महामारी को जन्म देने एवं इसके समाप्त होने में तथा संक्रमितों की संख्या कम और अधिक होने में वायु प्रदूषण की बड़ी भूमिका बताई जा रही है ऐसी परिस्थिति में महामारी से संबंधित पूर्वानुमान लगाने के लिए सबसे पहले वायुप्रदूषण पैदा होने और उसके घटने बढ़ने का कारण खोजना आवश्यक है उसी के आधार पर उससे संबंधित महामारी जैसी किसी घटना के विषय में कोई पूर्वानुमान लगाया जा सकता है | अभी तो वायु प्रदूषण बढ़ता क्यों है इसका कारण खोजने में ही सबसे बड़ी समस्या पैदा हो रही है |
भारतवर्ष में दशहरे पर्व में रावण का पुतला जलाने की परंपरा है तो उस समय यदि वायु प्रदूषण बढ़ने लगता है तब तो उसका कारण रावण के पुतला जलाए जाने को बता दिया जाता है |
इसी प्रकार भारतवर्ष में दीपावली पर्व पर पटाखे फोड़ते और साँप की टिक्की जलाते हैं उस समय यदि वायु प्रदूषण बढ़ने लगता है तब तो उसका कारण पटाखे फोड़ते और साँप की टिक्की जलाने को बता दिया जाता है |
यदि वायु प्रदूषण धान काटने के समय यदि वायु प्रदूषण बढ़ने लगता है तो उसका कारण पराली जलाने को मान लिया जाता है |
यदि वायु प्रदूषण सर्दी की ऋतु में बढ़ने लगता है तो सर्दी में तापमान कम होने से हवा की गति धीमी हो जाती है जिससे प्रदूषकतत्वों का विखराव अच्छे से नहीं होता है इसलिए वायुप्रदूषण बढ़ने का कारण उसे बता दिया जाता है |
यदि वायु प्रदूषण गर्मी की ऋतु में बढ़ने लगता है तो उसका कारण तापमान अधिक होने से हवा में घुल रही गैस और हवा में तैरने वाले प्रदूषित कणों को जिम्मेदार बता दिया जाता है |
दिल्ली में कई बार भलस्वा लैंडफिल साइट को वायु प्रदूषण बढ़ने का कारण मान लिया जाता है |
वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार जब कोई कारण समझ में नहीं आते हैं उस समय कुछ ऐसे कारणों की कल्पना कर ली जाती है जो हमेंशा विद्यमान रहते हैं | वाहनों से निकलता धुआँ,उद्योगों से निकलता धुआँ,ईंट भट्ठों से निकलता धुआँ,हुक्का पीने से निकलता धुआँ,निर्माण कार्यों से उठती धूल आदि को वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है | दूसरे देशों में आई आँधी को भारत में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है !चीन के वैज्ञानिकों ने तो हेयर स्प्रे,परफ्यूम और एयर रिफ्रेसर के प्रयोग को वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार बताया है |
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अपर निदेशक दीपांकर शाह कहते हैं कि यह स्मॉग नहीं अपितु फॉग है | उन्होंने कहा पराली जलाने से दिल्ली में वायुप्रदूषण नहीं बढ़ता है अपितु दिल्ली की भौगोलिक स्थिति के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ता है |
कुछ रिसर्चरों का मत है कि वायु प्रदूषण क्यों बढ़ता है ये किसी को पता ही नहीं है |
11 अप्रैल 2021-फ्रेंच पोलर इंस्टीट्यूट के सहयोग से यूनिवर्सिटी ऑफ पेरिस-सैकेल और प्राकृतिक इतिहास के राष्ट्रीय संग्रहालय के वैज्ञानिकों ने करीब 20 वर्षों तक किए गए एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के जरिए किया निर्धारित है कि हर साल धूमकेतु और क्षुद्रग्रहों से हमारे ग्रह पृथ्वी पर धूल आती है। इस तरह करीब पांच हजार दो सौ टन धूल पृथ्वी पर आती है।जर्नल अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंस लेटर्स में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि धरती पर हमेंशा से ही सूक्ष्म उल्कापिंड गिरते रहे हैं।
इसप्रकार से वायुप्रदूषण क्यों बढ़ता है इसका वास्तविक निश्चित कारण किसी को पता ही नहीं है जिसका उपचार किया जाए वैज्ञानिक अनुसंधानों के नाम पर केवल काल्पनिक तीर तुक्के लगाए जाते रहते हैं |
15 अक्टूबर 2018 को भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 'एयरक्वालिटीअर्लीवार्निंगसिस्टम' विकसित किया गया है |बताया जाता है कि इसके द्वारा वायुप्रदूषण बढ़ने के तीन दिन पहले ही वायु प्रदूषण बढ़ने का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है | ऐसे दावे पहले भी किए जाते रहे हैं इतना ही नहीं अपितु समय समय पर वायु प्रदूषण बढ़ने के विषय में पूर्वानुमान भी बताए जाते रहे हैं वे सही नहीं होते हैं ये और बात है |
इसमें सबसे विशेष बात यह है कि वैज्ञानिक अनुसंधान हमेंशा चला करते हैं किंतु उनके द्वारा अभी तक इस बात का पता नहीं लगाया जा सका है कि वायु प्रदूषण बढ़ने का कारण क्या है ?वायु प्रदूषण के बढ़ने का पूर्वानुमान लगाने के लिए अभी तक कोई ऐसी प्रक्रिया प्रमाणित रूप से विकसित नहीं हो पाई है | जिसके द्वारा वायुप्रदूषण बढ़ने के विषय में पूर्वानुमान लगाया जा सके |
ऐसी परिस्थिति में जिस वायुप्रदूषण के विषय में अभी तक कुछ पता ही नहीं लगाया जा सका है महामारी के पैदा होने या समाप्त होने में उसकी कोई भूमिका है भी या नहीं इसका अंदाजा कैसे लगाया जा सकता है | दूसरी बात जब वायुप्रदूषण के ही बढ़ने के विषय में पूर्वानुमान लगाना संभव नहीं हो पाया है तब उसकेआधार पर यदि महामारी पैदाभी हुई हो या उसके आधार पर संक्रमण बढ़ता भी हो तो उसका पूर्वानुमान कैसे लगाया जा सकता है |
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