राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान

भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

srishti lakhon varsh purani hai

http://cityvoice.in/blog/2015/10/02/%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%86%E0%A4%97%E0%A5%87-%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF/


at 3:17 am
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Dr.S.N.Vajpayee -'ज्योतिषाचार्य' (MA in ज्योतिष )काशी हिंदूविश्वविद्यालय से Ph.D के द्वारा आपकी ज्योतिष संबंधी सभी शंकाओं का समाधान बिना किसी बहम के शास्त्र प्रमाणित विधि से किया जाता है !नग नगीना यंत्र तंत्र ताबीजों से अलग सरल एवं बिना खर्च वाले उपाय बताए जाते हैं !

भारत के प्राचीनभविष्यविज्ञान के द्वारा की जा रही है भूकंप पर रिसर्च !

हमारे यहाँ प्राचीनभविष्यविज्ञान के सहयोग से खोजे जा रहे हैं प्रकृति के रहस्य ! भूकंप क्यों आते हैं कैसे आते हैं और भविष्य में आने वाले भूकंपों को कैसे पहले ही जान लिया जाए ! साथ ही इन विषयों पर भी रिसर्च की जा रही है कि आकाश में क्यों दिखते हैं कभी कभी तीन सूर्य !बादलों में क्यों दिखाई पड़ते हैं उड़ते हुए शहर !प्राचीन काल में कैसे जाना जाता था मौसम संबंधी हाल आदि विंदुओं पर रिसर्च कार्य में कृपया आप भी कीजिए आर्थिक सहयोग -http://bharatjagrana.blogspot.in/2016/01/blog-post_8.html

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