मंगलवार, 4 जून 2024

Family Disputes Resolution Consultancy Services ! पारिवारिक विवाद समाधान परामर्श सेवाएँ

   जीवन भाग्य, समय और कर्म का खेल है !
    
    भाग्य का  बल : कोई चीज हमारे भाग्य में बदी होती है तो हमें  मिलती है |उसका सुख मिलना यदि भाग्य में नहीं बदा होता है तो कितना भी प्रयत्न कर लिया जाए तो भी नहीं मिलती है | कई बार जिन वस्तुओं को पाने की हम योग्यता रखते हैं फिर भी उन्हें नहीं प्राप्त कर पाते हैं और यदि प्राप्त कर भी लिया तो उसका सुख नहीं भोग पाते हैं | 
     कुछ धनवान या ऊँचे पदों पर बैठे साधन संपन्न लोगों को भाग्य पर संशय इसलिए होता है क्योंकि पद प्रतिष्ठा के बल से या धनबल से वे अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए संसाधन तो जुटा लेते हैं किंतु उनका सुख नहीं भोग पाते हैं |

     भाग्यबल से बने मकान में बहुत सुख मिलता है | परिवार के सभी सदस्य प्रसन्नता पूर्वक एक दूसरे  के साथ सुखप्रद व्यवहार करते हैं | कम लागत से बना भोजन भी स्वादिष्ट लगता है | वहाँ प्रत्येक सदस्य इतना अधिक प्रसन्न होता है कि अपने  तिथि त्यौहार जन्म दिन आदि उत्सव अपने घरों में ही प्रसन्नता पूर्वक मनाते हैं ,क्योंकि उन्हें वह प्रसन्नता अपने घर के अलावा और किसी दूसरी जगह मिलती ही नहीं है |

रिश्तेदारों पर बहुत धन खर्च करो फिर भी बुराई मिलती है  क्यों ?

    कुछ लोगों के भाग्य में धन तो होता है,किंतु कुछ दूसरे सुख नहीं बदे होते हैं| ऐसे लोगों को भरोसा होता है कि भाग्य में न बदे हुए सुखों को भी वे धन के बल पर प्राप्त कर लेंगे | ऐसे लोग माता पिता भाई बहनों पत्नी बच्चों एवं मित्रों का सुख प्राप्त करने के लिए उनके ऊपर बहुत धन खर्च करते हैं | बहुत सुख सुविधा की वस्तुएँ प्रदान करते हैं | उन्हें बहुत महँगे महँगे उपहार भेंट में  देते हैं | इसमें उनका धन तो बहुत खर्च हो जाता है लेकिन माता पिता भाई बहनों पत्नी बच्चों को  खुशी इसलिए नहीं मिलती है उनके भाग्य में या तो वो ख़ुशी बदी नहीं होती है या फिर उन्हें ऐसी खुशी जिस समय में मिलनी होती है वो समय अभी नहीं आया होता है | जो सुख जिसके भाग्य में न बदा हो या उसे मिलने का समय न आया हो तो वो उसे मिलता नहीं है | इसलिए किसी के दिए हुए सुख साधनों से वे सुखी नहीं होते हैं |इसलिए वे  एहसान नहीं मानते जबकि सुख देने वाला उन्हें धोखेबाज मानने लगता है |

    जिनके भाग्य में धन हो किंतु पत्नी का सुख  न बदा हो !

      ऐसे लोग धन के प्रभाव से या अपने पद प्रतिष्ठा के प्रभाव से बहुत अच्छे घर की अत्यंत सुंदरी कन्या से विवाह कर लाते हैं ,किंतु उन्हें उससे पत्नी का सुख इसलिए नहीं मिल पाता है क्योंकि उनके भाग्य में पत्नी का सुख बदा  ही नहीं होता है | उन्हें कोई ऐसा रोग हो जाता है कि वे पत्नी सुख पाने लायक नहीं रह जाते हैं या पत्नी उन्हें पसंद ही नहीं करती है इसलिए किसी दूसरे से प्रेम करने लग जाती है | 

    भाग्य में धन बहुत हो किंतु संतान का सुख न हो !

