सोमवार, 17 अक्तूबर 2016

करवाचौथ जैसे त्योहारों पर टीवी चैनलों के पालतू ज्योतिष बुद्धुओं से सावधान !

      करवाचौथ में पसीना पोछने के रुमाल का कलर भी अब पाखंडी लोग राशियों के हिसाब से बताने लगे हैं इतना बेवकूफ समझते हैं समाज को !

    इनकी बातों और राशिफलों का ज्योतिष शास्त्र से कोई लेना देना नहीं होता है ये केवल आपको बरगला कर अपने को ज्योतिषी सिद्ध करना चाहते हैं इन अनपढ़ों का इतना सा स्वार्थ होता है बस !
     ऐसे झूठों को टीवी चैनलों पर बैठा कर  बकवास करवाने वाले टीवी चैनल धर्म संबंधी पाखंडों को दिनों दिन इतने अधिक बढ़ाते जा रहे हैं कि धीरे धीरे आप अपने पूर्वजों की परंपराएँ भूलते चले जाओगे और अपने तिथि त्योहारों परंपराओं को बोझ समझने लगोगे !उनसे घृणा करने लगोगे ! अपने धर्म को पाखंड समझने लगोगे ! ऐसे ही पाखंडों के कारण आप अपना सब कुछ भूलते जा रहे हैं जिन्हें आप भूलते जाओगे वो आपको याद रखेंगे क्या ?
      जन्मदिन पर आप केक काटने लगे क्यों ?
  आपका जन्मदिन काटने के लिए नहीं अपितु जोड़ने के लिए होता है इसीलिए इसे वर्षगाँठ या सालगिरा(ग्रह) कहते हैं ये ग्रहों के पूजन का पर्व होता है ये दीप जलाने का पर्व होता है ताकि हम अपने और औरों के जीवन में प्रकाश भर सकें !
     हम 'केक' के नाम पर अपने बीते जीवन को अपने वर्तमान जीवन से काटें क्यों ? काटें वो जिन्होंने अपने बीते जीवन में ऐसे कुकर्म किए  हों जिन्हें  जीवन से घृणा हो उसे याद करने में उन्हें  तनाव होता हो, नशा करके भी न भुला पा रहे हों वे काटें केक !जिन्हें अपने अतीत पर गर्व हो और लगता हो कि उन्हें अपना बीता जीवन अपने साथ जोड़कर चलना चाहिए वे क्यों काटें केक ! मोमबत्तियाँ बुझावें वे जो अपने और दूसरों के जीवन में अँधेरा भरना चाहते हों अपनी तो प्रकाश फैलाने की संस्कृति है हम तो दुश्मनों के जीवन में भी अँधेला नहीं करना चाहते हम मोमबत्तियाँ क्यों बुझावें ? हम तो ईश्वर से प्रार्थना करने वाले लोग हैं ताकि भगवान् सबको सद्बुद्धि दें !हम दूसरों के जीवन में अँधेला नहीं करते तो अपने जन्मदिन पर क्यों करें !
        हनीमून हमारी संस्कृति नहीं है !
    जीवन भर के स्नेह का कोटा दो चार दिनों में पूरा करके तलाक ले लेने वाली संस्कृति  अपनी नहीं है जैसे माँ  बाप भाई बहनों बच्चों के साथ संबंधों को भी तो निबाहते हैं आप ऐसे ही पति पत्नी के संबंधों भी निभाइए !
        भाई बहनों !आप केवल अपनी परंपराओं का ही पालन करें ! टीवी चैनलों पर बैठे ये लोग सौ प्रतिशत झूठ बोलते हैं इनकी बकवास मत मानिए ये आपको बुद्धू समझते हैं इन राशियों नक्षत्रों के नाम पर पहनना ओढ़ना सिखाने वाले  बुद्धुओं (ज्योतिषियों) से सावधान रहने में ही भलाई है !

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