रविवार, 15 दिसंबर 2013

अपने शर्तों की शर शय्या पर क्या इसीलिए लिटाए गए थे अन्ना ?

आम आदमी पार्टी के नेता ने अन्ना की तुलना भीष्म से और अपनी पांडवों से क्यों की ? 

      शायद अन्ना को भीष्म इसलिए कहा गया है क्योंकि उन्होंने सरकारी बिल का समर्थन कर दिया है इसलिए उन पर  सिंहासन अर्थात केंद्र सरकार से चिपकने का आरोप लगाया जा रहा है,किन्तु यह सिंहासन कौन सा है किसका है इसका राजा धृतराष्ट्र कहाँ है? कहाँ है इसका युवराज दुर्योधन कौन है इसकी गांधारी ?खोजने पर मिल तो सब जाएँगे किन्तु कहने वाले का अभिप्राय क्या है यह भी तो स्पष्ट होना चाहिए । दूसरी ओर  आम आदमी पार्टी की लीला मंडली में  भीष्म अर्थात अन्ना के विरोध में खुल कर बोलने वाला शिखंडी कहाँ है?      

       आम आदमी पार्टी के नेता ने अपनी लीला मंडली को पांडव कहा गया है आखिर ऐसी क्या खूबी उन्होंने अपने में देखी ? या फिर इस उपमा में केवल अन्ना को भीष्म एवं अपने को उस तरह का पांडव मान लिया गया है जिन्हें भीष्म ने अपनी गोद  में खिलाकर बड़ा किया था उन्हें बाणों की शय्या पर सुला देने वाले पांडव हैं आप के आप ! अन्यथा कौन जानता था आप के आपों को ?क्या इसका सीधा  अर्थ यह नहीं है कि अन्ना को सामाजिक रूप मिटाने  की तैयारी आप ने कर रखी है ? आखिर पांडवों ने भी तो यही किया था कहीं आपका निशाना उधर ही तो नहीं है ?और यदि लक्ष्य अन्ना को मिटाना ही है तो क्या इसकी तैयारियाँ उसी समय शुरू हो गई थीं जब अन्ना पहली बार रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे थे ? 

        इन शर्तासुरों ने लोक पाल बिल में कितनी कठिन कठिन शर्तें रखवाई थीं अन्ना जी से! अथवा यूँ कह लें कि वो वर्त्तमान परिस्थिति में न पूरी हो सकने वाली शर्तें थीं ,भला हो उन नेताओं का जिन्होनें लोक पाल के समर्थन में प्रस्ताव पारित करके अन्ना के प्राणों की रक्षा की अन्यथा आप पार्टी के निर्माण के लिए इतने उतावले ये तथाकथित पांडव कि अपनी शर्तों के शरों की शय्या पर उसी समय सुला दिया था इन अन्ना जी को !आखिर  कितनी कुटिलता है इनमें ?आज इन शर्तासुरों से मुक्त अन्ना जी की स्वतन्त्र आत्मा इस लोकपाल के विषय में स्वतन्त्र निर्णय ले रही है तो ये तथाकथित पांडव परेशान क्यों  हैं?आखिर अन्ना को अपने विषय में निर्णय लेने लायक भी क्यों नहीं समझते हैं ये लोग ? अन्ना की वाणी विचारों सिद्धांतों को आखिर क्यों बंधक बना कर रखना चाहते हैं ये लोग ? आज अन्ना जी  ने  इन लोगों से परेशान होकर ही कहा होगा कि अपने बिल के लिए आप स्वयं आंदोलन करो अर्थात हमें क्यों भूखों मारना चाहते हो !

      धन्य है आप पार्टी का आदर्श -

                  अपने लिए सत्ता अन्ना के लिए सजा !

                  इन कुटिल पांडवों की मजा ही मजा !!

        

 



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