बुधवार, 10 जून 2015

राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान का आह्वान -'जय ज्योतिष विज्ञान' 'जय ऋषि संस्कृति' !


      हमारे संस्थान का उद्घोष - वहम मुक्त ,पाखंड मुक्त ,अंध विश्वास मुक्त ज्योतिष सेवाओं के लिए कीजिए हम पर भरोस ! 
                        हम सदैव करते रहेंगे प्रयास , नहीं टूटने देंगे आपका ज्योतिष विश्वास ॥ 
     ज्योतिष विज्ञान की शुद्ध वैज्ञानिक सेवाएँ उपलब्ध करने वाले हमारे संस्थान में आपका स्वागत है -
   बंधुओ ! आयुर्वेद और ज्योतिष दोनों में पहले ईमानदार लोग थे जो समाज का भला चाहते थे किंतु कलियुग का प्रभाव जैसे जैसे बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे आयुर्वेद और ज्योतिष जैसे विशुद्ध विज्ञान में भी पाखंडियों ने उपद्रव मचा रखा है इन विषयों से जुड़े होने पर भी इन विषयों को न जानने वाले लोगों की संख्या 90 प्रतिशत से अधिक है और ऐसे अज्ञानी लोग झूठे दावे कर कर के धीरे धीरे इन दिव्य विद्याओं की गरिमा नष्ट करते जा रहे थे इस पर सरकार सतर्क हुई और सामान्य विषयों की तरह ही आयुर्वेद और ज्योतिष के भी पाठ्यक्रम बने और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी जैसे और भी कई बड़े बड़े विश्व विद्यालयों में आयुर्वेद और ज्योतिष की भी अन्य विषयों की तरह कक्षाएँ चलाई जाने लगीं आज इन विषयों में Ph.D.भी होती है जिससे हजारों विद्यार्थी विद्वान बन कर निकल भी रहे हैं किंतु उनका लाभ समाज को उतना नहीं मिल पा रहा है जितना मिलना चाहिए उसका कारण ज्योतिष विद्वान लोग टीवी चैनलों पर नहीं पहुँच सकते हैं क्योंकि उन्हें लाखों रुपए रोज देना होता है ज्योतिष पढ़ने के लिए वर्षों तक तपस्या करने वाले विद्वान ईमानदारी पूर्वक चलकर इतना धन टीवी चैनलों या अखवारों को नहीं दे सकते और फ्री में टी वी चैनल उन्हें दिखाएँ क्यों ?क्योंकि टीवी चैनलों का खर्च कहाँ से निकलेगा ! इसलिए को पैसे दे दे कर ज्योतिष न जानने वाले लोग ज्योतिष बताने और नग नगीने यंत्र तंत्र ताबीज बेचकर झूठे सपने दिखादिखाकर समाज से धन ऐंठने लगे और टीवी चैनल वालों को देने लगे इससे उन अशिक्षित ज्योतिष कर्मचारियों एवं टीवी चैनलों का धंधा तो चल गया किंतु समाज इन नग नगीना व्यापारियों को ज्योतिषी समझने लगा और लुटाने लगा इन पर पैसे ! ऐसे ज्योतिषीय अनपढ़ों को रईस होता देख अनपढ़ों,शराबियों सुमैकियों  आदि ने ज्योतिष को अपना धंधा बनाना शुरू कर दिया ! ज्योतिष के नाम पर आज विद्वान तो कम बाकी वही नशैलची लोग ही दिखते हैं !ऐसी परिस्थिति में विद्वान ज्योतिषियों को खोज पाना सबसे कठिन हो गया !
     कैसे खोजें विद्वान ज्योतिषी ?-विद्वान ज्योतिषी तो वही खोज सकता है जो ज्योतिष जनता हो और जो ज्योतिष जानेगा उसे किसी ज्योतिषी की आवश्यकता ही क्यों होगी !इसलिए ज्योतिष न जानने वाले ज्योतिष जरूरत मंदों  के लिए केवल एक ही विकल्प बचा वो ये कि अच्छे डॉक्टरों की तरह ही BHU जैसे प्रमाणित विश्व विद्यालयों से ली गई ज्योतिष सब्जेक्ट की डिग्रियों के आधार पर ज्योतिष वैज्ञानिकों को परखें ! इसके अलावा कुछ लोग गोल्ड मैडलिस्ट होने की बात करें या किसी नेता खूँटा मंत्री संत्री के द्वारा ली गई 'ज्योतिषगुरु' टाइप की उपाधियों की ये सब पाखंड हैं अपने द्वारा लिखी बनाई गई उपाधियाँ या मेडल किसी नेता खूंटा के हाथ में पकड़ाकर साथ में फोटो खिंचा लेते हैं किंतु इस धोखाधड़ी से यदि डॉक्टर नहीं बन सकते तो ज्योतिषी कैसे बन जाएँगे !इन बातों का धयान रखते हुए ज्योतिष के क्षेत्र में हर किसी पर विश्वास न करें !
 
         ज्योतिष विज्ञान है 
 
हमारे संस्थान की भूमिका जरूरी क्यों ?
 
 
ज्योतिष का सहयोग लीजिए आश्रित मत होइए !

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