भूकंप से प्रभावित क्षेत्र में भूकंप के कारण निकट भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान !'समयवैज्ञानिक' दृष्टि से-
(10-4-2016) को ही ब्लॉग पर लिखा गया ये है वो पूर्वानुमान संबंधी लेख देखें और स्वयं मिलाएँ 10-4-2016 के बाद आग संबंधी घटी घटनाओं से -
"भूकंप (10-4-2016) के कारण पड़ेगा भीषण सूखा, बढ़ेंगे अग्निकांड और बिगड़ेंगे पाकिस्तान के साथ संबंध ! 3-4-2016 से 10-4-2016 तक हवा में मिली हुई थी आग जो भूकंप की अग्रिम सूचना दे रही थी ।अब जानिए क्या है भूकम्प का फल - अग्नि सम्बन्धी समस्याएँ और अधिक भी बढ़ सकती हैं इस समय वायुमण्डल में
व्याप्त है अग्नि !इसलिए अग्नि से सामान्य वायु भी इस समय ज्वलन शील गैस
जैसे गुणों से युक्त होकर विचरण कर रही है । इसके अलावा इस समय दिशाओं में
जलन, तारे टूटना ,उल्कापात होने जैसी घटनाएँ भी देखने सुनने को मिल सकती
हैं । इस भूकंप के कारण ही नदियाँ कुएँ तालाब आदि अबकी बार बहुत जल्दी ही
सूखते चले जाएँगे !यहीं से शुरू होकर भारत और पकिस्तान के मध्य आपसी
सम्बन्ध दिनोंदिन अत्यंत तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे निकट भविष्य में भारत
पाक के बीच आपसी सम्बन्धों में कटुता इतनी अधिक बढ़ती चली जाएगी कि अभी से
सतर्कता बरती जानी बहुत आवश्यक है ।इसलिए उचित होगा कि भारत पड़ोसी देश पर
कम से कम अक्टूबर 2016 तक विश्वास करना बिलकुल बंद कर दे पड़ोसी के द्वारा
कभी भी कैसा भी कोई भी विश्वास घात संभव है इतना ही नहीं अपितु इस भूकंप के दुष्प्रभाव से शरीर में जलन की
बीमारियाँ बढ़ेंगी, तरह तरह के ज्वर फैलेंगे बिचर्चिका और बिसर्पिका जैसी
त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ एवं पीलिया रोग निकट भविष्य में बहुत अधिक बढ़
जाने की सम्भावना है !सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग ओर से इस दिशा में विशेष
सतर्कता बरती जानी चाहिए !इसका विशेष दुष्प्रभाव अभी से लेकर अक्टूबर 2016
तक रहेगा किंतु जैसा जैसा समय बीतता जाएगा वैसा वैसा घटता जाएगा दुष्प्रभाव
!"
अब देखते हैं कि ये समय वैज्ञानिकी दृष्टि से लगाया गया पूर्वानुमान कितने प्रतिशत सच सिद्ध हुआ -
10 -4 -2016 के बाद अचानक क्यों बढ़ती चली गई अचानक इतनी अधिक गर्मी ? साथ ही 10 -4 -2016 के बाद अचानक क्यों लगने लगी
हजारों जगहों पर इतनी भीषण आग !खेतों में आग खलिहानों में आग गाँवों में आग जंगलों में आग मकानों में आग दुकानों में आग फैक्ट्रियों में आग गाड़ियों में आग रसोई गैस और ज्वलन शील पदार्थों में गैस सिलेंडरों में तो वैसे भी आग संबंधी घटनाएँ घटते देखी ही जाती रही हैं गर्मी की ऋतु में गर्मी भी पड़ते देखी जाती रही है सूखा पड़ते भी देखा जाता रहा है किंतु 10 अप्रैल के बाद अचानक इतनी अधिक गर्मी पड़ने लगना इतनी अधिक आग लगने की घटनाएँ कि आग बुझाने के लिए भेजे जाने वाले छोटे छोटे टैंकरों के पानी का अपर्याप्त हो जाना !इधर बढ़ती आग की घटनाओं को शांत करने के लिए जब पानी की बहुत आवश्यकता थी तब 10 अप्रैल के बाद कुएँ नदी तालाबों का अचानक सूखने लगना आदि सब कुछ
!गर्मी तो हर वर्ष आती है किंतु ऐसा हर बार तो नहीं होता था फिर अबकी बार अर्थात 10 अप्रैल 2016 के बाद
ही अचानक ऐसा क्यों होने लगा ?बिहार सरकार को दिन में 9 -6 बजे के बीच भोजन बनाने और हवन करने तक को रोकना पड़ा !पानी भर भर कर सरकार को ट्रेनें चलानी पड़ीं जहाजों से आग बुझानी पड़ी !ये सब कुछ अचानक 10 अप्रैल 2016 के बाद
ही होने के कारण के रूप में समयवैज्ञानिकपद्धति 10 अप्रैल 2016 के बाद आए भूकंप को न केवल मानती है अपितु इन सभी घटनाओं का पूर्वानुमान 10 अप्रैल 2016 को ही ब्लॉग पर प्रसारित किया जा चुका है !उसके बाद उसमें कोई एडिटिंग नहीं की गई है जिसकी जाँच किसी भी प्रकार से की जा सकती है । वह मूल लेख देखने के लिए खोलें यह लिंक see more.... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2016/04/10-4-2016.html
- भारत की गर्मी देखकर विश्व मीडिया परेशान see more... http://www.ichowk.in/society/why-heat-wave-is-killing-india/story/1/3409.html
2016 में जंगलों में लगने वाली आग में 30% वृद्धि May 12, 2016 see more.... http://www.indiaspendhindi.com/cover-story/2016-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%9C%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B2%E0%A4%97%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%86
29 अप्रैल 2016 उत्तराखंड के जंगलों में इस बार समय से पहले भड़क उठी आग ने लोगों को चिंता में डाल दिया है.।see more...झमाझम बारिश से बरसी राहत, उत्तराखंड और हिमाचल में लगी आग बुझी! see more... https://specialcoveragenews.in/state-news/relief-from-the-rain-uttarakhand-and-himachal-forest-fire-extinguished/ 3, 4 ,5 मई 2016 को उत्तरा खंड में जो बारिस हुई उससे आग पर काफी हद तक काबू पाया जा सका किंतु तब तक फिर 6 मई 2016 को जो भूकंप आया वह आग से संबंधित दुर्घटनाओं को अचानक बढ़ाने वाला था !
- उत्तराखंड में 4.1 तीव्रता के भूकंप के झटके, रात्रि 11. बजे , मई 6, 2016
इस भूकंप से प्रभावित क्षेत्र में आग संबंधी दुर्घटनाओं की और अधिक सम्भावना बन गई !
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