयास नहीं किए जाते तो काँग्रेस अर्थात शीला दीक्षित जी को भाजपा की ओर से निश्चिन्त रहना चाहिए अर्थात भाजपा की ओर से किसी प्रकार की राजनैतिक बड़ी बाधा की कोई संभावना शीला दीक्षित जी के लिए नहीं दिख रही है है।
दूसरी बात आम आदमी पार्टी की है इस पार्टी में अरविंद जी के विरोध में भड़कने वाले असंतोष के कारण इस दल का कोई सबल आस्तित्व बन पाने से पहले ही काल्पनिक ईमानदार वाद बिखर जाएगा इससे बचाव के लिए अरविन्द जी को चाहिए कि उनकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व केवल श्रीमान अरविन्द जी तक ही सीमित रहे उन्हें अपने ही समान अधिकार प्राप्त कुछ अन्य कार्य कर्ताओं को अपने ही समान शक्ति संपन्न बनाना चाहिए।यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो दिल्ली के चुनावों में उनकी सामर्थ्य उनकी आशा की अपेक्षा बहुत कम रहेगी।
दिल्ली की अभी तक की राजनैतिक गतिविधियों के अनुशार इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में कहा जा सकता है कि वर्तमान मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित जी अपने वर्तमान प्रतिद्वंद्वियों के द्वारा पराजित नहीं की जा सकती हैं।
भाजपा हो या आम आदमी पार्टी दोनों के द्वारा अभी तक की गई चुनावी तैयारियाँ श्रीमती शीला दीक्षित जी को पराजित करने के लिए अपर्याप्त हैं एक ज्योतिष वैज्ञानिक होने के नाते मैं कहना चाहता हूँ कि श्रीमती शीला दीक्षित जी एक अजेय चुनावी योद्धा के रूप में आगामी चुनावों में अपने चुनावी प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलते दिख रही हैं।यदि ऐसा हो ही गया तो इसका श्रेय मुख्य मंत्री के रूप में शीला दीक्षित जी की कार्यकुशलता को कम एवं विपक्षी दलों की शिथिल चुनावी तैयारियों को अधिक देना होगा ।
इस चुनावी समर में भाजपा के चार विजयों का एक साथ संगठित होकर चुनावी विजय के लिए विशेष परिश्रम पूर्वक काम करके सफलता हासिल कर पाना यदि असंभव नहीं तो असंभव जैसा जरूर होगा। वैसे भी दिल्ली भाजपा जब तक अपने पाँचों बिजय बीरों को दिल्ली में एक साथ लगभग समान अधिकारों के साथ जमाए रखेगी तब तक दिल्ली भाजपा के हाथ में मुख्यमंत्री पद पहुँचना संभव नहीं लगता ! अतः दिल्ली विजय के लिए इन विजयों में से कुछ विजय लोगों का कार्यस्थल बदला जाना चाहिए! भले ही उन्हें भाजपा अपने केन्द्रीय कार्यक्रमों में उनकी सेवाओं का सदुपयोग करे।
इसका प्रमुख कारण है कि दिल्ली के पाँचों विजयों को एक साथ दिल्ली का मुख्य मंत्री बनाया नहीं जा सकता और इनमें से आगे पीछे कोई बनना नहीं चाहेगा!यदि किसी और को मुख्यमंत्री बनाने के लिए आगे लाया जाएगा तो ये पाँचों विजय उसका दोष भी आपस में ही एक दूसरे पर ही मढेंगे जिसका चुनावी नुकसान भाजपा को ही होगा और फायदा विरोधी पार्टी अर्थात कांग्रेस को होगा इसलिए भाजपा की ओर से इन पाँचों विजयों को अनुशासित करने के लिए यदि गंभीर प्रयास नहीं किए जाते तो काँग्रेस अर्थात शीला दीक्षित जी को भाजपा की ओर से निश्चिन्त रहना चाहिए अर्थात भाजपा की ओर से किसी प्रकार की राजनैतिक बड़ी बाधा की कोई संभावना शीला दीक्षित जी के लिए नहीं दिख रही है है।
दूसरी बात आम आदमी पार्टी की है इस पार्टी में अरविंद जी के विरोध में भड़कने वाले असंतोष के कारण इस दल का कोई सबल आस्तित्व बन पाने से पहले ही काल्पनिक ईमानदार वाद बिखर जाएगा इससे बचाव के लिए अरविन्द जी को चाहिए कि उनकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व केवल श्रीमान अरविन्द जी तक ही सीमित रहे उन्हें अपने ही समान अधिकार प्राप्त कुछ अन्य कार्य कर्ताओं को अपने ही समान शक्ति संपन्न बनाना चाहिए।यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो दिल्ली के चुनावों में उनकी सामर्थ्य उनकी आशा की अपेक्षा बहुत कम रहेगी।
दिल्ली की अभी तक की राजनैतिक गतिविधियों के अनुशार इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में कहा जा सकता है कि वर्तमान मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित जी अपने वर्तमान प्रतिद्वंद्वियों के द्वारा पराजित नहीं की जा सकती हैं।
भाजपा हो या आम आदमी पार्टी दोनों के द्वारा अभी तक की गई चुनावी तैयारियाँ श्रीमती शीला दीक्षित जी को पराजित करने के लिए अपर्याप्त हैं एक ज्योतिष वैज्ञानिक होने के नाते मैं कहना चाहता हूँ कि श्रीमती शीला दीक्षित जी एक अजेय चुनावी योद्धा के रूप में आगामी चुनावों में अपने चुनावी प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलते दिख रही हैं।यदि ऐसा हो ही गया तो इसका श्रेय मुख्य मंत्री के रूप में शीला दीक्षित जी की कार्यकुशलता को कम एवं विपक्षी दलों की शिथिल चुनावी तैयारियों को अधिक देना होगा ।
इस विषय में Delhi V.J.P. ke 4 Vijay नाम से हमारा लेख Google पर सर्च करके पढ़ा जा सकता है। इसी
विषम स्थिति का सामना आम आदमी पार्टी को भी करना पड़ेगा ! भाजपा की अपेक्षा
इनके लिए एक दरवाजा यह तो खुला है कि इन्हें जो मिलना है सो मिलना ही है
खोने को कुछ नहीं है!यद्यपि वर्तमान परिस्थिति में अपनी बढ़ी लोकप्रियता को
वोट के रूप में बदलकर अपनी साख बचाए रख पाना आम आदमी पार्टी लिए भी अत्यंत कठिन होगा। अत्यधिक तैयारी की आवश्यकता है। इस विषय में आम आदमी पार्टी में अरविन्द जी का भविष्य ? नाम से हमारा लेख Google पर पढ़ा जा सकता है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि विपक्षी पार्टियों के पास उतनी तयारी दिखती नहीं है सफल होने के लिए जिसकी उन्हें आवश्यकता है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो चुनावी समर में शीला दीक्षित जी को पराजित कर पाना विपक्षी पार्टियों के लिए अत्यंत कठिन होगा।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि विपक्षी पार्टियों के पास उतनी तयारी दिखती नहीं है सफल होने के लिए जिसकी उन्हें आवश्यकता है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो चुनावी समर में शीला दीक्षित जी को पराजित कर पाना विपक्षी पार्टियों के लिए अत्यंत कठिन होगा।
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