बुधवार, 27 जनवरी 2016

aarakshan  manuvad par vivad kyon  daliton

आरक्षण ,सवर्णों ब्राह्मणों  दलितों

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                      जातीय राजनीति करने के लिए जातियों को जीवित रखना चाहते हैं नेता लोग   !           
      यदि जातिवाद समाप्त ही करना है तो जाति आधारित जनगणना क्यों और जाति के आधार पर क्यों बाँटी  जाती है आरक्षण समेत वो सभी सुविधाएँ !अपने को दलित मानने वाले लोग यदि जातियों की कमाई नहीं खाना चाहते तो  अपने नाम के साथ जातियाँ लगाना बंद करें और जातिगत आरक्षण का करें बहिष्कार !अपना स्वाभिमान उन्हें भी सभी की तरह स्वयं बनाना पड़ेगा ! नेता लोग जातियों के आधार पर चुनाव लड़ना बंद करें !यदि ये सब नहीं किया जा सकता तो मनुवाद की निंदा करने वाले कुंद  लोगों  को सोचना चाहिए कि वे जातियाँ रखना चाहते हैं या मिटाना ! ब्यर्थ में महर्षि मनु को गलियां क्यों दी जाती हैं ?
      एक संग नहीं होहिं भुआलू ।  हँसब ठठाइ फुलाउब गालू ॥

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