शनिवार, 14 मई 2016

प्रकृति में आज और अभी घटने वाली घटनाएँ भविष्य में होने वाली घटनाओं की सूचना दे रही होती हैं !जानिए कैसे -

    
      यदि ऐसा हुआ है तो वैसा होगा इस सिद्धांत पर चलती है प्रकृति !इसी कारण से  प्रकृति की हर  हलचल भविष्य में होने वाली घटनाओं की सूचना देती है !
10 -4 -2016 के बाद अचानक क्यों होने लगी इतनी अधिक गर्मी क्यों लगने लगी इतनी जगहों पर आग !अचानक क्यों सूखने लगे कुएँ नदी तालाब आदि सब  कुछ !गर्मी तो हर वर्ष आती है किंतु ऐसा हर बार तो नहीं होता था फिर अबकी बार क्यों ऐसा हुआ ?     प्रकृति में होने वाले प्रत्येक परिवर्तन को 'यदि ऐसा हुआ है तो वैसा होगा' की दृष्टि से रिसर्च किया जाना अत्यंत आवश्यक है प्राचीन विज्ञान का मानना है कि भूकंप सुनामी तूफान महामारी महावृष्टि सूखा या जिस किसी भी प्रकार से होने वाले जनधन का बड़ा बिनाश आदि बड़े सुख दुःख आने से पहले प्रकृति संकेतों के द्वारा उनके आने की सूचना अवश्य देती है धरती से आकाश तक कोई न कोई ऐसी घटना जरूर घटती है जिसका प्राचीन विज्ञान के द्वारा विश्लेषण किए जाने पर उससे सम्बंधित घटने वाली घटना का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है !
      ऐसे जितने भी परिवर्तन हैं उनमें से अधिकाँश बदलाव भविष्य में घटित होने वाली छोटी बड़ी घटनाओं की सूचना दे रहे होते हैं जिसके अध्ययन की प्रक्रिया भारत वर्ष के प्राचीन विज्ञान  में है बनारस हिंदू युनिवर्सिटी से मेरी पीएचडी हुई है प्राकृतिक बदलावों का समय समय पर व्यक्तिगत रूप से जो अध्ययन मैं करता रहता हूँ उनमें कुछ निकट भविष्य में घटित हुई सर्वविदित घटनाएँ हैं जिन पर रिसर्च करके भविष्य में होने वाले उनके प्रभाव इसी ब्लॉग पर मैंने लिखे हैं जो बिना किसी संशोधन के वहाँ उसी प्रकार से देखे जा सकते हैं जो काफी हद तक सही होते दिख रहे हैं  जैसे -
       

 (10-4-2016) को आया था भूकंप !इसका फल इसीदिन मैंने ब्लॉग पर लिखा था -

"भूकंप (10-4-2016) के कारण पड़ेगा भीषण सूखा, बढ़ेंगे अग्निकांड और बिगड़ेंगे पाकिस्तान के साथ संबंध !3-4-2016 से 10-4-2016 तक   हवा में मिली हुई थी आग जो भूकंप की अग्रिम सूचना दे रही थी ।अग्नि सम्बन्धी समस्याएँ और अधिक भी बढ़ सकती हैं इस समय वायुमण्डल में व्याप्त है अग्नि !इसलिए अग्नि से सामान्य वायु भी इस समय ज्वलन शील गैस जैसे गुणों से युक्त होकर विचरण कर रही है । इसके अलावा इस समय दिशाओं में जलन, तारे टूटना ,उल्कापात होने जैसी घटनाएँ भी देखने सुनने को मिल सकती हैं ।इस भूकंप के कारण ही नदियाँ कुएँ तालाब आदि अबकी बार बहुत जल्दी ही सूखते चले जाएँगे !यहीं से शुरू होकर भारत और पकिस्तान के मध्य आपसी सम्बन्ध दिनोंदिन अत्यंत तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे निकट भविष्य में भारत पाक के बीच आपसी सम्बन्धों में कटुता बहुत अधिक बढ़ती चली जाएगी !"
      इसी भूकंप के कारण ही इस बार10-4-2016 के बाद से इस बार आग लगने की एक से एक बड़ी बहुत सारी घटनाएँ हो रही हैं कुएँ नदी तालाब आदि सूखते चले जा रहे हैं सूखे और गर्मी से त्राहि त्राहि मची है गर्मी से होने वाली पीलिया और त्वचा संबंधी बीमारियाँ जोर पकड़ने  लगी हैं ।आदि आदि !

