गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

काँग्रेस का समर्थन केजरीवाल का इनकार !ऐसे कैसे चलेगी सरकार ?

 काँग्रेस के समर्थन से चली सरकारों का अनुभव कभी अच्छा नहीं रहा!

                काँग्रेस और केजरी वाल

       खैर, देखना अब यह है कि आम आदमी पार्टी उसका ग्रास  बनती है कि बचती है ?अर्थात केजरी वाल को काँग्रेस अपने चंगुल में फँसा पाएगी या नहीं !क्योंकि श्री चौधरी चरण सिंह जी,श्री चन्द्र शेखर जी, श्री देवगौड़ा जी ,श्री इंद्र कुमार गुजराल जी काँग्रेस के समर्थन से ही प्रधान मंत्री बने थे । श्री देवगौड़ा जी की जगह श्री इंद्र कुमार गुजराल जी को कैसे बनाया गया था प्रधान मंत्री सबने देखा है ?जब संयुक्त मोर्चा की सरकार का केवल सिर बदला गया था !कैसे भूलेगा देश काँग्रेस के समर्थन देने की शैली को ?

      काँग्रेस जिसे  समर्थन देती है वह चाहे अनचाहे उसका ग्रास बन ही जाता है काँग्रेस किसी दल के साथ कितना भी बुरा बर्ताव क्यों न करे किन्तु जब वह धर्म निरपेक्षता की मौहर बजाने लगती है तब बड़े बड़े मणियारे  बिषैले राजनैतिक दल फन फैला फैला कर नाचते नजर आते हैं!        

       सम्भवतः इसीलिए आम आदमी पार्टी को काँग्रेस जैसे जैसे समर्थन, सुविधाएँ एवं समाधान देती जा रही है वैसे वैसे केजरी वाल न केवल अपनी शर्तें एवं शंकाएँ बढ़ाते जा रहे हैं अपितु पैर एवं दायरा भी फैलाते जा रहे हैं।

      रामायण में एक प्रसंग आता है कि जब हनुमान जी लंका की ओर बढ़ रहे थे  उसी समय सर्पों की माता सुरसा आती है और हनुमान जी को अपने मुख में रखना चाहती है हनुमान जी जैसे जैसे अपना शरीर बढ़ाते हैं वैसे वैसे सुरसा अपना मुख बढ़ाते जाती है ।वही हालात आज दिल्ली की राजनीति में पैदा हो गए हैं काँग्रेस जैसे जैसे केजरीवाल का साथ देने और शर्तें मानने की घोषणा करती चली जा रही है अरविन्द  केजरीवाल जी वैसे वैसे अपनी शर्तों का पिटारा खोलते  चले जा रहे हैं।

     आखिर ऐसा करें भी क्यों न केजरीवाल  जी? वे तो शर्तों के साक्षात समुद्र हैं वे तो कभी भी कोई भी कहीं भी कैसी भी नई से नई शर्त का नया पिटारा खोल सकते हैं!

            जस जस सुरसा बदन बढ़ावा । 

            तासु  दून कपि रूप दिखावा ॥ 

            शत जोजन तेहि आनन कीन्हा।

           अति लघु रूप पवनसुत लीन्हा॥  

अब केजरी वाल सरकार बना सकते हैं -धन्यवाद

कोई टिप्पणी नहीं: