बुधवार, 31 अगस्त 2016

ज्योतिष पाखंड है या ज्योतिष अंधविश्वास है ये बात वो कह सकता है जिसने ज्योतिष पढ़ी भी हो !

मूर्खों ने धंधा बना लिया है ज्योतिष की निंदा करने का !
    कुछ मूर्खलोग अपने सर्कल के मूर्ख सदस्यों को ही सारी दुनियाँ समझ लेते हैं वो अपने मूर्ख साथियों से ज्योतिष के विषय में कुछ पूछ लेते हैं या बहस कर लेते हैं तो समझ लेते हैं कि मैंने ज्योतिष विद्वानों से पूछ लिया या बहस कर ली है आदि आदि !उन्हें एक ग्लास
शराब पिला लेते हैं तो समझ लेते हैं कि सब ज्योतिषी शराब पीते होंगे । 
    ऐसे लोग अपने मूर्ख गिरोह के ही किसी सदस्य को ज्योतिषी मान कर उसके सारे दोष ज्योतिष विद्वानों में आरोपित करने लगते हैं !महामूर्ख लोगों का यही सामान्य परिचय है !
    ऐसे हजारों लोग हमें भी मिले लोग उनके ज्योतिषी होने के विषय में बड़ी बड़ी बातें करते रहे किंतु जब मैंने उन्हीं को भेजा कि जाओ पूछकर आओ कि उन्होंने ज्योतिष पढ़ी भी है क्या और पढ़ी है तो किस विश्व विद्यालय से किस सन में ज्योतिष सब्जेक्ट में क्या डिग्री ली है तो पता लगा कि सबकुछ झूठ बोल रहे थे ।
     इसी प्रकार से बाबा रामदेव ने फरीदाबाद में योग पर्व के जिस कार्यक्रम में ज्योतिष की निंदा की थी उस विषय में भी किसी टीवी पत्रकार का हमारे पास फ़ोन आया वो उस पर हमारी टिप्पणी चाहते थे तो मैंने उनसे भी वही कहा कि बाबा रामदेव की बात ज्योतिष के विषय में महत्त्वहीन है क्योंकि उन्हें शास्त्रों की समझ नहीं है !वो तो जिस विषय को सूना देखते हैं उसी में घुसने का प्रयास करने लग जाते हैं । जिस सब्जेक्ट में जिन्दा लोग मिल जाते हैं वो जहाँ एक बार कायदे से धमका देते हैं ये फिर उस सब्जेक्ट की चर्चा तक करना भूल जाते हैं !
   इन्होंने योग की चर्चा की और कसरतें करवाते रहे किसी योगसाधक ने ध्यान नहीं दिया तो इन्होंने योग को धंधा बना लिया अन्यथा योग इनके बश की चीज है क्या !यही इन्होंने आयुर्वेद में किया और घुस गए आयुर्वेद में !यही इन्होंने व्यापार में किया पहले जिन व्यापारों को कुकर्म बता रहे थे आज वो सारे खुद करने लगे हैं वो !ऐसा कोई योगी कर सकता है क्या !टीवी चैनलों पर विज्ञापन करते घूम रहे हैं ऐसा कोई संन्यासी साधू संत कर सकता है क्या ?ऐसे ही ज्योतिष में घुसकर नग नगीने यंत्र तंत्र ताबीजों का कारोबार फैलाना या फैक्ट्री लगाना चाह रहे थे !
    मुझे लगा ये तो ज्योतिष को भी बदनाम करना चाह  रहे हैं तो मैंने शास्त्रार्थ के लिए ललकारा बल्कि मैंने तो इसके लिए प्रधानमंत्री जी को भी पत्र लिखा कि इनसे कहो ज्योतिष के विषय में जो कहा है वो सिद्ध करें !हर टीवी चैनल एवं अखवारों को पत्र भेजा  कि आपने ज्योतिष के विषय में बाबा रामदेव के द्वारा की गई बकवास तो दिखा दी अब ज्योतिष शास्त्र का पक्ष भी तो रखने दिया जाए किंतु मीडिया आज पूरी तरह बिका हुआ है । सारे भ्रष्टाचार की जड़ है मीडिया !
     तमाशाराम से पैसे मिलने बंद हो गए तो उन्हें अंदर करवा दिया !मलमल बाबा को भी निशाने पर लिया था उसके विषय में भी सभी चैनल हुल्लड़ मचाने लगे थे तब तक उसकी आर्थिक शक्तियाँ काम आ गईं जैसे ही उसने मीडिया का आर्थिक पूजन किया वैसे ही मीडिया ने उसे निश्चिन्त रहने आशीर्वाद दे दिया !इन्हीं कारणों से मीडिया हमारी बात नहीं दिखाता भला हो सोशल साइट वालों का वो हमें भी अवसर देते हैं अन्यथा ये शास्त्र माफिया लोग सीधा ही निगल जाते शास्त्रीय ज्ञान विज्ञान को !
    कुलमिलाकर विद्वानों को तो समझाया जा सकता है क्योंकि वो तर्क दे भी सकते हैं और समझ भी  सकते हैं किंतु बाबा रामदेव को कैसे समझाया जाए कि ज्योतिष विज्ञान है ये उनके समझ और दिमाग के ऊपर की चीज है उन्हें चाहिए कि इसे पाखंड न कहें क्योंकि इसके पाखंड सिद्ध होते ही उनके अपने सारे  ड्रामे की पोल खुल जाएगी !वैसे भी साधू संतों जैसी वेषभूषा  बनाकर उनके मुख से शास्त्रों की निंदा शोभा नहीं देती है!शास्त्रों की गरिमा जब तक है तभी तक पूजे जा रहे हैं वे !
       एक बड़ी बात ये भी है कि जरूरी नहीं है कि हमेंशा मीडिया बिकाऊ ही बना रहे कभी न कभी तो जिन्दा पत्रकार हमें भी मिलेंगे और जनता तक पहुँचाएँगे हमारा भी सन्देश !तब देखेंगे कि कल्पित 'कपालभाति' कितना काम आती है ।

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