मीडिया को जो जब तक पैसे दे तब तक वो 'बापू जी' और न दे तो बलात्कारी !
टीवी चैनलों और अखवारों में छाए रहने वाले पर वाले ज्योतिषियों, तांत्रिकों, राशिफलियों, मलमलबाबाओं, वास्तुवालों एवं नग नगीने बेचने वालों के आय स्रोतों एवं संपर्कों की जाँच की जाए !इनके संस्थानों में लगे कैमरे कालेधन के विषय में बहुत कुछ बता सकते हैं इनके संपर्कों में रहने वाले अधिकाँश क्लाइंट हो सकते हैं कालेधन का संग्रह करने वाले या गैरकानूनी कार्यों में संलिप्त लोग !
छोटे बड़े प्रायः सभी प्रकार के अपराधों
में संलिप्त लोग और कालेधन के कठोर कानून से डरने वाले लोग ईमानदार सरकारों से डरे सहमे होने के कारण प्रायः बड़े बड़े बाबाओं ज्योतिषियों तांत्रिकों मलमलबाबाओं एवं वास्तु वालों की शरण लेते हैं !ऐसे बाबा ज्योतिषी आदि लोग उन भयभीत लोगों को सभी प्रकार से डरा धमकाकर उन्हें पहले गरम करते हैं और फिर ऐसे डरे सहमे गैरकानूनी धनवान लोगों का निकालते हैं तेल !
बड़े बड़े अपराधियों ,काले धन वालों एवं तमाम प्रकार के काले कामों को अंजाम देने वाले लोगों को सुरक्षा की गारंटी देने वाले ये लोग भयदोहन प्रक्रिया के द्वारा उनसे भारी भरकम धनराशि वसूलते हैं वो लोग उस धन राशि का उपयोग अपने लिए सारी सुख सुविधाएँ जुटाने ,संपत्तियाँ और प्रतिष्ठा बनाने में करते हैं !इस धन राशि का बड़ा हिस्सा उन टीवी चैनलों को जाता है जो इन्हें विश्वविख्यात ज्योतिषी तांत्रिक वास्तुस्पेशलिस्ट आदि के रूप में प्रचारित करके गैरकानूनी काम करते हैं । ऐसे ज्योतिषियों, तांत्रिकों, राशिफलियों, मलमलबाबाओं, वास्तु
वालों एवं नग नगीने बेचने वालों और इनका प्रचार प्रसार करने वाले टीवीचैनल अखवार आदि मीडिया माध्यमों की ईमानदार जाँच पड़ताल से उजागर हो सकते हैं कालेधन वाले या अपराध जगत से जुड़े लोगों के कई बड़े नाम !
गलत और गैरकानूनी काम करने वाले लोग भारी भरकम धन राशि देकर मीडिया को इसलिए पटाए रहते हैं ताकि कभी पोल खुलने लगे तो वो लीपा पोती करते रहें और होता भी ऐसा ही है पैसे पहुँचाने वालों के अपराधों को ढकने की जिम्मेदारी सतर्कता पूर्वक निभाता है बिकाऊ मीडिया ! ये ज्योतिषियों, तांत्रिकों, राशिफलियों, मलमलबाबाओं, वास्तु
वालों एवं नग नगीने बेचने वालों के साथ भी ऐसा ही सहयोग पूर्ण वर्ताव करते हैं !
आपको याद होगा कि कुछ वर्ष पहले कृपा का कारोबार करने वाले एक पाखंडी के विरुद्ध हर टीवी चैनल चिल्लाने लगा था और धर्म एवं धार्मिकों की सभी प्रकार से बुराई करने लगा था !किंतु उस बाबा ने मीडिया वालों को न जाने कैसी और कितनी गड्डियाँ पहुँचाईं कि उसके बाद मीडिया को उनमें कभी कोई दुर्गुण नहीं दिखा !आखिर जिसमें जो दोष होता है वो हमेंशा रहता है कभी कुछ कम तो कभी कुछ ज्यादा !उसे देखने वाले पर डिपेंड करता है कि वो उसके कब किस स्वरूप को देख रहा है !कुल मिलाकर कालेधन के इस शुद्धीकरण अभियान में टीवी चैनलों के साथ ज्योतिषियों, तांत्रिकों, राशिफलियों, मलमलबाबाओं, वास्तु
वालों एवं नग नगीने बेचने वालों के संबंधों को भी खँगाला जाए !शुद्धीकरण हो तो सबका हो !
अपराधों में फँसने की आशंका से या कालेधन के विरुद्ध कठोर कानून से डरने वाले स्त्रीपुरुष अपने बचाव और सुरक्षा के लिए कानून के शिकंजे में फँसने से बचने के लिए ज्योतिषियों, तांत्रिकों, राशिफलियों, मलमलबाबाओं, वास्तु
वालों एवं नग नगीने बेचने वालों के यहाँ खूब चक्कर काटते देखे जाते हैं ।ऐसे लोगों के कैमरों एवं काल रिकार्ड से आयकर विभाग के हाथ लग सकते हैं कालेधन के कई बड़े मगरमच्छ !
अपराधी या नशे का कारोबार करने वाले धनवान लोग अपनी अपनी सुरक्षा के लिए ज्योतिषियों, तांत्रिकों, राशिफलियों, मलमलबाबाओं, वास्तु वालों के पास जाते हैं इन डरे सहमे लोगों को ख़राब ग्रहों,वास्तु दोषों एवं कृपा रुकने की मनगढंत कहानियाँ सुना सुनाकर ऐसे घबराए लोगों को जमकर डराते धमकाते और मनचाही धन दौलत लूटते हैं बाबा लोग और उन्हें कालेधन या अपराध निरोधक क़ानूनी कारवाही से बचाने की गारंटी ले लेते हैं ऐसे ज्योतिष ,तंत्र और राशिफल बकने वाले झूठों पर कार्यवाही करे सरकार !