       ऐसे लोग धन के प्रभाव से बड़े बड़े चिकित्सकों  से चिकित्सा का लाभ लेते हैं | इसके बाद भी संतान नहीं होती है | एक ऐसा परिवार था | उनके पास धन तो बहुत था नौकर चाकर लगे हुए थे |वे सेवा किया करते थे | उन सेठ जी के पुत्र को संतान नहीं हो रही थी | बहुत चिकित्सा करवाने के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली | अंत में चिकित्सकों ने बताया कि आपके पुत्र की स्थिति संतान होने लायक नहीं है | आप किसी दूसरे के अंश से संतान प्राप्त कर सकते हैं | अंत में सेठ जी  ने अपने एक विश्वसनीय सेवक से चर्चा की और उसको तैयार कर लिया !उस नौकर के अंश से चिकित्सकों के प्रयास से सेठ जी की बहू के गर्भ से बच्चा पैदा हुआ | जिस नौकर से सेठ जी अपना मलमूत्र साफ करवाते थे शौचालय साफ करवाते थे कपडे धुलवाते थे फिर भी उससे थोड़ी भी गलती हो जाए तो उसकी पगार काट लिया करते थे | उन्हीं सेठ जी की संपूर्ण संपत्ति का मालिक उसी नौकर का बच्चा बना | अच्छा या बुरा भाग्य ऐसे अपना प्रभाव दिखाता है | 

      

एवं मित्रों  

ऐसे लोग सुख के संसाधन प्राप्त करने के लिए कितना भी धन खर्च कर दें ,फिर भी उन्हें मकान का सुख ,भोजन के सुख के साथ साथ संपूर्ण सुख के संसाधनों का सुख नहीं मिल पाता है | ऐसे ही परिवार का सुख,का सुख उन्हें नहीं मिल पाता है | ++++++


धनबल से अच्छा मकान तो बना लेते हैं किंतु उस मकान में सुख पूर्वक रह नहीं पाते हैं जबकि उस मकान में सुख सुविधा की सारी वस्तुएँ उनके पास होती हैं | घर का एक न एक सदस्य बीमार बना रहता है | घर में कलह रहता है आपस में सब लड़ा करते हैं |घर में भूत प्रेत दिखाई देते हैं | इससे इतनी समस्याएँ उठ खड़ी होती हैं जिनसे डर कर उस घर के लोग  अपने घर में घुसने में घबराने लगते हैं | घर में घुसते ही लड़ जाते हैं | ऐसे डरे सहमे लोग अपने तिथि त्यौहार जन्म दिन आदि उत्सव मनाने के लिए  उस घर से बाहर चले जाते हैं | उन्हें पता होता है कि उस घर में उन्हें खुशी नहीं मिल सकती है |उन्हीं मकानों  में रहकर सेवा करने वाले नौकर चाकर उन्हीं घरों में सुख सुविधाओं को भोग रहे होते हैं | उन्हें न भूत प्रेत दीखते हैं और न ही घबड़ाहट होती है | उन्हें उनका सुख मिल रहा होता है | 

    गरीब या मध्यम वर्गीय ईमानदार लोगों को अपने घरों में रहने से ऐसी समस्या नहीं होती हैं | उनके घरों में सुख सुविधा के साधन भी नहीं होते हैं ,फिर भी उन घरों में उन्हें बड़े बड़े राजमहलों से अच्छी संतुष्टि मिल रही होती है |वे अपने तिथि त्यौहार जन्म दिन आदि उत्सव अपने घरों में ही मनाते हैं वे झुग्गी में रह रहे होते हैं तो भी उन्हें संतुष्टि होती है क्योंकि वे उस घर में रह रहे होते हैं जो भाग्य से उन्हें मिला होता है | 

     भाग्यबल से परिश्रम पूर्वक प्राप्त हुआ भोजन सुपाच्य एवं स्वास्थ्य सुधारने वाला होता है |इसीलिए जो लोग स्वपाकी होते हैं या अपने परिवार में ही पवित्रतापूर्वक निर्मित भोजन करते हैं | उन्हें बाहर के अच्छे से अच्छे ब्यंजनों की ओर रूचि ही नहीं होती है | किसी चरित्रवान तपस्वी साधू संत के यहाँ धर्मोत्सवों में प्राप्त भोजन प्रसाद इसीलिए अधिक स्वादिष्ट लगता है ,क्योंकि वह भाग्य के प्रभाव से  अचानक प्राप्त हुआ होता है | अपने घर का बना भोजन कोई किसान जब अपने खेत पर बैठकर खा रहा होता है तो उसे वह नामक रोटी भी बहुत स्वादिष्ट लगती है क्योंकि वह अपनी तपस्थली(खेत) पर तपस्या करते हुए भोजन ग्रहण कर रहा होता है |      

      कुछ भाग्य विहीन  धनबली लोग अच्छे भोजन की खोज में न जाने कहाँ कहाँ सारे जीवन भटका करते हैं |स्वादिष्ट भोजन के लालच में किस किस का नाक थूक पसीना आदि  गंदगी नहीं खा पी जाते हैं | ये भाग्य के सहयोग न करने का ही परिणाम है कि उन्हें स्वादिष्ट सुपाच्य एवं स्वास्थ्य सुधारने वाले  भोजन में रूचि ही नहीं होती है | इसीलिए वे अपने तिथि त्यौहार जन्म दिन विवाह आदि उत्सव अपने घरों में न मनाकर बड़े बड़े होटलों या व्यावसायिक भोजनालयों में मनाते हैं | प्रसन्नता उन्हें वहाँ भी नहीं मिलती है |

 

 

इसलिए मादक द्रव्यों का सेवन करके सब कुछ भूल जाना चाहते हैं |

 

 

में निर्मित भोजन खाया करते हैं

सुपाच्य एवं

 

 धन बल से प्राप्त किए गए भोजन में न तो स्वाद होता है और न ही स्वास्थकर होता है | सुपाच्य भी नहीं होता है |

     धन के बल पर उनके यहाँ भोजन के लिए अच्छे अच्छे  पौष्टिक स्वादिष्ट पकवान बनते हैं|स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें वो सबकुछ खाना चिकित्सकों के द्वारा रोका गया होता है | इसलिए डरते डरते कुछ थोड़ा बहुत खा पा रहे होते हैं वो पचाने के लिए भी औषधियों का सहारा लेना पड़ता है | 


 
 
कुछ आम के वृक्ष हरे भरे स्वस्थ होते हैं किंतु भाग्य  का साथ न मिलने के कारण उनमें कभी फल नहीं लगते हैं | कुछ पति पत्नी संपूर्ण रूप से स्वस्थ होते हैं संतान प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयत्न करते हैं किंतु भाग्य में संतान सुख न बदे होने के कारण उन्हें वह सुख नहीं मिल पाता है | कई बार पति पत्नी दोनों ऐसे ही ही रोगों के चिकित्सक होते हैं जिनसे चिकित्सा का लाभ लेकर कुछ दूसरों को संतान हो रही होती है | जिसका यश ऐसे चिकित्सकों को  मिलता है किंतु उनके अपने यहाँ संतान नहीं हो रही होती है | चिकित्सकीय प्रयासों से होती तो दूसरों के घर संतान होती या न होती चिकित्सकों के अपने घर अवश्य होती |  यही भाग्य का प्रभाव है | जिसके आगे कोई दूसरा बल काम नहीं करता है क्योंकि भाग्य से अनुशासित कर्म ही सफल होता है | उनका सफल होना असंभव होता है | इसीलिए कुछ लोग जिस क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं उसी क्षेत्र से संबंधित कार्य पूरे मनोयोग से अत्यंत परिश्रमपूर्वक  करते हैं ,किंतु सफल नहीं होते हैं | ऐसे ही प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में लोगों के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के लिए किए गए प्रयत्न निष्फल होते हैं | 
     ऐसे व्यक्तियों वस्तुओं को पाने के  लिए हम चाहें जितना प्रयत्न कर लें किंतु उसे हासिल नहीं कर पाते हैं |
 
