गुरुवार, 7 नवंबर 2019

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आदरणीय प्रधानमंत्री जी !
                         आपको सादर नमस्कार !
 
विषय : वर्षा एवं आँधी तूफ़ान से संबंधित पूर्वानुमान लगाने के लिए खोजी गई एक नई तकनीक के विषय में-
    
महोदय, 
      इस तकनीक से लगाए जाने  वाले वर्षा एवं आँधी तूफ़ान आदि से संबंधित  पूर्वानुमानों में से अधिकाँश पूर्वानुमान सच होते देखे जा रहे हैं |इन पूर्वानुमानों की दो सबसे बड़ी विशेषताएँ पहली बात इसके माध्यम से किसी भी  समय में घटित होने वाली ऐसी प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान घटना घटित होने के वर्षों पहले भी लगाया जा सकता है | इसकी दूसरी विशेषता यह है कि ये बहुत कम खर्चीले होते हैं |
      इसकी एक विशेषता और है कि इस तकनीक से लगाए जाने वाले पूर्वानुमानों पर जलवायु परिवर्तन आदि का असर नहीं पड़ता है | सन 2018 अगस्त में केरल आदि दक्षिण भारत में भीषण बारिश और बाढ़ हुई थी इसका पूर्वानुमान मैंने जुलाई में ही मौसम विभाग के द्वारा बताए गए जीमेल पर भेज दिया था उसमें 1 से 11 अगस्त के बीच दक्षिण भारत में बहुत अधिक वर्षा होने की भविष्यवाणी की गई थी | जबकि सरकारी मौसम विभाग ने 3 अगस्त को जो भविष्यवाणी की थी उसमें अगस्त और सितंबर में सामान्य बारिश होने की बात कही गई थी किंतु जब बहुत अधिक बारिश हो गई उस समय सरकारी विभाग के द्वारा सफाई देते हुए कहा गया था कि जलवायुपरिवर्तन के कारण अप्रत्याशित वर्षा हुई जिसका हम पूर्वानुमान नहीं लगा सके | ऐसे ही सन 2018 मई के महीने मनाए हिंसक आँधी तूफानों के भी पूर्वानुमान नहीं लगाए जा सके थे जिसके पीछे ग्लोबल वार्मिंग को कारण बताया गया था |
      ऐसी परिस्थिति में इस नई तकनीक से लगाए जाने वाले पूर्वानुमान भी देश और समाज के  लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं |इन पर जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग आदि का असर भी नहीं पड़ता है |विशेष कर कृषि कार्यों के लिए ये पूर्वानुमान बहुत अधिक सहयोगी सिद्ध हो सकते हैं | 
       प्रधानमंत्री जी ! प्रत्येक महीना प्रारंभ होने से पूर्व मैं आपके मेल पर आगामी एक महीने का पूर्वानुमान भेज देता हूँ जिसमें वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान एवं वायु प्रदूषण बढ़ने या घटने के पूर्वानुमान होते हैं |जो सही सिद्ध होते  आ रहे हैं | अभी हाल ही में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह एवं नवंबर के प्रथम सप्ताह के विषय में मैंने जो वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान एवं वायु प्रदूषण बढ़ने या घटने के विषय में पूर्वानुमान लिखे हैं वे सही घटित हो रहे हैं |इस समय उत्तर भारत में हो रही बर्फवारी एवं दिल्ली आदि में 7 नवंबर को हुई बारिश के विषय में भी उस पूर्वानुमान में पहले से लिखा गया है | आपको भेजे गए उन पूर्वानुमानों का कुछ अंश यहाँ संलग्न कर रहा हूँ |
      अतएव आपसे निवेदन है कि प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने में अत्यंत सक्षम इस विधा के अनुसंधान हेतु आप हमारा सहयोग कीजिए |
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