प्रधानमंत्रीजी !आप सब जगह तो घूम आते हैं किंतु अयोध्या तक क्यों नहीं पहुँच पाते हैं ?अरे
प्रधानमंत्री जी !श्री रामलला के दर्शन न करते तो न सही एकबार देख ही आते
उन्हें तंबू में !भाजपा को सत्ता शिखर पर पहुँचाने के लिए तंबू में पड़े कितना दुःख भोग रहे हैं कौशल्यानंदन !उसी चबूतरे पर 1992 में जहाँ जैसे बैठा आए थे कारसेवक लोग बस वहाँ
वैसे ही बैठे तक रहे हैं अपने बहादुर कारसेवकों के आने की राह और सह रहे हैं गर्मी
सर्दी वर्षात उसी एक तंबू में !
तंबू सर्दी गर्मी वर्षा सबकुछ लगती है लू के थपेड़े अंदर तक चले जाते हैं "सबका साथ सबका विकास" तो आपकी सरकार बनने में श्री राम जी का भी कोई योगदान है क्या ? |
तब ऐसा लग रहा था कि सरकार बनते ही सारे भ्रष्टाचारी पकड़े जाएँगे किंतु कौन पकड़ा गया आज तक ? क्या भाजपा अब भाजपा न रही जिन नेताओं के चेहरे देखने से भाजपा का चित्र उभर आया करता था आज वो नेता नेपथ्य में हैं आखिर क्यों ?वो भाजपा श्री राम से प्रभावित थी ये साईं राम से है क्या ?आखिर क्यों भुलाया जा रहा है श्री राम मंदिर निर्माण का महत्वपूर्ण कार्य !सरकार तो कांग्रेस भी चला रही थी किंतु मंदिर नहीं बना रही थी इसी लिए तो हुआ है ये महान परिवर्तन !किंतु यदि ये भी वैसे ही निकले तो …… !
भाजपा को सत्ता शिखर पर पहुँचाने के लिए श्री रामलला सर्दी गर्मी वर्षात जैसी ऋतु पीड़ा सहते हुए चबूतरे पर एक तंबू में काट रहे हैं दिन उन्होंने तो भाजपा की सुन ली किंतु भाजपा उनकी कब सुनेगी !यदि दर्शन भी न करना हो तो मत कीजिए देख ही आया कीजिए कभी कभी श्री राम लला जोह रहे हैं तुम्हारी वाट !श्री राम मंदिर बने के लिए कितनी कसमें खाई गई थीं !तब कहते थे संसद में गूँजेगा 'जय श्री राम 'किंतु शपथ ग्रहण से लेकर अभी तक तो सुनाई नहीं दिया क्यों ?इसके लिए भी राज्य सभा में बहुमत चाहिए था क्या ?तब कहते थे संसद पर भगवा फहराएगा क्या हुआ ऐसे नारों का ?सत्ता केवल सत्ता और सबकुछ केवल सत्ता के लिए क्या !
भाजपा को सत्ता तक पहुँचाने का श्रेय केवल श्री राम मंदिर निर्माण संकल्प को जाता है जिसे भाजपा ने आज भुला दिया है भाजपा के वर्तमान शीर्ष पुरुष सारी दुनियाँ घूम आते हैं किंतु अयोध्या नहीं जाते हैं !उनके प्रधान मंत्री बनने का श्रेय कभी साईं बुड्ढे को दे दिया जाता है कभी किसी और को किंतु श्री राम लला को नहीं दिया जाता है जो श्री राम भाजपा को सत्ता में लाने के लिए आज भी चबूतरे पर एक तंबू में बैठे सह रहे हैं गर्मी सर्दी वर्षात !किंतु सत्तासीन भाजपायियों के लिए मंदिर निर्माण अब कोई मुद्दा नहीं रहा ! अन्यथा लोकसभा में बहुमत है वहीँ पास कीजिए आगे का आगे देखा जाएगा !आखिर क्या गलती हो गयी प्रभु श्री राम से ?
प्रधानमंत्री जी आज हर विषय पर हर तरह से बोलते हैं कभी 'तन की बात' कभी
'मन की बात' तो कभी 'धन की बात' कर लेते हैं वैसे तो हर बिषय पर बोल लेते
किंतु श्री रामलला का नाम आते ही .... !
इसी प्रकार से सारी दुनियाँ घूम आते हैं किन्तु अयोध्या जाने में क्यों ठिठुकते हैं पैर वहाँ क्यों नहीं जा पाते हैं !
यदि
अपने शिर की छाया छोड़कर चबूतरे पर बैठे श्री रामलला गर्मी शर्दी वर्षा न
सह रहे होते तो क्या भाजपा आज आ जाती सत्ता में और बन जाते मोदी जी
प्रधानमंत्री ?
"ये मोदी जी के गुरु जी न होते तो मोदी जी आज प्रधानमंत्री न होते -आजतक"
किंतु यदिअयोध्या में प्रभु श्री राम जी के मंदिर निर्माण को मुद्दा न
बनाया गया होता तो मोदी जी बन जाते प्रधान मंत्री क्या ! यदि बाबरी ढाँचा
श्री राम भक्तों ने ढहाया न होता तो मोदी जी बन जाते प्रधान मंत्री क्या
!यदि अडवाणी जी ने रथ यात्रा न निकाली होती तो मोदी जी बन जाते प्रधान
मंत्री क्या ?यदि भाजपा और संघ के समस्त पूर्व पुरुषों ने मानव मूल्यों की
रक्षा संकल्प एवं अपनी देश भक्ति भावना का विश्वास समाज के में न पैदा
किया होता तो मोदी जी आज बन जाते प्रधान मंत्री क्या ?
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