 इसी प्रकार से भूकंप की दूसरी घटना और उसका फल -

  13 -04-2016 को 19. 28 बजे देश के पूर्वोत्तर में आया था बड़ा भूकंप इससे चीन भी प्रभावित हुआ था !इस भूकंप का फल लिखते हुए मैंने ब्लॉग पर लिखा था
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     "इस भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में अति शीघ्र अधिक वर्षा बाढ़ से हो सकती है भारी क्षति !जबकि समाज में व्याप्त असंतोष एवं आपसी  बैर विरोध की भावना घटेगी और भाईचारे का वातावरण बनेगा ! भारत वर्ष के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 13-04-2016 को आए भूकंप के प्रभाव से अधिक वर्षा की संभावना है और भारत के पूर्वोत्तर के पड़ोसी देशों के साथ संबंध मधुर होंगे और उन्हीं क्षेत्रों में अधिक वर्षा की भी सम्भावना बनती है !प्राचीन विज्ञान के हिसाब से ऐसे भूकंप का केंद्र जल से संबंधित होता है ! समुद्र में हुई जलीय हलचलों से निर्मित गैसों का भूकंप के रूप में प्रकटीकरण माना जाना चाहिए ! वैसे शास्त्रीय मान्यताओं के हिसाब से तो ये भूकंप जल जनित ही माना गया है । ऐसे भूकंपों से समुद्रों और नदियों के किनारे बसने वाले लोगों की बड़ी क्षति होती है जल जनित बीमारियाँ अतिवृष्टि या सुनामी जैसी बाधाएँ निकट भविष्य में संभव है ।"

     13-04-2016 को आए भूकंप के प्रभाव से ही चीन अरुणाचल आसाम में बिहार आदि पूर्वोत्तर क्षेत्र को विशेष बर्षा और बाढ़ जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ा !

अब देखिए भूकंप की तीसरी घटना26-10-2015  को भूकंप आया था भूकम्प -

     इस भूकंप का भविष्य फल उसी तारीख को मैंने ब्लॉग पर लिखा था -"जिस क्षेत्र में ऐसा भूकंप आता है वहाँ सभी प्रकार का आपसी बैर विरोध समाप्त करके मित्रता की भावना पैदा करता है साथ ही समुद्र के किनारे की बस्तियों में भीषण बर्षात से जन जीवन अस्तव्यस्त करेगा !भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्ते सुधरेंगे !इस भूकंप का अच्छा बुरा फल अगले 6  महीनों तक दिखाई पड़ेगा !"
अब देखिए 26-10-2015 को आए भूकंप का फल-
    26-10-2015  को भूकंप आया और तीन दिन के अंदर मद्रास में भीषण बारिश  के आसार बन गए थे जो 45 दिनों तक चली !उधर भारत पाकिस्तान  के आपसी संबंध सामान्य होने लगे चूँकि ऐसे भूकम्पों के फल की अधिकतम अवधि 6 महीने होती है इसलिए अप्रैल 2016 तक पहुँचते पहुँचते भारत पाकिस्तान के संबंध वहीँ पहुँच गए जहाँ 26-10-2015 के पहले थे !भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्ते सुधारने में भूकंपों का योगदान !भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले 6 महीने में तीन बड़ी घटनाएँ घटीं तीनों दिन भूकंप आया !जिस दिन गीता पाकिस्तान से भारत आई,जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी जी पाकिस्तान गए,जिस दिन पाकिस्तानी आतंकियों ने पठानकोट में हमला किया तीनों दिन हिंदूकुश में भूकंप आया ।इस भूकंप के फल को 26-10-2015 को ही ब्लॉग पर मैंने लिखा था जो बिना किसी संशोधन के आज भी देखा जा सकता है !

  25-अप्रैल-2015 को नेपाल में आया था भयंकर भूकंप क्या थे उसके संकेत ?

 22-अप्रैल-2015 को नेपाल से उठकर  बिहार में आए भयंकर चक्रवाती तूफान में बहुत लोग मारे गए थे इससे जन धन का बहुत बड़ा नुक्सान हुआ था !