 
     भाग्य का ज्ञान न होने से होता है नुक्सान :अपना भाग्य न पता होने के कारण  प्रत्येक व्यक्ति अपनी रुचि के अनुसार इच्छाएँ पालता है | उनके लिए योजना बनाता है | उन्हें पूरी करने के लिए प्रयत्न करता है |इसके लिए वो अधिक से अधिक धन लगाता है |दिनरात परिश्रम करता है | उस कार्य को सफल करने के लिए अपने संपूर्ण संपर्कों संबंधों संसाधनों को लगा देता है | इसके बाद वह कार्य सफल होगा या नहीं | यह उसके अपने भाग्य के अनुसार निर्धारित होता है | ऐसे कार्य में सफल होना यदि उसके भाग्य में लिखा है तो सफल होता है अन्यथा असफल हो जाता है | इस प्रक्रिया में कुछ लोग तो अपना सारा का सारा जीवन ही लगा देते हैं फिर भी असफल के असफल ही बने रहते हैं | कुछ लोग यदि संयोगवश अपने भाग्य के अनुसार कोई  कार्य करने लगे तो सफल भी हो जाते हैं | यदि भाग्य के विषय में उन्हें पहले से पता होता तो इतना भटकना नहीं पड़ता न ही जीवन का इतना समय ही निरर्थक बर्बाद होता | संपर्कों संबंधों संसाधनों आदि का भी न दुरूपयोग होता

   भाग्य की जानकारी हमारे यहाँ से करें :
 
 
 
    समय का बल :भाग्य में बदे हुए सुख भी उसी समय मिल पाते हैं जो समय उनके मिलने के लिए निर्द्धारित होता है | उससे पहले या बाद में कितना भी प्रयत्न करके देख लिया जाए फिर भी वे सुख नहीं मिल पाते हैं |



 
उसका सुख मिलने का समय जब आता है तब 
 
वह सुख मिलता है |
 
  
 
 
पा नमाहिं नहीं ही मिलेगी | ने पर भी नहीं होती है और किसी चीज को पाने के लिए जो चीज लिखी होती है
 
    आत्मह्त्या की घटनाएँ बढ़ने का कारण तनाव है| जीवन के सभी क्षेत्रों में हमनें कुछ ऐसी इच्छाएँ पाल रखी होती हैं जो पूरी नहीं हो रही होती हैं | इसलिए तनाव होता है | जिसे सह न पाने के कारण आत्महत्या जैसी घटनाएँ घटित होती हैं | 
 
    हम जितना पढ़ना चाहते हैं उतना पढ़ नहीं पाते हैं | परीक्षा में जितने नंबर लाना चाहते हैं उतने नहीं ला पा रहे होते हैं | जो नौकरी पाना चाहते हैं वो नहीं हासिल कर पा रहे होते हैं |
 
    जितनी तरक्की करना चाहते हैं उतनी नहीं कर पा रहे होते हैं | हम किसी व्यवसाय को स्थापित करना चाहते हैं वो नहीं कर पाते हैं | हमने जिसकी साझेदारी में व्यापार किया वो धोखा देकर चला गया | अचानक नुक्सान हो गया | 
 
 
 
   मित्रता : आप जिससे मित्रता करना चाहते हैं उससे आपकी मित्रता या तो हो नहीं पा रही होती है और यदि हो गई तो एक दूसरे से बिचार नहीं मिल पाते हैं | बिचार मिल भी गए तो एक निश्चित समय के बाद उन दोनों के मन में एक दूसरे के प्रति मतभिन्नता आने लगती है वे एक दूसरे की आदतें बातें व्यवहार रहन सहन आदि सह नहीं पा  रहे होते हैं |  
     प्रश्न :हम किसी से उससे मित्रता हो नहीं पाती है ?