ऐसे झूठों पर और बकवास करवाने वाले टीवी चैनलों पर भी कार्यवाही करे सरकार ! टीवी चैनलों को लाखों रूपए दे कर झूठी बकवास करने वाले फर्जी ज्योतिषियों
तांत्रिकों के लाखों करोड़ों रूपए महीने के विज्ञापनों की जाँच करे आयकर
विभाग !इससे बड़े बड़े कालेधन वालों के मिल सकते हैं संपर्क सूत्र !टीवी चैनलों को विज्ञापन के लिए लाखों करोड़ों रूपए चुकाने वाले लोगों की वह खून पसीने की कमाई होती ही नहीं है और न ही वे अपने अपने घरों से इतने संपन्न ही होते हैं सामान्य परिवारों में जन्मे इन लोगों के पास इतना पैसा कहाँ से आता है कि ये लोग विज्ञापनों पर इतना पैसा खर्च करते हैं ।
यदि मान लिया जाए कि ये लोग इतने अधिक विद्वान् हैं इसलिए अपनी ईमानदार कमाई के करोड़ों रूपए इन्हें लोग दे जाते होंगे किंतु ऐसा होता तो इन विषयों में फर्जी डिग्री या बिना डिग्री वाले झूठी उपाधियाँ ओढ़कर फिरने वाले लोगों की अपेक्षा सरकारी विश्व विद्यालयों के इन विषयों के शिक्षकों को भी ऐसा ही संपत्तिवान होना चाहिए था !वैसे भी टीवी चैनलों का लक्ष्य इन विषयों से संबंधित वास्तविक जानकारी यदि समाज को उपलब्ध करवाना होता तो वो इन विषयों के रीडर प्रोफेसर पकड़ते ये तो ऐसे ही फर्जी ज्योतिषियों, तांत्रिकों, राशिफलियों, मलमलबाबाओं, वास्तु
वालों एवं नग नगीने बेचने वालों के लिए भूखे बैठे हैं जो इन्हें पैसे दें !फिर चाहें कुछ भी बकें ! कई ज्योतिषी तो ऐसे भी हैं जो अपने क्लाइंट के फँस जाने पर उसकी पोलखोलने की धमकी तक देकर चुप करा देते हैं !
यहाँ एक और गंभीर अपराध यह होता है जिसमें ऐसे पैसे के बलपर प्रचार प्रसार पाने वाले ज्योतिषियों, तांत्रिकों, राशिफलियों, मलमलबाबाओं, वास्तु वालों में 99 प्रतिशत वो लोग हैं जिन्होंने उन विषयों को पढ़ा ही नहीं होता है जिनके विषय में टीवी चैनलों पर बकवास कर रहे होते हैं !उनसे यदि पूछ दिया जाए कि तुमने सरकार के किस विश्व विद्यालय से
ज्योतिष तंत्र राशिफल, बाबागिरी या वास्तु के नाम पर झूठ बोलने वाली बातें
सीखी हैं तो ऐसे अनपढ़, गँवार, झूठे, लफ्फाज, फर्जी डिग्री या बिनाडिग्री वाले धोखाधड़ी करने में सहायक तरह तरह की झूठी उपाधियाँ ओढ़े मिलेंगे जिनसे प्रभावित करके धनवान लोगों को अपने चंगुलों में फँसाते और लूटते हैं ये लोग !
कई लोगों के महँगे महँगे विज्ञापन कई कई चैनलों पर दिन में कई कई बार दिखाए जाते हैं
वर्षों से चल रहे हैं इसमें लाखों करोड़ों रूपए महीने का खर्च आता होगा क्या
ये ईमानदारी से कमाकर खर्च कर रहे हैं इसमें लगने वाले कालेधन की जाँच भी सारे आयामों से की जानी चाहिए !ऐसे विज्ञापनों में खर्च किया जाने वाला अधिकाँश धन झूठ फरेब एवं धोखाधड़ी से इकठ्ठा किया गया होता है विज्ञापन देनेवाले 99 प्रतिशत झोलाछाप फर्जी डिग्रीवाले या बिना डिग्री वाले लोग होते हैं जो ज्योतिष तंत्र आदि बिना पढ़े ही इन विषयों में केवल अंधविश्वास फैलाने के लिए विज्ञापन देते हैं विज्ञापन दिखाने वाला मीडिया पैसे लेकर इनका खुला साथ देता है आखिर इसकी जाँच क्यों न करवाई जाए कि जब अंधविश्वास फैलाना मना है तो ऐसा क्यों करता है मीडिया !क्या सरकार
ऐसे लोगों की सक्षमता के कारण इन पर कार्यवाही नहीं करती है !सरकार के
किसी भी विश्वविद्यालय से ज्योतिष सब्जेक्ट में किसने क्या पढ़ा है कौन सी
डिग्री प्रमाणपत्र लिया है किसी का विज्ञापन देने से पहले उसके विषय में ये आवश्यक जानकारी क्यों नहीं जुटाई जानी चाहिए
अन्यथा जो जिस विषय पढ़ा ही न हो वो उस विषय में प्रैक्टिस करके समाज को
गुमराह करे ये अंध विश्वास फैलाना नहीं तो क्या है और मीडिया यदि ऐसे लोगों
का साथ देता है तो ये गलत नहीं है क्या ?किंतु ये सब कालेधन का कमाल है !
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