  22-अप्रैल-2015 को आया तूफान  25-अप्रैल-2015 को आने वाले भयंकर भूकंप की सूचना दे रहा था । 
    इस तूफान का विशेष प्रभाव भले ही भारत के बिहार प्रान्त में दिखा हो किंतु इसका केंद्र नेपाल में ही था ऐसा वैज्ञानिकों ने भी स्वीकार किया है  !इस भूकंप की सूचना देने वाले ऐसे ही और भी लक्षण थे ! इस प्रकार के भूकंप आने के बाद आफ्टर  शॉक्स की संभावना 45 -60 दिनों तक रहती है जो मैंने अपने 25-अप्रैल-2015 के आर्टिकल में लिख दिया था !उसे देखने के लिए पढ़िए ये लेख -
       इनके अलावा एक और भूकंप -           
 1-12-2015 को आई तेज आँधी तूफान इसलिए 7-12-2015 को फिर आया भूकंप !see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/12/1-12-2015-7-12-2015.html 

इसी प्रकार से समझिए दिसंबर 2015 दिल्ली और पंजाब के आकाश में अकारण उमड़ती धूल के -
    जो 2 -1 -2016 को घटित होने वाली आतंकवादी घटना की सूचना दे रही थी घटना घटते ही धूल गायब हो गई ! मैंने दिसंबर में ये आर्टिकल लिखा था -"दिल्ली के आसमान में क्यों छाई है इतनी धूल ?गाड़ियाँ बंद करके क्या धूलप्रदूषण को रोक लेगी सरकार ?see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/12/blog-post_84.html"


    इसी प्रकार से प्रकृति में और भी तमाम प्रकार के  बदलाव समय  समय पर दिखते रहते हैं उन पर भी रिसर्च की जानी चाहिए जैसे ये - 
      Sun dog effect-Three Sun in Sky
  • कई बार अचानक और अकारण ही आसमान में छा जाती है बहुत अधिक धूल !
  • कई बार बादलों में उड़ते हुए शहर दीखते हैं -see more.... http://m.rajasthanpatrika.patrika.com/story/india/thousands-see-floating-city-filmed-in-skies-above-china-1389734.html
  • कई बार आकाश में दिखाई देते हैं एक साथ तीन सूर्य !see more ..... http://www.bbcbharat.com/sun-dog-effect-three-sun-in-sky/
  • कई बार उड़न तस्तरी देखने का दावा किया जाता है !
  • कई बार आकाश में आतिशबाजी देखी जाती है !
  • 15 00 प्रकार के प्रकाश दिखाई पड़ते हैं आकाश में !
  • सूर्य चन्द्र के रंग किरणें प्रकाश बिम्ब प्रतिबिम्ब अादि 
  • आकाश के बदलते रंग वायु संचरण आदि 
  • लाल रंग की बर्षा या बर्षा में मछलियों की बर्षा
  • कई बार मंदिरों में रखी मूर्तियों को हँसते रोते काँपते आदि  दिखाई पड़ना !
  • कई बार सूर्य चंद्रमा का बिम्ब टूटा हुआ या उसमें छेद दिखाईपड़ता है !
  • कई बार आकाश अचानक रंग बदलने लगता है 
  • कई बार आकाश में पुरुषों जैसी आकृतियाँ दिखाई पड़ती हैं !
  • आकाश एवं बादलों के रंग आकार प्रकार तथा वायु का अनेकों प्रकार का संचरण बिजली कड़कने एवं बादलों के गरजने के प्रकार !
  • अलग अलग समयों पर अलग अलग प्रकार से हवा का संचरण 
  • पशुओं पक्षियों वृक्षों बनस्पतियों में आने वाले अचानक परिवर्तनों का अध्ययन !
     हिंदू (सनातन) धर्म केवल एक धर्म ही नहीं अपितु विज्ञान भी है इसका प्रत्येक आचार ब्यवहार वैज्ञानिक है सुबह उठने से लेकर रात्रि में सोने तक यहाँ तक कि सोने में भी बताई गई पद्धतियाँ विशुद्ध वैज्ञानिक हैं हमारा सोना जगना खाना पीना उठना बैठना बात व्यवहार आदि सारा वातावरण ही वैज्ञानिक है हमारे क्या करने या होने का परिणाम क्या होगा !हमारा संपूर्ण प्राचीन विज्ञान इसी पर टिका हुआ है ।यदि ऐसे रहस्य समाज के सामने खोल कर रखे जाएँ तो वो जीवन में जिन आपत्तियों विपत्तियों से बचना चाहेगा वैसे आचार ब्यवहार करना छोड़ देगा !
                                                                        :प्रार्थी  भवदीय :
                                                       आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी 
   संयोजक-  राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान (रजि.)
  एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
    पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसीsee more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_7811.html

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