केजरीवाल को चुकानी पड़ी उतावलेपन की कीमत: अन्ना - आज तक
अन्ना जी ! इसमें उतावलापन किस बात का !वस्तुतः केजरीवाल जी को खाँसी आ रही थी घर भर को सोने नहीं देते होंगे तो घर वालों ने कहा होगा कि लगता है कि ये खाँसी शर्दी भर चलेगी इसलिए जाओ तुम शर्दी भर राजनीति कर आओ शर्दी समाप्त हो जाए तो घर आ जाना ! इसलिए केजरीवाल जी ने शर्दी भर राजनीति की और जैसे ही मौसम थोड़ा सुहावना हुआ तो सरकार छोड़ दी !लगता है कि अब इन्हें गर्मी भी बर्दाश्त नहीं हो पा रही है फिर घर वाले कह रहे होंगे कि यदि कुछ नहीं कर पाए तो जाओ अब गरमी भर के लिए मुख्यमंत्री ही बन जाओ !
आम आदमी पार्टी को मिले 1 करोड़ वोट - आजतक
इससे केजरीवाल जी को एक लाभ तो हुआ कि अब केजरीवाल किसी से भी कह सकते हैं कि कौन कहता है कि मुझे कोई पूछता ही नहीं है !चुनाव लड़ने में नुकसान भी क्या हुआ केजरीवाल जी का ? वस्तुतः इसी बहाने काशी बास हुआ काशी बासियों का दर्शन भी हुआ और अपना गंगा भी नहाए और घर आ गए !
केजरीवाल के सरकार बना लेने में बुराई भी क्या है चुनाव हो ही गए हैं पांच वर्ष कोई पूछने वाला है नहीं घर खर्च तो निकालना ही पड़ेगा कमाएँगे नहीं तो खाएँगे क्या !इसलिए सरकार तो बनानी ही पड़ेगी ! वैसे भी चुनाव लड़ने में नुकसान भी क्या हुआ केजरीवाल जी का ? वस्तुतः इसी बहाने
काशी बास हुआ काशी बासियों का दर्शन भी हुआ और बाबा विश्वनाथ जी के दर्शन किए और गंगा भी नहाए और प्रसाद लिए अपने घर आ
गए !हो गया इतने दिन का रेस्ट !बहुत है अब दिल्ली में सरकार बना लेंगे !
काशी को देश की आध्यात्मिक राजधानी बनाएंगे: मोदी.-आजतक
मोदी जी !कृपया जितना बोला जा चुका है वह कम तो नहीं है बल्कि वही पूरा कर पाना पाँच वर्ष के लिए अधिक है पहले उसे पूरा होने दीजिए बाद में नया बोलना ठीक रहेगा ! अपन लोगों को पता ही कहाँ था कि बहुमत इतना अधिक आ जाएगा ! अब तो लोग श्री राम मंदिर भी बनवाना चाह रहे हैं और धारा 370 भी हटवाना चाह रहे हैं अब तो अपने पास पूर्ण बहुमत न होने का भी बहाना भी नहीं है !और ये ठहरे काशीबासी इन्हें याद बहुत रहता है ! ये परखते सबको हैं और प्रभावित किसी से नहीं होते !
चुनाव नतीजों के बाद अखिलेश ने शुरू की भरोसेमंद अफसरों की तलाश-आजतक
ये अखिलेश का ड्रामा है यदि अफसर भरोसे वाले न होते तो आजम की भैंसे कैसे खोज लाते ! उनमें तो कोई खास पहचान भी नहीं होती है किन्तु जब अफसरों पर ताला डाल के रखोगे तो कैसे कर पाएँगे वो लोग काम ?up की स्थिति यह है कि कोई अपराध बाद में होता है सिफारिस आपके लोगों की पहले पहुँच जाती है आम आदमी की बात न सुन पाना अफसरों की मजबूरी है थाने में रिपोर्ट दर्ज करने में भी घटना घटने के कई कई घंटे बाद तक प्रतीक्षा की जाती है कि सम्बंधित व्यक्ति कहीं सपा से जुड़ा न हो बाद में सपा पदाधिकारियों की अनुमति लेकर की जाती है कार्यवाही फिर भी किसी सपाई ने घुड़की मारी तो दुबक कर बैठ जाते हैं बेचारे अधिकारी ! ऐसे लोकप्रिय सरकारें नहीं चलाई जा सकतीं !
नीतीश के इस्तीफे के बाद क्या बिहार को जल्द ही मिल जाएगा नया सीएम-आज तक
सी.एम.भले नया हो किन्तु मानसिकता तो वही पुरानी ही रहेगी धर्म निरपेक्षता की आड़ में वही षड्यंत्र !खैर,बिहार की जनता को अभी इनसे मुक्ति मिलने वाली नहीं हैं अभी तो किसी नई बोतल में पुरानी शराब भरने की तैयारी ही चलती दिखाई दे रही है !