    हमारे भाग्य का स्तर या तो उससे अधिक मजबूत होता है या फिर उससे कमजोर होता है 

 

घरेलू समस्याओं----

घरेलू हिंसा को खत्म करके सुलह कराई जाती है | किसी भी परिवार में गृह क्लेश को लेकर काफी लोग परेशान रहते हैं, जिसका समय पर निस्तारण नहीं हो पाता है.किसी के घर में लगातार लंबे समय से किसी कारणबस क्लेश चल रहा है इसमें महीनों वर्षों बर्बाद हो जाते हैं |कई बार छोटे-छोटे विवाद बड़े तनाव का कारण बन जाते हैं, लोगों में एक दूसरे के प्रति लगाव कम हो जाता है, जिससे रिश्तों में दूरी बन जाती है। 

जो टूटने से बच गए है और लंबी कानूनी प्रक्रिया से भी उनका समय बच गया है। आज कल लोगों के बीच तनाव के कारण आत्महत्या के मामले भी बढ़ गऐ है ऐसे में केवल संचार एंव काउंसलिंग ही काम आ सकती है। 

 

संभावित तनावपूर्ण और महंगी अदालती कार्यवाही में फैक्टरिंग के बिना भी अलगाव कठिन और भावनात्मक हो सकता है। पारिवारिक विवाद समाधान बेहतर परिणामों तक पहुंचने के लिए एक सहायक वातावरण प्रदान करता है।

अलगाव तनावपूर्ण और समय लेने वाला हो सकता है, और न केवल आपके और आपके पूर्व साथी के लिए बल्कि आपके व्यापक परिवार के लिए भी।

चल रहे संघर्ष का समाधान खोजने में मदद मिल सकती है।

पारिवारिक जीवन माता-पिता को अपने मतभेदों को सुलझाने और उनके जीवन के साथ आगे बढ़ने में मदद करने के लिए पारिवारिक विवाद समाधान सेवाएं प्रदान करता है।

न्यायालय के विकल्प के रूप में पारिवारिक विवाद के समाधान का प्रयास करना अनिवार्य है जहां ऐसा करना सुरक्षित है।

 

पारिवारिक विवाद समाधान से मुझे क्या लाभ होगा?

पारिवारिक विवाद समाधान आपको अपने पूर्व साथी और अपने परिवार के साथ बेहतर संवाद करने में मदद कर सकता है। उद्देश्य जुदाई और बाल देखभाल व्यवस्था के मुद्दों के आसपास एक समझौते तक पहुँचने में आपकी सहायता करना है।

 

  • यह सस्ती, कम समय लेने वाली और अदालती प्रक्रिया से कम तनावपूर्ण है
  • यह आपको दूसरे माता-पिता के साथ संचार को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है
  • आप उन फैसलों को स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं होंगे जिनसे आप सहमत नहीं हैं

 

 

 

 

 

पुलिस अधिकारियों का दावा है कि हर महीने सैकड़ों परिवार हमारे इस पैनल के साथ बैठते हैं और अपने घर के झगड़ों को कुछ समय के अंदर ही खत्म कर लेते हैं. इस पैनल में पुलिस के अधिकारी, वकील और दूसरे एक्सपर्ट बैठकर समस्या को सुनते हैं और समाधान करते हैं.

 इस क्लिनिक में फैमिली एक्सपर्ट की सहायता से पुलिसकर्मी समस्या को सुनते हैं और निस्तारण करते हैं.

हमने एक निजी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर एक इनीशिएटिव लिया है और फैमिली डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन क्लिनिक खोला है. इस क्लिनिक के जरिए फैमिली में हो रहे महिलाओं के ऊपर अत्याचार सहित तमाम समस्याओं को सुना जाता है. इस समय वकील, सामाजिक, साइकोलॉजिस्ट और अन्य वर्ग के एक्सपर्ट पैनल में शामिल रहते हैं और एक्सपर्ट के साथ-साथ पुलिसकर्मी इस समस्या का निस्तारण करते हैं. 

आप भी ले सकते हैं सहायता

अगर , तो आप अपने फैमिली मैटर को सुलझाने के लिए सहायता ले सकते हैं. आपकी इस समस्या को सुलझाने के लिए पूरा एक्सपर्ट पैनल आपकी मदद करेगा और आपके घर की समस्या का निस्तारण कराएगा. इसके लिए आपको सेक्टर 108 पुलिस कमिश्नर ऑफिस या ग्रेनो के नॉलेज पार्क थाने आना होगा.

