प्यार न कभी रुकता है और न ही टूटता है वो तो दिनों दिन बढ़ता है -
प्यार
का सिस्टम तो ई रिक्सा की तरह है इसका कहीं रजिस्ट्रेशन न होने के कारण
जैसे ई रिक्सा किसी को टक्कर मार कर चला जाए तो कानूनी कार्यवाही कर पाना बड़ा मुश्किल
होता है इसीलिए जैसे ई रिक्सा बंद किए जा रहे हैं उसी प्रकार से प्यार से
भी उन सभी लोगों को दूर रहना चाहिए जो किसी प्रकार से अपमानित बदनाम या किसी अन्य प्रकार की दुर्घटना के शिकार न होना चाहते हों ! क्योंकि प्यार का कोई लाइसेंस नहीं होता और न ही इसकी कोई कैंसिल होने की समय सीमा ही होती है जो रिन्यू करते रहा जाए ये तो मन माने का सौदा है इसमें सारा बोझ मन पर ही होता है जो बोझ न उठाना चाहें या जिनकी मानसिक सेहत ऐसे संबंधों को सहने की न हो वो दूर रहें इस झंझट से अन्यथा शुगर पैसेंट के चीनी खाने से अच्छे की आशा तो नहीं ही की जानी चाहिए !
आज कोई सिने तारिका मीडिया में इसलिए काफी छाई रही कि क्योंकि उसके पूर्व बॉय फ्रेंड ने उससे छेड़ छाड़ की है मित्रो ! इसका अभिप्राय क्या है क्योंकि बॉय फ्रेंड और गर्ल फ्रेंड बनने बनाने की प्रक्रिया ही छेड़ छाड़ से ही शुरू होती है और ये सम्बन्ध चलते ही तब तक हैं जब तक आपस में छेड़ छाड़ होती रहती है अन्यथा काहे का प्यार इसमें कोई भाँवरें तो फिरी नहीं जाती हैं और न ही कोर्ट में लिखा पढ़ी ही होती है ये सम्बन्ध टिका ही छेड़छाड़ पर होता है वह बात अलग है कि जब तक छेड़ना छिड़वाना अच्छा लगता रहे तब तक तो वर्तमान प्रेमी और जब बुरा लगने लगे तो भूतपूर्व प्रेमी प्रेमिका किन्तु जब एक को अच्छा लगे और दूसरे को बुरा लगे तो उसे भूतपूर्व प्रेमी प्रेमिका बोलेंगे या वर्तमान खैर जो भी हो मीडिया की भाषा मुझे दिनभर समझ में नहीं आई तो मैंने आप सभी मित्रों के सामने यह शंका रखी है आप भी कीजिए विचार !
मैं जितना समझाता हूँ कि हसबैंड तो पति होता है और बॉय फ्रेंड माने आधा पति या बिना लिखा पढ़ी वाला पति होने के नाते अधिकार तो उसे सारे होते हैं किन्तु अस्थाई या अधिकार विहीन पति या पत्नी कहे जा सकते हैं जो कुछ दिनों के लिए या जब तक मन आवे तब तक के लिए समझौता पूर्वक जुड़े रहते हैं फिर कोई एक भूल जाता है दूसरा नहीं भूल पाता है तो सम्बन्ध रुक तो नहीं इसलिए इसमें कोई किसी का पूर्व प्रेमी या प्रेमिका कैसे हो सकता है क्योंकि इसकी कोई सार्वजनिक घोषणा तो होती नहीं है इसमें होना सब कुछ बिना परदे वाले परदे के पीछे ही होता है तो किसी को पूर्व बॉयफ्रेंड कैसे माना जाए ? कई बार ऐसा भी होता है कि उन दोनों में से कोई एक छोड़ दे किन्तु दूसरा न छोड़ना चाह रहा या छोड़ न पा रहा हो ये उसकी मनस्थिति है तो वो पूर्व प्रेमी कैसे हुआ ?कहावत है कि पागल और प्रेमी दोनों बराबर होते हैं इसलिए किसी पागल का साथ शुरू में ही नहीं करना चाहिए और जो करे उसे यह सोच कर करना चाहिए कि पागल है तो उससे किसी अच्छाई की उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए कोई घटना घटी तो उसे प्रेम प्रसाद समझना चाहिए !
एक शब्द और मीडिया ने फेंक रखा है 'हॉट' इसका अर्थ गर्म एवं यहाँ अभिप्रायार्थ शायद नंगा होता होगा क्योंकि जिस परिधान में शरीर के वे अंग जो अभी तक छिपाए जाते रहे हैं वो अधिक से अधिक दिखाए जाने लगें वो हॉट माना जाता है जो जितना ऐसा करने की हिम्मत जुटा सके उसे उतना हाट कहा जाने लगा है किन्तु यदि ठीक से सोच कर देखा जाए तो इस शब्द को मीडिया ने नहीं गढ़ा है अपितु इस शब्द का प्रयोग अपने यहाँ इसी अर्थ में बहुत पहले से पशुओं के लिए किया जाता रहा है अभी भी गाँव देहात में किया जाता है लोग कहते हैं कि हमारी गाय या भैंस गरम हो गई है !और उसका उस तरह का इंतजाम किया जाता है किन्तु आज उस शब्द का प्रयोग मनुष्य जाति के प्रचलन में आ गया और उसमें भी उस तरह के लोग अपने को हॉट कहलाने में गर्व महसूस करते हैं !आखिर क्यों क्या हमलोग पशुओं की श्रेणी में आ गए और यदि हाँ तो उनमें रेप और बलात्कार आम बात है ! सोचना हमें होगा कि हमें रहना किस श्रेणी में है !हम कितना गिरते जा रहे हैं और अच्छा होने की सारी अपेक्षा दूसरे से क्यों ?ये न्याय सिद्धांत के विरुद्ध है !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें