नेपाल से भारत तक आए भूकंप के विषय में सात दिन पहले से प्रकृति दे रही थी कौन कौन से संकेत !आप भी देखिए और जानिए वे शास्त्रीय लक्षण !
नेपाल में 25-4-2015
को आया भूकंप 21-4-2015 को बिहार में आए तवाही मचाने वाले तूफान से संबंधित था इसके ज्योतिषीय संकेत भूकंप आने के एक सप्ताह पहले से मिलने लगे
थे। चूँकि 21-4-2015 को बिहार में तवाही मचाने वाला तूफान भी नेपाल से ही उठा था इसलिए भूकंप भी नेपाल में ही आया ऐसा ज्योतिष शास्त्र का मानना है !यह भूकंप वायु
देवता के प्रकोप से आने के कारण शास्त्रों में वर्णित 'वायव्य' नाम का
'भूकम्प' था । 'वायव्य' भूकंप आने के सात दिन पहले से दिखाई पड़ने वाले लक्षणों को आप भी जानिए -
ज्योतिष शास्त्र के अधिकृत ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि" 'वायव्य' नामक भूकंप आने के सात दिन पहले से आकाश में धुआँ धुँआ
सा दिखाई पड़ने लगता है ,ऐसा भूकंप आने के एक सप्ताह पहले से
भयंकर आँधी तूफान आने लगते हैं पृथ्वी से धूल उड़ाती हुई वृक्षों को तोड़ती
तहस नहस
करती हुई हवा अर्थात आँधी चलने लगती है सूर्य की किरणें मंद होने लग
जाती हैं
आनाज,जल और औषधियों का नाश होने लगता है, लोगों के शरीरों में
सूजन होने लगती है,गले में सूखा जमा हुआ सा बलगम बनने लगता है जो बहुत
खाँसने पर भी निकालना कठिन होता है ,दमा होने लगता है,उन्माद (मानसिक) रोग,ज्वर रोग
तथा खाँसी से
उत्पन्न पीड़ा होने लगती है ।यह दिन के पूर्वान्ह (दोपहर बारह बजे से पहले )में आता है। " अब आप स्वयं देखें कि 21-4-2015 को बिहार में तवाही मचाने वाला भयंकर तूफान आया वो भी चूँकि नेपाल से ही उठा था इसीलिए 25-4-2015
को आए भयंकर भूकंप का केंद्र भी ज्योतिषीय संकेतों के अनुशार नेपाल को ही बनना था । चूँकि 25-4-2015 को भूकंप आया था इसलिए10 -6 -2015
तक ऑफ्टर शॉक्स आने ही होते हैं जिसमें भी 24-5-2015 से 26 -5-2015 एवं 8 -6 -2015 से 10 -6 -2015
के बीच विशेष ऑफ्टर शॉक्स की संभावना रहती है !इससे बचाव के लिए सभी को अपने अपने इष्टदेव से प्राणियों की रक्षा के लिए प्रार्थना करनी चाहिए !
बंधुओ ! भूकंप आने से सात दिन पहले से लोगों में होने वाली बीमारियों के लक्षण जो शास्त्रों में बताए गए हैं नेपाल और बिहार में लोगों को होने लगी थीं जो सात दिन पहले से प्रारम्भ होकर धीरे धीरे बढ़ती चली गईं जिनका सर्वाधिक प्रभाव भूकंप आने वाले दिन होना था और उसी दिन हुआ भी तब विशेष ध्यान दिया गया जब कि सात दिन पहले से ये लक्षण समाज में विद्यमान थे किंतु तब गौर नहीं किया गया ।
ये हैं शास्त्रीय लक्षण अब इन्हें खबरों से मिलाइए -
शास्त्रीय लक्षण :- "लोगों के शरीरों में सूजन होने लगती है,गले में सूखा जमा हुआ सा बलगम बनने लगता है जो बहुत खाँसने पर भी निकालना कठिन होता है ,दमा होने लगता है,उन्माद (मानसिक) रोग,ज्वर रोग तथा खाँसी से उत्पन्न पीड़ा होने लगती है ।"
प्रभात खबर में छपे लेख का अंश -
"25 अप्रैल और उसके बाद नेपाल-भारत में आये भूकंप के कारण नेपाल सहित बिहार में बड़ी संख्या में लोगों में चक्कर, उल्टी, डायरिया, भूलने की बीमारी, भय जैसी समस्या महसूस होने लगी है. इस तरह के मरीजों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह आखिर कहां पर जाकर इलाज कराये. मरीजों की समस्याओं को देखते हुए एम्स,पटना ने यह पहल की है और एक सप्ताह तक ऐसे मरीजों को मुफ्त चिकित्सकीय परामर्श देने की घोषणा की है. एम्स द्वारा भूकंप के बाद किये गये अध्ययन में यह पाया गया है कि बिहार के कई जिलों में रहनेवाले 40 फीसदी लोगों में चक्कर, भूख न लगने, डायरिया, भूलने व भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है."see more... http://www.prabhatkhabar.com/news/patna/bihar-earthquake-bihar-bihar-government-nepal/439903.html
इसी प्रकार से ज्योतिषीय दृष्टि से भूकंप आने का कारण बना तूफान भी भूकंप आने के एक सप्ताह के अंदर ही 21-4-2015 को आया था ये नेपाल और बिहार में तवाही मचाने वाला भयंकर तूफान भी नेपाल से ही उठा था-
मंगलवार की शाम नेपाल से आया था जानलेवा तूफान-
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो - मंगलवार की शाम को नेपाल
में कम दबाव के क्षेत्र के कारण उठे तूफान ने तीन घंटे के अंदर ही बिहार
में बड़ी तबाही मचाई। इस तूफान में 40 लोग बेमौत मारे गए। बड़ी संख्या में
कच्चे-पक्के मकान और झोपड़ियों के गिरने की सूचना है।मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक नेपाल से चली आंधी (तूफान) शाम 7.30 बजे
सीतामढ़ी के रास्ते बिहार में आई। केंद्र के निदेशक आरके गिरि
का कहना है कि नेपाल में कम दबाव का क्षेत्र बना होने के कारण आंधी आई।see more... http://www.livehindustan.com/news/bihar/article1-Bihar-floods-destruction-477786.html भूकंप का मतलब धरती का हिलना नहीं अपितु धरती का काँपना होता है !और धरती के काँपने के कारण जरूरी नहीं कि धरती के अंदर ही हों बाहर भी हो सकते हैं -
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