मंगलवार, 27 मई 2014

केजरीवाल बेल बॉन्ड भरने को तैयार !

     अरविन्द जी ! आपको हर बात बाद में क्यों समझ में आती है ?   

  न जाने क्यों केजरी वाल को हर चीज देर से समझ में आती है पढाई लिखाई करके नौकरी करने गए तो बाद में समझ में आया कि यह ठीक नहीं है और छोड़ कर चले आए ! अन्ना जी का साथ किया और बाद में समझ में आया कि यह ठीक नहीं है और छोड़ कर चले आए ! सरकार बनाई वहाँ  भी बाद में समझ में आया और छोड़ कर चले आए ! सरकार छोड़ दी वहाँ भी बाद में समझ में आया और सरकार बनाने फिर पहुँचे ! अरविन्द जी आपको हर बात बाद में क्यों समझ में आती है ?

      वही अब हो रहा है कि जेल गए अब छोड़कर बाहर आने को तैयार हैं वही बेल बॉन्ड  के विषय में भी हो रहा है पहले इनकार किया  सुना है अब भरने को तैयार हैं ! मुझे तो ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी भी पहले तो बना ली  थी हो न हो अब छोड़ने को तैयार हों ! यही हाल आम आदमी पार्टी से जुड़े अन्य लोगों का भी है पहले तो बहुत लोग पार्टी में सम्मिलित हो गए अब चुनावों के पहले से ही लोगों में पार्टी छोड़ने का जुनून सवार है ऐसे  लोग अपने किसी भी दायित्व के साथ न्याय कैसे कर सकते  हैं जिन्हें हर बात बाद में ही समझ में आती हो !

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     जब किन्हीं दो या दो से अधिक लोगों का नाम यदि एक अक्षर से ही प्रारंभ होता है तो ऐसे सभी लोगों के आपसी संबंध शुरू में तो अत्यंत मधुर होते हैं बाद में बहुत अधिक खराब हो जाते हैं, क्योंकि इनकी पद-प्रसिद्धि-प्रतिष्ठा-पत्नी-प्रेमिका आदि के विषय में पसंद एक जैसी होती है। इसलिए कोई सामान्य मतभेद भी कब कहॉं कितना बड़ा या see more... http://snvajpayee.blogspot.in/2013/03/blog-post_8869.html

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