उम्मीदों से भरी आम आदमी पार्टी जो अपने ही क्षेत्र में जनता का विश्वास नहीं जीत पायी.-ABP न्यूज़
तो क्या हुआ अपने क्षेत्र में किसे सम्मान मिल पाता है तुलसीदास जी जब अपने गाँव गए तो लोग उन्हें तुलसिया तुलसिया कह रहे थे
बिहार में अब क्या होगा ?-ABP
लग रहा है कि बिहार भी अब एक दूसरे मोदी के लिए मचल पड़ा है !
आजम खां के रामपुर से मुस्लिम प्रत्याशी की क्यों हुई हार ?
इसका सीधा सा मतलब है कि आजम खां की उत्तेजक एवं अमर्यादित भाषा अब मुश्लिम भाई भी पसंद नहीं करते हैं !
मायावती ने विरोधियों के ‘घिनौने हथकंडों’ और ‘मतदाताओं के भटकाव’ को ठहराया जिम्मेदार !-जनसत्ता
घिनौने हथकंडे मायावती के और भटकाव मायावती का फिर क्यों जिम्मेदार ठहराती हैं विरोधियों को ! अरे !ये चुनाव था यहाँ तो जनता के हित में काम करना ही एक मात्र योग्यता मानी जाती है ये अपनी जाति बताती घूमती हैं कि मैं दलित हूँ दलित हूँ इसलिए वोट दे दो!मायावती जी इसमें कौन सी योग्यता है आपकी ? अरे भाई ! जनता क्या समझे कि तुम दलित हो तो चुनाव जीतकर हमारा क्या विकास कर सकते हो ! रही बात दलित की तो जनता समझती है कि ये वही दलित हैं जो अपनी योग्यता से अपना घर तो चला नहीं सके देश क्या चलाएँगे! घर चलाने के लिए तो आरक्षण माँग माँग कर काम चलाते हैं देश चलाने के लिए कहाँ कहाँ नहीं मांगेंगे ? फिर तो अपने भारत का नाम मंगता भारत पड़ जाएगा !
मोदी जी ने कहा कि यह जीत मेरी नहीं लाखों कार्यकर्ताओं के प्रयास का परिणाम है -जनसत्ता
मोदी जी !सच्चाई तो यह कि इसमें मनमोहन सरकार का बहुत बड़ा योगदान है टू जी घोटाला ,.थ्री जी घोटाला,कोयला घोटाला ,कामन बेल्थ घोटाला आदि आदि न जाने कौन कौन से घोटाले करवाने पड़े काँग्रेस सरकार को कितने पापड बेलते बेलते मुश्किल से तो मोदी जी की सरकार बनवा पाए मनमोहन सिंह जी !आखिर उनके द्वारा बनवाया गया बिल जो फाड़ दिया था राहुल ने !
मनमोहन सिंह जी की सरकार ने इतने बुरे घोटाले और भ्रष्टाचार न किया होता तो काँग्रेस इतनी बुरी तरह से हारती भी नहीं और जब काँग्रेस इतनी बुरी तरह से हारती ही नहीं तो भाजपा जीतती कहाँ से ! इसलिए मोदी जी को प्रधानमंत्री बनवाने में बहुत बड़ा रोल मनमोहन सिंह जी का भी है!केजरीवाल जी की भाषा में "लगता है ये दोनों लोग मिले हुए हैं !"
नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे रामविलास पासवान-आज तक
चलो मोदी जी के साथ आना रामबिलास के लिए भी बहुत अच्छा हुआ जब चाहते हैं तब मिल तो लेते हैं अन्यथा बाप बेटे दोनों राहुल गाँधी से मिलने का समय महीनों तक माँगा करते थे वो इन्हें मुख ही नहीं लगाते थे तभी तो दुखी होकर बेचारे भाजपा की शरण में आए थे !चलो अच्छा हुआ इनके लिए भी अच्छा ही हुआ जो राहुल ने मिलने का समय नहीं दिया समय दे देते तो बेचारे ये भी फँस जाते! अब क्या पाँच वर्ष खाली बैठते तो बहुत जल्दी बुढ़ापा आ जाता और बुढापे में राजनीति में कौन डालता है घास !
