रविवार, 28 सितंबर 2014

ज्योतिषी बनना अब बहुत आसान है ! जानिए कैसे ?

     यदि आप अपने को किसी लायक न समझते हों और कोई दूसरा भी आपको किसी लायक न समझता हो और वास्तव में आप हों भी किसी लायक न और आपके शिक्षा भी बिलकुल न हो तो भी आप निराश मत हों आप ज्योतिषी बन जाइए !

     इसमें केवल झूठ बोलने का अच्छा अभ्यास करना पड़ता है या फिर आप वास्तु विशेषज्ञ बन सकते हैं इसमें झूठ बोलने के साथ साथ आपको निर्लज्ज भी बनना पड़ता है जैसे यदि आपके पास पैसे के अभाव में अपना घर नहीं बना पा रहे हैं तो आप वास्तु वाले बनकर सौ पचास लोगों के घरों की दीवारें खिड़कियाँ  तोड़वाओगे उतने में अपना घर बनने भरके पैसे मिल ही जाएँगे

  ज्योतिषी बनना तो अब बहुत आसान हो गया है!कोई कहीं भी कभी भी कैसे भी बन सकता है ज्योतिषी! जिसको जब मन हो तब बिना पढ़े लिखे भी बन सकता है मोस्ट पॉपुलर ज्योतिषी !इसमें बिना कुछ पढ़े लिखे भी बनाया जा सकता है अपना कैरिअर !

     ज्योतिषी बनना वास्तव में अब बहुत आसान है पहले बड़ा कठिन था मोटी  मोटी  किताबें पढ़नी पड़ती थीं!बड़ा बेकार था तब, दूसरी बात तब जो पढ़ता था वही ज्योतिषी बन सकता था अब कोई भी बन सकता है !ज्योतिषी बनने के लिए पढ़ना अब उतना जरूरी नहीं है केवल कुछ टिप्स हैं जो फॉलो करने होते हैं !

      किसी ने इंजीनियरिंग की है कोई कामर्स पढ़ा है कोई माडल बनने के धंधे में है कालगर्ल है या कोई टेलर है कोई सब्जी बेचता है इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है जिसको जब लगा कि उसका अपना धंधा बंद हो रहा है और उसे ज्योतिष का धंधा करना चाहिए तो बस सब्जी की टोकरी हटाई और एक टोकरी ज्योतिष की रख ली अर्थात  कुछ किताबें रख लीं बस बन गए  ज्योतिषी और अपने नाम के साथ आचार्य लिखना जरूरी होता है इसमें इतनी सावधानी रखनी होती है कि आचार्य शब्द अपने नाम के आगे लिखना होता है  क्योंकि नाम के पीछे लिखने के लिए तो ज्योतिष को पढ़ना भी पड़ेगा वो वर्षों तक कठिन परिश्रम करने पर ही संभव हो पाएगा चूँकि यह (M.A.) की डिग्री होती है इतना करते ही बस बन गए ज्योतिषी ,पहले आप उम्र में अपने से छोटे लोगों को भी सर सर करके बुलाते थे किन्तु अब आप बुड्ढे बुढ़ियों को भी बेटा बेटा कह सकते हैं !यदि किसी को इतना बड़ा ज्योतिषी बनने से संतोष नहीं है और वो बहुत बड़ा ज्योतिषी बनना चाहता है तो उसके लिए कुछ पढ़ने  लिखने की जरूरत नहीं होती है इसके लिए सीधा सा काम किसी अभिनेता के पैर पकड़ कर उससे गिड़गिड़ाना होता है और पैसे भी देने होते हैं केवल इसलिए कि वो कैमरे के सामने आकर एक बार कह दें कि आचार्य जी बहुत बड़े ज्योतिषी हैं और जैसे ही उन फिल्माचार्यों ने प्रमाणित किया बस वही सीढ़ी टीवी चैनलों को पैसे देकर बार बार चलवानी होती है साथ ही साथ अपनी झूठी प्रशंसा करने के लिए एक सुंदर सी लड़की रखनी होती है उसे अपनी प्रशंसा के पत्र खुद लिखकर देने होते हैं वो वही बार बार बोलती रहती है और आपको ज्योतिष विद्वान बताती रहती है इस प्रकार से सरलता पूर्वक आज ज्योतिषी बना जा सकता है ।

      सही शास्त्रीय कुंडली बनाने के लिए पहले वर्षों तक योग्य गुरु के पास सीखना होता था अब कम्प्यूटर से सेकेंडों में बन जाती है कुंडली ,रही बात सही की देखने वाले को सही गलत क्या करना जब उसने ज्योतिष को पढ़ा ही नहीं है उसे कौन देखना आता है रही बात ग्रहों की शांति के लिए तो पहले ग्रहशांति  नाम की वेद मन्त्रों की कठिन किताब किसी गुरु से पढ़नी होती थी अब तो बस उपायों के नाम पर पत्थर ईंटे रोड़ी बदरपुर  आदि  कुछ भी पहनने को बताया जा सकता है कौवे कुत्ते गधे घोड़े  आदि की पूजा बता देनी होती है साथ ही साथ सारे मसालों ,अनाजों, बर्तनों के नाम याद रखने होते हैं इन्हीं के छोटे छोटे उपाय करने होते हैं !सुरदुर्लभ मानव शरीर का भाग्य बश इन्हीं गधे घोड़ों में ही खोजना अर्थात रिसर्च करना होता है ।बस  आधुनिक ज्योतिषी बनने के लिए इतना करना ही बहुत होता है ।


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