शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

प्रकृति की हर हलचल भविष्य में होने वाली घटनाओं की सूचना देती है !

     प्रकृति में होने वाले हर परिवर्तन को 'यदि ऐसा हुआ है तो वैसा होगा' की दृष्टि से रिसर्च अत्यंत आवश्यक है प्राचीन विज्ञान का मानना है कि भूकंप सुनामी तूफान महामारी महावृष्टि सूखा या जिस किसी भी प्रकार से होने वाले जनधन का बड़ा बिनाश आदि बड़े सुख दुःख आने से पहले प्रकृति संकेतों के द्वारा उनके आने की सूचना अवश्य देती है धरती से आकाश तक कोई न कोई ऐसी घटना जरूर घटती है जिसका प्राचीन विज्ञान के द्वारा विश्लेषण किए जाने पर उससे सम्बंधित घटने वाली घटना का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है !
      ऐसे जितने भी परिवर्तन हैं उनमें से अधिकाँश बदलाव भविष्य में घटित होने वाली छोटी बड़ी घटनाओं की सूचना दे रहे होते हैं जिसके अध्ययन की प्रक्रिया भारत वर्ष के प्राचीन विज्ञान  में है बनारस हिंदू युनिवर्सिटी से ऐसे ही विषयों पर मेरी पीएचडी हुई है बात अलग है कि उसमें साहित्य भी सम्मिलित है ! ऐसे ही केवल प्राकृतिक बदलावों का समय समय पर व्यक्तिगत रूप से जो अध्ययन मैं करता रहता हूँ उनमें कुछ निकट भविष्य में घटित हुई सर्वविदित घटनाएँ हैं जिन पर रिसर्च करके भविष्य में होने वाले उनके प्रभाव इसी ब्लॉग पर लिखे जो बिना किसी संशोधन के वहाँ उसी प्रकार से देखे जा सकते हैं जो काफी हद तक सही होते दिख रहे हैं  जैसे -  
1. पहली घटना-  22-अप्रैल-2015 को बिहार में आए भयंकर चक्रवाती तूफान में बहुत लोग मारे गए थे यह तूफान एक सप्ताह के अंदर अर्थात 25-अप्रैल-2015 को आने वाले भयंकर भूकंप की सूचना दे रहा था । इस तूफान का विशेष प्रभाव भले ही भारत के बिहार प्रान्त में दिखा हो किंतु इसका केंद्र नेपाल में ही था ऐसा वैज्ञानिकों ने भी स्वीकार किया था !इस भूकंप की सूचना देने वाले इसीप्रकार के और भी लक्षण थे ! इस प्रकार के भूकंप आने के बाद आफ्टर  शॉक्स की संभावना 45 -60 दिनों तक रहती है जो मैंने अपने 25-अप्रैल-2015 के आर्टिकल में लिख दिया था !यथा -
 2. दूसरी घटना -दिल्ली के आकाश में उमड़ती धूल की है -जो 2 -1 -2016 की आतंकवादी घटना की सूचना दे रही थी घटना घटते ही धूल गायब हो गई ! मैंने दिसंबर में ये आर्टिकल लिखा था - 
 3. तीसरी घटना- भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्ते सुधारने में भूकंपों का योगदान !भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले 6 महीने में तीन बड़ी घटनाएँ घटीं तीनों दिन भूकंप आया !जिस दिन गीता पाकिस्तान से भारत आई,जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी जी पाकिस्तान गए,जिस दिन पाकिस्तानी आतंकियों ने पठानकोट में हमला किया तीनों दिन हिंदूकुश में भूकंप आया । चार प्रकार के भूकंपों में इस भूकंप का फल होता है कि जिस क्षेत्र में ऐसा भूकंप आता है वहाँ सभी प्रकार का आपसी बैर विरोध समाप्त करके मित्रता की भावना पैदा करता है साथ ही समुद्र के किनारे की बस्तियों में भीषण बर्षात से जन जीवन अस्तव्यस्त करता है ! 26-10-2016 को भूकंप आया और तीन दिन के अंदर मद्रास में भीषण वारिश के आसार बन गए थे जो 45 दिनों तक चली !इस भूकंप के फल को भी ब्लॉग पर मैंने लिखा है जो बिना किसी संशोधन के आज भी देखा जा सकता है ! 26-10-2015 को आए भूकंप की शास्त्र वर्णित विशेषताएँ-
 Sun dog effect-Three Sun in Sky
  • कई बार अचानक और अकारण ही आसमान में छा जाती है बहुत अधिक धूल !
  • कई बार बादलों में उड़ते हुए शहर दीखते हैं -see more.... http://m.rajasthanpatrika.patrika.com/story/india/thousands-see-floating-city-filmed-in-skies-above-china-1389734.html
  • कई बार आकाश में दिखाई देते हैं एक साथ तीन सूर्य !see more ..... http://www.bbcbharat.com/sun-dog-effect-three-sun-in-sky/
  • कई बार उड़न तस्तरी देखने का दावा किया जाता है !
  • कई बार आकाश में आतिशबाजी देखी जाती है !
  • 15 00 प्रकार के प्रकाश दिखाई पड़ते हैं आकाश में !
  • सूर्य चन्द्र के रंग किरणें प्रकाश बिम्ब प्रतिबिम्ब अादि 
  • आकाश के बदलते रंग वायु संचरण आदि 
  • लाल रंग की बर्षा या बर्षा में मछलियों की बर्षा
  • कई बार मंदिरों में रखी मूर्तियों को हँसते रोते काँपते आदि  दिखाई पड़ना !
  • कई बार सूर्य चंद्रमा का बिम्ब टूटा हुआ या उसमें छेद दिखाईपड़ता है !
  • कई बार आकाश अचानक रंग बदलने लगता है 
  • कई बार आकाश में पुरुषों जैसी आकृतियाँ दिखाई पड़ती हैं !
  • आकाश एवं बादलों के रंग आकार प्रकार तथा वायु का अनेकों प्रकार का संचरण बिजली कड़कने एवं बादलों के गरजने के प्रकार !
  • अलग अलग समयों पर अलग अलग प्रकार से हवा का संचरण 
  • पशुओं पक्षियों वृक्षों बनस्पतियों में आने वाले अचानक परिवर्तनों का अध्ययन !
     हिंदू (सनातन) धर्म केवल एक धर्म ही नहीं अपितु विज्ञान भी है इसका प्रत्येक आचार ब्यवहार वैज्ञानिक है सुबह उठने से लेकर रात्रि में सोने तक यहाँ तक कि सोने में भी बताई गई पद्धतियाँ विशुद्ध वैज्ञानिक हैं हमारा सोना जगना खाना पीना उठना बैठना बात व्यवहार आदि सारा वातावरण ही वैज्ञानिक है हमारे क्या करने या होने का परिणाम क्या होगा !हमारा संपूर्ण प्राचीन विज्ञान इसी पर टिका हुआ है ।यदि ऐसे रहस्य समाज के सामने खोल कर रखे जाएँ तो वो जीवन में जिन आपत्तियों विपत्तियों से बचना चाहेगा वैसे आचार ब्यवहार करना छोड़ देगा !
                                                                        :प्रार्थी  भवदीय :
                                                       आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी 
   संयोजक-  राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान (रजि.)
  एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
    पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसीsee more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_7811.html

        K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
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            Web: www.DrSNVajpayee.com

              इस पवित्र कार्य में सहयोग हेतु आपसे अपील -
                          -:प्रार्थी :-
       राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान  
 एकाउंटनंबर - 62245462386 \ IFSC :SBHY0020838
     स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद ,कृष्णा नगर ,दिल्ली                      

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