भाजपा की विजय का कारण क्या है और इसके लिए बधाई का वास्तविक हकदार कौन है ?
सच्चाई स्वीकारने में सँकोच नहीं होना चाहिए प्रांतीय चुनावों की इस विजय में केंद्र का इतना योगदान जरूर माना जा सकता है कि उन उन प्रांतों के अपनी पार्टी प्रमुखों को उनकी अपनी मन मर्जी से काम करने दिया गया जब की दल्ली में ऐसा नहीं हो सका !यहाँ जिन लोगों पर पार्टी को जिताने का सारा दारोमदार था उनकी जो ऊर्जा दूसरे दलों को पछाड़ने में लगानी थी वो अपनों से जूझने में लग गई यदि मुख्यमंत्री प्रत्याशी का निश्चय कुछ और पहले हुआ होता तो आम आदमी पार्टी जैसे छोटे दलों को फैलने का इतना अवसर ही न मिल पाता !
विजयी हुए प्रांतों के भाजपा प्रमुखों में यह योग्यता थी भी क्योंकि वे बिना किसी छल छद्म के बिना किसी को गाली गलौज किए ही केवल अपने सेवा कार्यों के द्वारा एवं अपनी सेवा भावना के द्वारा अपनी पार्टी को जनता के हृदयों तक उतार चुके थे ।
सर्व प्रथम डॉ. रमन सिंह जी वास्तव में बधाई के पात्र हैं जो मर्यादित जीवन संयमित भाषा के अभ्यासी हैं जिन्होंने इतने दिन सत्ता में रहने के कारण जाने अनजाने में हुई छोटी बड़ी गलतियों के बाब्जूद भी जनता का आशीर्वाद पाने योग्य अपने को बनाए रखा अतएव उनको बहुत बहुत बधाई !
दूसरी बधाई की हक़दार श्रीमती वसुंधरा राजे जी हैं जिन्होंने पिछले चुनावों में जनता के स्नेह से बंचित रहने के बाद भी जनता से नाता नहीं तोड़ा और वर्त्तमान मुख्यमंत्री के शिथिल विकासकार्यों पर अत्यंत पैनी निगाह रखते हुए जनहित में मुद्दे उठाए जिन्हें जनता तक पहुँचाया भी और जनता ने उनकी बातों पर न केवल भरोसा किया अपितु उन्हें इतने अपनेपन से आशीर्वाद दिया है कि जितनी उन्होंने उम्मींद भी नहीं की होगी जनता के साथ ऐसा आत्मीय सम्बन्ध बना पाने के कारण वसुंधरा जी को बार बार बधाई !
तीसरी बधाई श्री शिवराज सिंह जी चौहान जी को है जिन्हें इतने दिन सत्ता में रहने के कारण जाने अनजाने में हुई छोटी बड़ी गलतियों को भुलाते हुए जनता जनार्दन ने जिस आत्मीयता से उन्हें गले लगाया है वह उनके छलहीन आत्मीय जन सम्बन्धों का ही परिणाम है उनका मर्यादित जीवन संयमित भाषण उन्हें अनंत बधाइयों का हक़ दार बनाता ही है!!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें