मंगलवार, 10 जून 2014

लड़के लड़कियों की आपसी मित्रता में धोखा तो मिलता ही है अभी हो या आगे कम हो या ज्यादा !

 धोखे बाज केवल पुरुष ही नहीं होते फिर कानून के नाम पर प्रताड़ित केवल पुरुष ही क्यों किए जाते हैं ?

    मित्र की परीक्षा मुसीबत में होती है किन्तु आज की मित्रता मुशीबत तक चलती कहाँ है !उसके पहले पहले टूट जाती है !और जहाँ तक लड़के लड़कियों की आपसी मित्रता है ये तो कच्चे धागे से बँधी होती है इसमें किसी  को  तन से मरना पड़ता है किसी को मन से !बिरले ही भाग्य शाली लोग निभा पाते हैं या कुशलता पूर्वक अलग हट पाते हैं !
     लड़के लड़कियों की आपसी मित्रता  में अजीब सी बिडम्बना है उसी निंदा की जाए तो उसके ऊपर रूढ़िवादी होने का आरोप लगे और प्रशंसा की जाए या प्रोत्साहित किया जाए तो बलात्कार बढ़ते हैं आखिर जो जिसे चाहता है वो उसे नहीं चाहता है तो कई जगह घटती   हैं दुर्भाग्य पूर्ण दुर्घटनाएँ ।यदि ऐसी मित्रताओं को पहले रोकने का प्रयास किया जाए तो प्यार पर पहरा कहा जाता है और यदि  कोई दुर्घटना घट  जाए तो कानून परेशान पुलिस सरकार सब दोषी !
      अजीब सा असमंजस होता है सरकार के सामने जैसे कोई कहे कि बीच समुद्र में कूदूँगा और किसी को बिना बताए कूदूँगा यहाँ तक तो निर्णय अपना है किन्तु सरकार बचा न पावे तो त्याग पत्र दे इसी प्रकार कच्चे धागे से किसी पेड़ में लटकना है ये निर्णय अपना है किन्तु लटकने के बाद दुर्घटना घटे तो दोषी सरकार वो बचा न पावे इसलिए त्याग पत्र दे !राजनैतिक समस्या ये है कि विपक्ष को पाँच वर्षों तक या जब तक सरकार चले तब तक त्याग पत्र माँगने के अलावा कोई दूसरा काम ही नहीं होता है क्योंकि उनका जन समस्याओं से कोई लेना देना नहीं होता केवल एक ही लक्ष्य होता है कि ये हटें तो हम बैठें जनता समझती है कि ये हमारे साथ हैं जबकि ये भ्रम होता है उस कुर्सी पर पहुँचाने के बाद हर दल यही करता है जो दूसरे को मौन मोहन सिंह कहते रहे आज उनकी बोलती बंद है !खैर ये तो रहा राजनैतिक पक्ष !
    आज बात लड़के लड़कियों की आपसी मित्रता तक ही सीमित नहीं है आज तो बासनात्मक व्यवसाय में लड़कियाँ भी खुलकर हिस्सा ले रही हैं और जहाँ तय शुदा लेन देन गड़बड़ाया वहाँ वो बलात्कार का केस करती हैं और जिस पर करती हैं वो किसी और के बहाने से मुख माँगी रकम देने का आश्वासन देकर किसी तय शुदा स्थान पर बुलाता है जहाँ वो उसके साथ कुछ भी करने को स्वतन्त्र होता है ऐसी जगहों पर घटती हैं दारुण दुर्घटनाएँ उसका कारण है!इंटरनेट आदि देखकर या उस तरह की फिल्मों को देखने से लड़कों में बासना भड़कती है उन्हें नेट पर ऐसी लड़कियों के नंबर मिल जाते हैं वो काल करते हैं अमाउंट तय होता है तो ये कई लड़के कंट्रीब्यूशन में बुलाते हैं जबकि तय उसे अकेले के लिए कर के लाते हैं !ऐसे में लड़कियों के साथ कोई सुरक्षा कवच तो होता नहीं है और जब कोई दुर्घटना घटती है तो रेप की पुष्टि होती है और लड़की वह है ही शिकायत करने का उसको अधिकार है उसे ये कैसे कहा जाए कि वो आम लड़की नहीं है !
       कई जगह देह व्यापार चल रहा है जहाँ स्वेच्छया लड़कियाँ सम्मिलित हैं आखिर उन्हें कैसे रोका  जाए अन्यथा वहां भी बात बिगड़ने पर बलात्कार सिद्ध करने में कितनी देर  लगेगी !सम्बन्ध उनका हुआ ही होता है और लड़ाई उनसे हो ही रही होती है!
       जो लड़कियाँ  इसी काम को शाही अंदाज में करती हैं वो किसी अत्यंत धनाढ्य आदमी के साथ जुड़ कर पहले सम्बन्ध बनाती हैं वर्षों वर्षों तक तथाकथित प्रेम सम्बन्ध चलते हैं किन्तु जिस मोड़ पर उससे कोई अधिक धनाढ्यमिला तो पहले वाले पर बलात्कार केस करके जो मिला सो मिला फिर दूसरे से जुड़ गईं क्या ऐसा नहीं हो रहा है रोज ऐसी भी खबरें आ रही हैं इसके बाद भी वही आंदोलन वही शोर !
      आखिर क्यों नहीं सुधारना चाहिए लड़कियों को भी जब बलात्कार में आरोपित पुरुषों के लिए फाँसी जैसे कठोर कानून का विधान हो ही गया है तो कोई बात नहीं हो फाँसी किन्तु उतना ही कठोर कानून बने अश्लील साहित्य बेचने वालों के लिए ,आधुनिकता के नाम पर दिखाई जा रही जिन फिल्मों या कार्यक्रमों से सेक्स भड़कता हो इसकी भी जाँच अपने अपने हृदयों पर हाथ रख कर देखिए और जो बासना बर्धक लगे उसे बंद कर दीजिए !इसी प्रकार से कालगर्ल,मसाज पार्लर जैसे देह व्यापारी धंधों पर लगाई जाए बिलकुल रोक ,और  तथाकथित प्यार जैसे समझौतों को भी अर्धविवाह जैसी मान्यता मिले ताकि किसी कारण इन लोगों के आपसी सम्बंध टूटें तो टूट जाएँ किन्तु उन पर बलात्कार जैसे केसों की गुंजाइस न रहे इसलिए उनका भी हो रजिस्ट्रेशन ताकि वो सार्वजनिक स्थलों पर चूमना चिपकना छोड़ दें मिलने का कोई मर्यादित रास्ता खोजें और यदि ऐसा न हो तो दोनों पक्ष दोषी माने जाएँ उन्हें दण्डित करने के लिए समान व्यवहार हो !आखिर लड़कों का जीवन भी तो बहुमूल्य होता है उसका भी ध्यान  रखा जाए ! हाँ जहाँ जिन लड़कियों के बीच आपस में कभी कोई इस तरह प्यार व्यार टाईप का सम्बन्ध ही न रहा हो इसके बाद कोई छेड़ छाड़ करता है तो वह लड़का सम्पूर्ण रूप से दोषी कहा जाएगा !
      जहाँ तक प्यार के सम्बन्ध का भी रजिस्ट्रेशन करने की बात काने का अभिप्राय हमारा यह है कि कम से कम एक लड़का या लड़की एक साथ एक से अधिक लोगों से नहीं जुड़ सकेगा दूसरी बात कुछ वर्षों तक जिनका आपस में प्यार सम्बन्ध चल चुका हो फिर वो अलग हो गए हों फिर कुछ वर्षों बाद उनकी आपसी बात चीत  नार्मल हो जाए फिर उनका  धीरे धीरे पुराण रूटीन बन जाए किन्तु थोड़ी भी बात बिगड़े तो वो पूर्व प्रेमिका उसे बलात्कारी कहने लगे ये कहाँ तक उचित है ! इसलिए प्रेम संबंधों का रजिस्ट्रेशन करने से ये तो पता रहेगा कि वो कब जुड़े कब अलग हुए या दुबारा कब जुड़े !
     रजिस्ट्रेशन करने का दूसरा लाभ यह होगा कि लड़के और लड़की के घर वालों को भी पता होगा कि हमारा बच्चा किससे  कब से कई से जुड़ा है अन्यथा जब रिपोर्ट होगी उसी दिन पता लगेगा !तो क्या फायदा उसके बाद तो उन्हें फाँसी ही होगी ऐसे उन्हें पहले से पता होने से उनका बस चलेगा तो वो अपने बच्चे पर नियंत्रण  करेंगे इसका मौका तो मिलेगा !

