चुनावी भविष्यवाणियों के विषय मेंचूँकि ज्योतिषशास्त्र में कोई प्रमाण ही नहीं मिलते हैं इसलिए ऐसी भविष्य वाणियों के नाम पर कुछ लोगों के द्वारा बोला गया झूठ उनका व्यक्तिगत होता है ! ज्योतिषशास्त्र में इस प्रकार की लप्फाजी का कोई स्थान ही नहीं है फिर भी यदि किसी को ऐसा लगता है तो दें प्रमाण !उन्होंने किस ग्रन्थ के किस सूत्र के आधार पर ऐसी लोकलुभावनी राजनैतिक भविष्यवाणियाँ गढ़ी हैं ।
पत्रकारों की तरह तुक्के लगाकर बोलने वाले लोगों की भविष्यवाणियाँ जनता तो झूठी समझकर भुला देती है और भविष्यवाणी करने वाले लोग भी अपनी झूठी निकलने वाली सैकड़ों भविष्यवाणियाँ वे लोग भी बड़ी चतुराई से भुला देते हैं किंतु उसी में कोई तीर तुक्का यदि सही फिट बैठ जाता है तो उसे लेकर ऐसे लोग ढिंढोरा पीटने लगते हैं जो शत प्रतिशत झूठ पर आधारित होते हैं !ऐसे किसी भी तीर तुक्के को तब तक सच नहीं माना जा सकता है जब तक वे किसी भूकंप जैसी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाकर पहली से घोषणा नहीं कर देते हैं !दूसरी बात ज्योतिष के किस सिद्धांत के आधार पर कोई चुनावी भविष्य वाणी कर सकता है उसे सार्वजानिक रूप से घोषित करे !
ज्योतिष को बदनाम करवाने वालों को खुले मंच पर खुली बहस की चुनौती !ऐसे ज्योतिष को बिना पढ़े लिखे लोग ज्योतिषी बन बन कर ज्योतिष की नाक कटवाया करते हैं समाज ऐसे लोगों की ज्योतिष क्वालिफिकेशन चेक करे सरकार के किस विश्व विद्यालय से ज्योतिष सब्जेक्ट में उसने कौन सी डिग्री ली है !RTI डालकर पता करो वो विश्व विद्यालय और डिग्री कहीं फ्रॉड तो नहीं है !क्योंकि कोई ज्योतिष पढ़ा लिखा विद्वान् ऐसी बकवास कर ही नहीं सकता है चिकित्सा के क्षेत्र की तरह ही समाज ज्योतिष में भी सतर्कता बरते और अपने को ज्योतिषी कहने वाले झोला छाप लोगों का बहिष्कार करे !आपके पूर्वजों की विद्या को मजाक वालों के विरुद्ध आप भी खड़े हों ये आपका भी दायित्व है ये मत भूलना कि आप भी ऋषियों की संतान हैं !
जब ज्योतिषशास्त्र का निर्माण हुआ था तब चुनाव होते नहीं थे इसलिए ज्योतिषशास्त्र में चुनावी भविष्यवाणियाँ करने का कहीं चर्चा तक नहीं है और न ही ऐसा कर पाना संभव ही है विधायक सांसद मंत्री मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री आदि कौन बनेगा कौन नहीं इसकी भविष्यवाणी करने का मतलब सौ प्रतिशत झूठ बोलना होता है ऐसा कोई भी झूठा इस विषय पर हमारे साथ शास्त्रार्थ या बहस कुछ भी कर सकता है उसे खुली चुनौती है इस बात की है कि वो सिद्ध करे कि उसकी बातों का संबंध ज्योतिष से कैसे है !
ज्योतिषडिग्री होल्डर कोई ज्योतिष विद्वान चुनावी भविष्यवाणियाँ करेगा ही नहीं क्योंकि वो इस सफेद झूठ को प्रमाणित नहीं कर सकता और जो ऐसी झूठी भविष्यवाणियाँ करेगा वो ज्योतिष पढ़ा ही नहीं होगा ये सौ प्रतिशत सच है !आप स्वयं ऐसे लोगों का ज्योतिष क्वालीफिकेशन को पता लगाकर देखिए उनकी ज्योतिष डिग्रियों को RTI डालकर सत्यापित कर लीजिए !सौ प्रतिशत झूठे निकलेंगे !
भविष्य जानने के लिए ज्योतिषशास्त्र के अलावा विश्व के किसी भी देश और संप्रदाय में कोई दूसरा ऐसा ज्ञान-विज्ञान है ही नहीं जिससे भविष्य संबंधी कोई पूर्वानुमान लगाया जा सके !उसका कारण है जब ज्योतिष बनी थी तब चुनाव होते नहीं थे इसलिए ज्योतिषशास्त्र में चुनावों के विषय की चर्चा तक नहीं है इसलिए किसी नेता या किसी राजनैतिक पार्टी के हारने जीतने की भविष्यवाणियाँ ज्योतिषशास्त्र से की ही नहीं जा सकती हैं और न ही ये बताया जा सकता है कि सरकार किस पार्टी या व्यक्ति की बनेगी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री कौन बनेगा !फिर भी समय समय पर जो लोग ऐसी भविष्यवाणियाँ करते रहते हैं वो सौ प्रतिशत झूठ बोल रहे होते हैं !सरकार को चाहिए कि ऐसे ज्योतिष माफियाओं पर कठोर से कठोर कार्यवाही करके ज्योतिषशास्त्र के गौरव की रक्षा करे !जो टीवी चैनल या अखवार ऐसी झूठी भविष्यवाणियाँ दिखाते या प्रकाशित करते हैं सरकार उनपर कठोर कानूनी लगाम लगाए !समाज स्वयं भी ऐसे पाखंडियों का बहिष्कार करे !
चुनावी भविष्यवाणी करने वाले लोग सिद्ध करें कि उनके तीर तुक्कों के ज्योतिष शास्त्र में कहाँ मिलते हैं प्रमाण !ऐसे लोग केवल ज्योतिष शास्त्र का सम्मान घटाने पर तुले हैं ! ,,
ज्योतिष का नाम ले लेकर चुनावी भविष्यवाणी करने का नाटक करने वाले पाखंडी लोग नेताओं को राजनीति का सट्टा खेलने का ज्ञान देने लगते हैं जबकि चुनावी भविष्य वाणियों के नाम पर ये सौ प्रतिशत झूठ बोल रहे होते हैं !इसके ज्योतिष शास्त्र में कहीं कोई प्रमाण चर्चा संकेत तक नहीं हैं उसका कारण है जब ज्योतिष बनी थी तब चुनाव होते ही नहीं थे तो इसका जिक्र होगा कहाँ से !
चुनावी भविष्यवाणी करने वाले किसी भी भी व्यक्ति में यदि साहस है कि वो अपनी भविष्यवाणी के समर्थन में ज्योतिषशास्त्रीय प्रमाण प्रस्तुत कर सकता है तो प्रस्तुत करे प्रमाण !और हमारी शास्त्रार्थ की चुनौती स्वीकार करे !पहले शास्त्रार्थ करे बाद में प्रकाशित करे अपनी भविष्यवाणी !
पत्रकारों की तरह तुक्के लगाकर बोलने वाले लोगों की भविष्यवाणियाँ जनता तो झूठी समझकर भुला देती है और भविष्यवाणी करने वाले लोग भी अपनी झूठी निकलने वाली सैकड़ों भविष्यवाणियाँ वे लोग भी बड़ी चतुराई से भुला देते हैं किंतु उसी में कोई तीर तुक्का यदि सही फिट बैठ जाता है तो उसे लेकर ऐसे लोग ढिंढोरा पीटने लगते हैं जो शत प्रतिशत झूठ पर आधारित होते हैं !ऐसे किसी भी तीर तुक्के को तब तक सच नहीं माना जा सकता है जब तक वे किसी भूकंप जैसी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाकर पहली से घोषणा नहीं कर देते हैं !दूसरी बात ज्योतिष के किस सिद्धांत के आधार पर कोई चुनावी भविष्य वाणी कर सकता है उसे सार्वजानिक रूप से घोषित करे !
ज्योतिष को बदनाम करवाने वालों को खुले मंच पर खुली बहस की चुनौती !ऐसे ज्योतिष को बिना पढ़े लिखे लोग ज्योतिषी बन बन कर ज्योतिष की नाक कटवाया करते हैं समाज ऐसे लोगों की ज्योतिष क्वालिफिकेशन चेक करे सरकार के किस विश्व विद्यालय से ज्योतिष सब्जेक्ट में उसने कौन सी डिग्री ली है !RTI डालकर पता करो वो विश्व विद्यालय और डिग्री कहीं फ्रॉड तो नहीं है !क्योंकि कोई ज्योतिष पढ़ा लिखा विद्वान् ऐसी बकवास कर ही नहीं सकता है चिकित्सा के क्षेत्र की तरह ही समाज ज्योतिष में भी सतर्कता बरते और अपने को ज्योतिषी कहने वाले झोला छाप लोगों का बहिष्कार करे !आपके पूर्वजों की विद्या को मजाक वालों के विरुद्ध आप भी खड़े हों ये आपका भी दायित्व है ये मत भूलना कि आप भी ऋषियों की संतान हैं !
जब ज्योतिषशास्त्र का निर्माण हुआ था तब चुनाव होते नहीं थे इसलिए ज्योतिषशास्त्र में चुनावी भविष्यवाणियाँ करने का कहीं चर्चा तक नहीं है और न ही ऐसा कर पाना संभव ही है विधायक सांसद मंत्री मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री आदि कौन बनेगा कौन नहीं इसकी भविष्यवाणी करने का मतलब सौ प्रतिशत झूठ बोलना होता है ऐसा कोई भी झूठा इस विषय पर हमारे साथ शास्त्रार्थ या बहस कुछ भी कर सकता है उसे खुली चुनौती है इस बात की है कि वो सिद्ध करे कि उसकी बातों का संबंध ज्योतिष से कैसे है !
ज्योतिषडिग्री होल्डर कोई ज्योतिष विद्वान चुनावी भविष्यवाणियाँ करेगा ही नहीं क्योंकि वो इस सफेद झूठ को प्रमाणित नहीं कर सकता और जो ऐसी झूठी भविष्यवाणियाँ करेगा वो ज्योतिष पढ़ा ही नहीं होगा ये सौ प्रतिशत सच है !आप स्वयं ऐसे लोगों का ज्योतिष क्वालीफिकेशन को पता लगाकर देखिए उनकी ज्योतिष डिग्रियों को RTI डालकर सत्यापित कर लीजिए !सौ प्रतिशत झूठे निकलेंगे !
भविष्य जानने के लिए ज्योतिषशास्त्र के अलावा विश्व के किसी भी देश और संप्रदाय में कोई दूसरा ऐसा ज्ञान-विज्ञान है ही नहीं जिससे भविष्य संबंधी कोई पूर्वानुमान लगाया जा सके !उसका कारण है जब ज्योतिष बनी थी तब चुनाव होते नहीं थे इसलिए ज्योतिषशास्त्र में चुनावों के विषय की चर्चा तक नहीं है इसलिए किसी नेता या किसी राजनैतिक पार्टी के हारने जीतने की भविष्यवाणियाँ ज्योतिषशास्त्र से की ही नहीं जा सकती हैं और न ही ये बताया जा सकता है कि सरकार किस पार्टी या व्यक्ति की बनेगी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री कौन बनेगा !फिर भी समय समय पर जो लोग ऐसी भविष्यवाणियाँ करते रहते हैं वो सौ प्रतिशत झूठ बोल रहे होते हैं !सरकार को चाहिए कि ऐसे ज्योतिष माफियाओं पर कठोर से कठोर कार्यवाही करके ज्योतिषशास्त्र के गौरव की रक्षा करे !जो टीवी चैनल या अखवार ऐसी झूठी भविष्यवाणियाँ दिखाते या प्रकाशित करते हैं सरकार उनपर कठोर कानूनी लगाम लगाए !समाज स्वयं भी ऐसे पाखंडियों का बहिष्कार करे !
