विशेष निवेदन -मेरा
उद्देश्य समाज पर अपनी बात थोपना नहीं है मेरा आग्रह मात्र इतना है कि
"समय विज्ञान" नामक जिस वैज्ञानिक पद्धति पर मैं रिसर्च कर रहा हूँ यदि
उससे भूकंप जैसी अन्य सभी प्रकार की प्राकृतिक घटनाओंं को पर रिसर्च किया
जाए तो संभव है प्रकृति को परखने में कोई बड़ी सफलता हाथ लग जाए यहाँ तक कि
भूकंप जैसी घटनाओं के भी पूर्वानुमान की दिशा में कोई बड़ी सफलता हाथ लग जाए
!जैसे -यदि 13 -04-2016 को आए भूकंप का अध्ययन करके यदि इस बात का पता लगाया जा सकता है कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में आने वाला समय भयंकर वर्षा और उससे संभावित बाढ़ एवं जल जनित बीमारियों से समाज के लिए विशेष परेशानी पैदा कर सकता है इस लिए ऐसी परिस्थितियों का पूर्वानुमान सरकार और समाज को कुछ पहले हो जाता है तो संभव है कि संभावित त्रासदी को कुछ हद तक कम किया जा सके !अब आप स्वयं देखिए कि समय वैज्ञानिक पद्धति का पूर्वानुमान कितना सटीक बैठता है - हमारे द्वारा किए गए पूर्वानुमान को उसके बाद घटित हुई वर्षा संबंधी घटनाओं से आप स्वयं मिला सकते हैं !
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