चलो मोदी जी के साथ आना रामबिलास के लिए भी बहुत अच्छा हुआ जब चाहते हैं तब मिल तो लेते हैं अन्यथा बाप बेटे दोनों राहुल गाँधी से मिलने का समय महीनों तक माँगा करते थे वो इन्हें मुख ही नहीं लगाते थे तभी तो दुखी होकर बेचारे भाजपा की शरण में आए थे !चलो अच्छा हुआ इनके लिए भी अच्छा ही हुआ जो राहुल ने मिलने का समय नहीं दिया समय दे देते तो बेचारे ये भी फँस जाते! अब क्या पाँच वर्ष खाली बैठते तो बहुत जल्दी बुढ़ापा आ जाता और बुढापे में राजनीति में कौन डालता है घास !
अरे नितीश कुमार छोडूराम ! मोदी जी की सरकार बनने पर इतना गिफ्ट तो बनता भी है नीतीश जी ! वैसे भी आपका त्याग हमें पता है नीतीश जी !पहले भी मोदी जी के राहत वाले पैसे आपने छोड़ दिए थे (इन्होंने लौटा दिए थे) मोदी जी से हाथ मिलाना छोड़ दिया था ,मोदी जी के साथ लंच में सम्मिलित होना छोड़ दिया था, मोदी जी को प्रधानमंत्री प्रत्याशी बनाए जाने पर भाजपा को छोड़ दिया था,मोदी जी का नाम लेना छोड़ दिया था , मोदी जी के चुनाव जीत जाने पर बिहार सरकार को छोड़ दिया !
अरे नितीश कुमार छोडूराम ! ये तो बताओ कि अब तो मोदी जी तो प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं अब देश छोड़ कर कहाँ जाओगे !
नीतीश जी !कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी हठ से चुनाव हारे शरद जी को अकेले अच्छा न लगता हो तो उन्हीं का साथ देने के लिए आप भी त्यागपत्र देने का मन बना बैठे हो !
'चाहे कुछ भी हो हम दिल्ली में सरकार नहीं बनाएंगे'- केजरीवाल (पंजाबकेशरी )
सरकार बनाओगे कैसे आपके पास अपना बहुमत नहीं है ,भाजपा समर्थन नहीं करेगी,काँग्रेस जिसे समर्थन देती है उसे नौकर बनाकर काम लेती है वो आप को बनना होता तो पहले ही सरकार क्यों गिरती !लगता है कि दिल्ली वालों के भाग्य में अब यही लिखा है जो चल रहा है !
बिहार: पुराने जनता परिवार 'लालू-नीतीश' के साथ आने की अटकलें.-जनसत्ता
आने की बात ही क्या है दोनों लोग साथ हैं दोनों लोग बिहार के रहने वाले हैं एक मुख्यमंत्री है एक रह चुका है दोनों नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी हैं और अब मोदी जी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं इससे मिर्ची तो दोनों को लग रही हैं साथ हो जाएँगे तो दोनों एक दूसरे के सहलाते रहेंगे ,अकेले अकेले तो अब मीडिया भी घास नहीं डालता है |
रामदेव गांधी-जेपी जैसेः जेटली-IBN7
मेरा निजी मत है कि भाजपा से ये बड़ी चूक हुई है उसे ऐसी टिप्पणी से बचना चाहिए था ! बाबा जी इतने गंभीर नहीं है कि भाजपा में गंभीर माने जाने वाले नेता लोग इतनी बड़ी बात बाबा जी के विषय में बोल जाएँ !यदि ये भाजपा का वक्तव्य मान लिया जाए तो क्या बाबा जी कल स्वार्थ पूर्ति के अभाव में जब भाजपा और भाजपाइयों की निंदा करेंगे तब भाजपा कैसे मेंटेन कर के रख पाएगी अपने तथाकथित गांधी और जेपी सम्बन्धी टिप्पणी को ! ये तुलना भाजपाइयों का इतना पीछा करेगी कि पत्रकार बंधु बार बार दे दे मारेंगे यह वाक्य !और भाजपा से मिलवाएंगे संगति कि क्या गुण ऐसे इनमें देखे आपने कि इतनी बड़ी उपमा दे दी इन्हें !केवल इसलिए कि आपके मुद्दों को लपककर काँग्रेस को कुछ कठोर बातें बोल दीं इन्होंने क्या गाँधी और जेपी की बस यही योग्यता मानती है पार्टी! किसी भी राष्ट्रीय एवं सत्ता धारी दल के राष्ट्रीय नेताओं के मुख से ऐसी तुलना न अनुकूल है और न ही प्रासंगिक ही !
बाबा जी ठहरे व्यापारी आदमी इसलिए सत्ता से शत्रुता उनकी रहनी ही है जो कल तक सत्ता में था तब दुश्मनी उससे थी जो आज सत्ता में है वह कब तक झेल पाएगा इन्हें .....! खैर !!जय श्री राम !!!
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