चुनावी भविष्यवाणी करने वाले लोग सिद्ध करें कि उनके तीर तुक्कों के ज्योतिष शास्त्र में कहाँ मिलते हैं प्रमाण !ऐसे लोग केवल ज्योतिष शास्त्र का सम्मान घटाने पर तुले हैं ! ,,
ज्योतिष का नाम ले लेकर चुनावी भविष्यवाणी करने का नाटक करने वाले पाखंडी लोग नेताओं को राजनीति का सट्टा खेलने का ज्ञान देने लगते हैं जबकि चुनावी भविष्य वाणियों के नाम पर ये सौ प्रतिशत झूठ बोल रहे होते हैं !इसके ज्योतिष शास्त्र में कहीं कोई प्रमाण चर्चा संकेत तक नहीं हैं उसका कारण है जब ज्योतिष बनी थी तब चुनाव होते ही नहीं थे तो इसका जिक्र होगा कहाँ से !
चुनावी भविष्यवाणी करने वाले किसी भी भी व्यक्ति में यदि साहस है कि वो अपनी भविष्यवाणी के समर्थन में ज्योतिषशास्त्रीय प्रमाण प्रस्तुत कर सकता है तो प्रस्तुत करे प्रमाण !और हमारी शास्त्रार्थ की चुनौती स्वीकार करे !पहले शास्त्रार्थ करे बाद में प्रकाशित करे अपनी भविष्यवाणी !
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार
चुनावों से संबंधित किसी भी प्रकार की भविष्यवाणी की ही नहीं जा सकती है
ऐसे लोग सौ प्रतिशत झूठ बोलकर आम जनता से जुड़े लोगों को बरगलाया करते हैं !
वर्तमान समय में राजनीति बहुत बड़ा उद्योग है राजनीति
का खेल बिलकुल 'सट्टा' खेलने की तरह है इसमें केवल दाँव लगाना होता है
हार जीत भाग्य पर छोड़नी होती है !
किसी पार्टी में कोई पद मिलने से लेकर टिकट मिलना या फिर चुनाव जीतना मंत्री मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री आदि बनना सब कुछ बिलकुल सट्टे की तरह होता है !क्योंकि इसमें अपना प्रयास बहुत कम ही काम आता है सबकुछ औरों को ही करना होता है अपने को तो केवल हाथ जोड़ने होते हैं बस !
किसी पार्टी में कोई पद मिलने से लेकर टिकट मिलना या फिर चुनाव जीतना मंत्री मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री आदि बनना सब कुछ बिलकुल सट्टे की तरह होता है !क्योंकि इसमें अपना प्रयास बहुत कम ही काम आता है सबकुछ औरों को ही करना होता है अपने को तो केवल हाथ जोड़ने होते हैं बस !
राजनीति में घुसने वाला हर व्यक्ति रोज बनठन कर निकलता है कि न जाने
कब लाटरी लग जाए !किंतु अपने सजे हुए सपने वो कहे किससे !पार्टी
पदाधिकारियों के पैर छूने और उनके साथ फोटो खिंचाने में वो कोताही नहीं
बरतता है !
ज्योतिषशास्त्र की नाक कटवा रहे हैं ऐसे टीवी चैनल और ऐसे पाखंडी लोग !
न्यूजचैनल ने (ABP News )
"यूपी चुनाव: 2017 में मायावती के अनुकूल है ज्योतिष की गणना-ABP News
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