गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

बसंत पंचमी के पावन पर्व पर माता सरस्वती की सभी संतानों को बहुत बहुत बधाई !

माता सरस्वती को बारम्बार बंदन !  

दो. जगजननि जगदम्बिके सरस्वती प्रणमामि ।

मैया चाहउँ चरणरज पुनि पुनि तुम्हैं नमामि ॥  

दो. 'वाजपेयी' मैं गाँव का एक गरीब किसान ।

मैया तुम्हरी कृपा सों लोग कहत विद्वान् ॥

दो. दीन हीन मो सम कहाँ भई जिंदगी भार ।

मैया तुम्हरी कृपा सों बदल गयो संसार ॥

दो. मैं तिनका हूँ गाँव का लोग बतात लजात ।

तेऊ 'वाजपेइ जी ' कहत तोर कृपाफल मात ॥

दो. मैया तुम्हरी कृपा सों भइ पवित्र यह देह ।

दो कौड़ी के 'वाजपेइ 'को सब देत सनेह ॥

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