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शारदा विश्वविद्यालय एंव गौतमबुद्ध नगर पुलिस के संयुक्त प्रयास से चल रहे नॉलेज पार्क थाने में पारिवारिक विवाद समाधान क्लीनिक को दो साल सफलतापूवर्क पूरे हुए। स्थापना दिवस के समारोह में गौतम बुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह और शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पी.के. गुप्ता ने अपने विचार रखे। इस क्लीनिक में जुलाई 2020 से अब तक 600 से अधिक मामले दर्ज हुए है, जिसमें पारिवारिक विवाद, घरेलू हिंसा आदि जैसे विवादो को सुलझाने हुते शारदा विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विशेषज्ञ, विधि विशेषज्ञ और गौतमबुद्ध नगर पुलिस पीड़ित लोगों को काउंसलिंग करते हैं। दो साल पूरे होने पर बधाई देते हुए शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पी. के. गुप्ता ने कहा अक्सर 

ई परिवार है

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 क्या मैं पारिवारिक विवाद समाधान के लिए पात्र हूं?

यदि आप अपने बच्चों से संबंधित विवादों को हल करना चाहते हैं और अदालत जाने से बचते हैं, तो पारिवारिक विवाद समाधान आपके लिए सेवा है।

पारिवारिक विवाद समाधान सेवा आपको कई लाभ प्रदान कर सकती है:
  • आपके द्वारा बनाई गई पेरेंटिंग योजना में समझौतों का पालन करने की अधिक संभावना है।

मैं पारिवारिक विवाद समाधान प्रक्रिया से क्या उम्मीद कर सकता हूं?

इससे पहले कि आप इस प्रक्रिया में भाग लें, हम आपसे एक मूल्यांकन लेने के लिए कहते हैं जो हमें यह तय करने में मदद करेगा कि क्या पारिवारिक विवाद है

संकल्प आपके मामले में उचित है। यदि आपको अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है, तो हम आपको अतिरिक्त सेवाओं से भी जोड़ सकते हैं।

यदि आप पात्र हैं, तो हम आपके और एक अनुभवी मध्यस्थ के साथ एक बैठक करेंगे। आप अपने स्वयं के दृष्टिकोण को व्यक्त करने और उन मुद्दों के बारे में बात करने के लिए स्वतंत्र होंगे जो आपके अनुसार महत्वपूर्ण हैं।

एक बार जब सभी को खुद को व्यक्त करने और उन मुद्दों को उठाने का अवसर मिला, जिनके बारे में वे चिंतित हैं, तो मध्यस्थ आपके परिवार की जरूरतों के अनुरूप एक पेरेंटिंग प्लान विकसित करने के लिए दोनों माता-पिता की सहायता करेंगे।

पारिवारिक विवाद समाधान में गतिविधियों और कार्यों में आमतौर पर शामिल हैं:

  • दूसरे माता-पिता की बात सुनकर
  • अपने बच्चे को अपने सुझाव साझा करने का अवसर दें
  • उन मुद्दों पर प्रकाश डालना, जिन्हें आप हल करना चाहते हैं
  • समाधानों की एक श्रृंखला की खोज और परीक्षण
  • पेरेंटिंग प्लान के रूप में कागज पर संयुक्त समझौते करना

मैं पारिवारिक विवाद समाधान में कैसे भाग ले सकता हूं?

फैमिली लाइफ का पारिवारिक संबंध केंद्र फ्रैंकफर्ट और मॉर्निंगटन प्रायद्वीप क्षेत्रों में पारिवारिक विवाद समाधान सेवाएं प्रदान करता है।

यदि आप इस सेवा के बारे में अधिक जानना चाहते हैं या अपनी पात्रता की जांच करना चाहते हैं, तो फैमिली लाइफ से संपर्क करें (03) 8599 5433 या हमारे माध्यम से एक अनुरोध सबमिट करें संपर्क करें पृष्ठ। इस सेवा से सहायता का अनुरोध करने के लिए, कृपया पूरा करें इस फार्म का.


 

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