रावण बनना आसान है क्या ? रावण के बिना अधूरी हैं रामलीलाएँ ! श्री राम से तो हम कुछ सीख ही नहीं पाए दुर्भाग्य है कि समझ हम रावण को भी नहीं सके
धर्म के नाम पर रावणों ने रावण का पुतला जलाया और रावणमुक्त समाज का पीट लिया ढिंढोरा !बन गए रामवादी !वारे साहसी समाज !! सच्चाई ऐसे झुठलाई जाएगी !
हर दोष और दुर्गुणों से भरे पुरे हमलोग अपने को रामवादी मान रहे हैं ये हमारी निर्लज्जता है हममें सत्य स्वीकार करने का साहस नहीं बचा है,अपनी झेंप मिटाने के लिए हमने रावण के पुतले जलाए और राम बन गए ! सन 2013 का 2014 के अधिकांश महीनों की पहचान बलात्कारों के नाम है तीन तीन वर्ष की बच्चियों के साथ भीषण अत्याचार हुए हैं ऐसे रावण के जवाने में नहीं होते थे इसके किसी रामायण में कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं होने वाले दुराचार
वो जलाते हैं रावण के पुतले !चाह रावण बनने के लिए की तैयारी यारी का प्रयास दोष आखिर क्या था
धर्म के नाम पर रावणों ने रावण का पुतला जलाया और रावणमुक्त समाज का पीट लिया ढिंढोरा !बन गए रामवादी !वारे साहसी समाज !! सच्चाई ऐसे झुठलाई जाएगी !
हर दोष और दुर्गुणों से भरे पुरे हमलोग अपने को रामवादी मान रहे हैं ये हमारी निर्लज्जता है हममें सत्य स्वीकार करने का साहस नहीं बचा है,अपनी झेंप मिटाने के लिए हमने रावण के पुतले जलाए और राम बन गए ! सन 2013 का 2014 के अधिकांश महीनों की पहचान बलात्कारों के नाम है तीन तीन वर्ष की बच्चियों के साथ भीषण अत्याचार हुए हैं ऐसे रावण के जवाने में नहीं होते थे इसके किसी रामायण में कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं होने वाले दुराचार
वो जलाते हैं रावण के पुतले !चाह रावण बनने के लिए की तैयारी यारी का प्रयास दोष आखिर क्या था
रावण ने सीताहरण किया था किन्तु शीलहरण नहीं सीताहरण करने वाले का पुतला फूँक रहा है सीताओं का शील हरण करने वाला समाज ! हम उस बेशर्म कालखंड के गवाह बनने जा रहे हैं जिसमें भले लोग जी नहीं सकते ! फिर भी हम रामवादी हैं !!हमें धिक्कार है !!!
दो. दिल से मिलने के लिए कहाँ कौन तैयार ।
दलदल दिल सबके हुए खाए चोट हजार ॥
श्रीमान अरविन्द केजरीवाल जी !
बेटी पर अभद्र टिप्पणी करने वालों को अरविंद केजरीवाल जी माफ कैसे कर सकते हैं ? बेटी के विषय में अभद्र टिप्पणी करना निंदनीय !
अरविंद केजरीवाल जी ! आपकी बेटी पर भारतीय सभ्य समाज का कोई हक़ नहीं है क्या ? मान्यवर !बेटी अपनी संस्कृति की सर्व सम्मान्य थाती है बेटी केवल बेटी होती है वो हो किसी की ,बेटियों का गौरव गिरने से देश का गौरव गिरता है समाज के मूल्यों का क्षरण होता है यदि किसी की बेटी का अपमान होता है वो सारे समाज का अपमान होता है ! नारियों के सम्मान को देश इसी भावना से देखता रहा है अन्यथा जनक की बेटी और श्रीराम की पत्नी के लिए जटायु जी क्यों मर जाते ?क्यों 18 पद्म सेनापतियों के साथ समस्त वानर जाति शिर सौंपने के लिए तैयार हो जाती ! सीता के सम्मान के लिए जटायु जी के मन में उमड़ा श्रद्धा सैलाव क्या श्री राम जी के रोकने से भी रुक जाता ! क्या मान जाते जटायु जी !!!
इसलिए बेटियों के अपराधियों को माफ करके उन पापियों का मनोबल नहीं बढ़ाया जा सकता ! देश की बेटियों पर अभद्र टिप्पणी करने वालों की घोर निंदा की जानी चाहिए ऐसे सामाजिक अपराधियों को माफ नहीं किया जाना चाहिए इन पर कठोर कानूनी कार्यवाही की ही जानी चाहिए !
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