    इस स्वार्थी युग में निस्वार्थ मित्रता करना ही सबसे बड़ा भ्रम होता है फिर भी लड़के लड़कों की मित्रता एवं लड़कियों  लड़कियों की आपसी मित्रता तो  कदाचित चल भी जाए किन्तु लड़के लड़कियों की आपसी मित्रता किसी एक का बलिदान लेकर ही छूटती है बात और है कि वो बलिदान तन का हो या मन का अथवा कोई तन से मरे या मन से !क्योंकि वहाँ ब्याभिचार तो पहले ही दिन से शुरू हो जाता है बात अलग है कि कोई तन से करता है और कोई मन से कोई कोई तो तन मन दोनों से करते हैं ऐसे बलात्कारों को ही दुनियाँ बलात्कार मानती है बाकी तो यूँ ही बिता देते हैं घुट घुट कर अपनी जिंदगी !

     इस दुनियाँ में दोस्त दुर्लभ हैं भगवान श्री राम ने कहा है कि इस संसार में सारे सम्बन्धी प्रत्येक जन्म में मिलते हैं किन्तु मित्र  किसी किसी जन्म में ही मिल पाते हैं यथा - 

         दुर्लभं मानुषे लोके मित्र इति अक्षर द्वयम् ॥ 

       फिर भी यदि किसी को किसी से मित्रता नामक भूल करनी ही हो तो कर के देख ले हो सकता है कुछ अच्छा हो ही जाए किन्तु इतना अवश्य करे कि मित्रता में मूत्रता को न आने दे अन्यथा मूत्रता  गर्भित  मित्रता किसी एक की बलि जरूर लेती है !

कितना  कठिन होता है बलात्कारों का शुरूआती अभ्यास !

 

 कौन कहता है कि लड़कियाँ लड़कों से पीछे हैं आप भी देखिए -

 




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