किन्तु राशिद साहब ! बीजेपी ने 5 दिनों में यही एक गलत काम नहीं किया है सबसे बड़ा गलत काम तो कुछ ऐसे लोगों को मंत्री बना कर किया है जिनकी शैक्षणिक क्षमता एवं प्रमाण पत्रों पर प्रश्न उठाने का काँग्रेस को मौक़ा दिया अन्यथा चुनावों के बाद से निर्जीव पड़ी काँग्रेस अभी महीनों तक मीडिया से आँखें मिलाने लायक नहीं थी किन्तु बलिहारी हो बीजेपी वालों की कि काँग्रेस वालों को इतनी जल्दी केवल इन्हीं 5 दिनों में बोलने लायक बना दिया !अपने बल पर तो 5 महीनों में भी काँग्रेस इस लायक हो पाती ये हमें तो विश्वास नहीं है !
राशिद साहब " शायद आपको भी पता लगा हो कि इन चुनावों में जनता ने काँग्रेस को रेस में तो रखा ही नहीं देश में भी नहीं रखा है अर्थात विपक्ष की भूमिका में भी नहीं रखा अब तो काँग्रेस लगभग उसी तरह की पार्टी हो गई जैसे कि 1000 अन्य पार्टियाँ भी अपने अपने वजूद को बनाने या बनाए रखने के लिए संघर्ष रत हैं अंतर इतना अवश्य है कि काँग्रेस के कुछ सांसद चुनाव जीते भी हैं किन्तु वो जीते न जीते बराबर जब पक्ष या विपक्ष की किसी भूमिका में हैं ही नहीं ,अब तो बस अपने नाम के साथ सांसद लिख सकते हैं जस्ट लाइक एक पदवी की तरह ! वैसे भी जब सत्ता में रहने पर कुछ नहीं कर सके तो जब कहीं के नहीं रहे तो अब उनसे क्या आशा !अब तो बस यही है कि लोगों ने आपस में जोकर जोकर कहना शुरू कर दिया है !
इसलिए राशिद साहब ! भाजपा से जनता जब पूछेगी भाजपा अपने आप जनता को सफाई दे देगी !अब आप तो बस अपनी पार्टी संभालिए जहाँ संसद में हाजिरी लगवाने के अलावा काँग्रेस का और कोई काम ही नहीं है !
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