रविवार, 1 मई 2016

अग्निकांड !

आदरणीय प्रधानमंत्री जी सादर प्रणाम ! 

 विषय -देश में बढ़ रही आग लगने की घटनाओं के विषय में -

महोदय ,
       यदि मुझसे कोई गलती हो रही हो तो अग्रिम क्षमा याचना के साथ मैं आपको अपना प्रधानमंत्री मानकर अपने मन की बात बताना चाह रहा हूँ !मैं जिस विषय का निवेदन कर रहा हूँ आधुनिक समाज का अधिकाँश वर्ग उस विषय को अंधविश्वास मानता है मैंने काशी हिंदू विश्व विद्यालय से उसी  विषय में Ph .D. की है ।
     श्रीमान जी !समय सबसे अधिक बलवान होता है ऐसा लगभग सभी लोग स्वीकार करते है चिकित्सा में जितना महत्त्व  है उससे कम समय का नहीं है समय अनुकूल होने पर औषधि के अभाव में भी बहुत सारे रोगियों को स्वस्थ होते देखा जा सकता  किन्तु समय की प्रतिकूलता में अच्छी से अच्छी औषधि देकर भी रोगी को निरोग कर पाना कठिन ही नहीं असम्भव भी होते देखा जाता है ।इसी प्रकार से  चिकित्सा के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी है अस्तु समय का महत्त्व सबसे अधिक माना जा सकता है !
    महोदय ,समय जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर कोई अध्ययन की व्यवस्था होगी मुझे इसकी जानकारी नहीं है किंतु मैंने  अपने शोध कार्य को 'समयविज्ञान' नाम देते हुए कई क्षेत्रों में रिसर्च किया है उसके प्रमाणित होने का मजबूत कारण  है कि वो  भारत के ज्योतिष जैसे प्राचीन विज्ञान से प्रमाणित है । इसके आधार पर जो अनुभव सामने आए हैं उनके आधार पर मैं विश्वास पूर्वक कह सकता हूँ कि आधुनिक  चिकित्सा विज्ञान से लेकर और भी कई क्षेत्रों में हमारा यह रिसर्च वर्क महत्वपूर्ण सहयोगी सिद्ध हो सकता है । 
       महोदय ! हमारे समय वैज्ञानिक पद्धति का ऐसा मानना है कि इस संसार में घटित होने वाली सारी घटनाएँ एक दूसरे से संबंधित होती हैं समय विज्ञान का मूल सिद्धांत है कि "यदि ऐसा हुआ है तो वैसा होगा " 
 इस दृष्टि से भविष्य में घटित होने वाली बहुत सारी घटनाओं का पूर्वानुमान घटना घटने के बहुत पहले ही लगाया जा सकता है । 
     श्रीमान जी !भूकंप जैसे प्राकृतिक उपद्रव कई महत्वपूर्ण सूचनाएँ लेकर आते हैं समय से पता लग जाने पर उनका उपयोग देश और समाज के हित में किया  जा सकता है निकट भविष्य में आए भूकंपों ने कई महत्वपूर्ण की सूचनाएँ दीं हैं जो मैं अपने ब्लॉग पर लिख देता रहा हूँ जो बिना किसी संशोधन के  वहाँ वैसी ही  उपलब्ध हैं वो पेज दुबारा खोले नहीं गए हैं विश्वास के लिए उनकी जाँच कराई जा सकती है ! 
     मान्यवर !  भूकंप चार प्रकार के होते हैं इसलिए उनका फल भी चार प्रकार का होता है।जैसे -
10-4-2016 को देश के दक्षिण पश्चिम भाग में भूकंप का फल -
  आया था उसका फल मैंने इस आर्टिकल में लिखा है जो बिना किसी संशोधन के उपलब्ध है     
भूकंप (10-4-2016) के कारण पड़ेगा भीषण सूखा, बढ़ेंगे अग्निकांड और बिगड़ेंगे पाकिस्तान के साथ संबंध !
3-4-2016 से 10-4-2016 तक   हवा में मिली हुई थी आग जो भूकंप की अग्रिम सूचना दे रही थी । 
     अब जानिए क्या है भूकम्प का फल -
  "अग्नि सम्बन्धी समस्याएँ और अधिक भी बढ़ सकती हैं इस समय वायुमण्डल में व्याप्त है अग्नि !इसलिए अग्नि से सामान्य वायु भी इस समय ज्वलन शील गैस जैसे गुणों से युक्त होकर विचरण कर रही है । इसके अलावा इस समय दिशाओं में जलन, तारे टूटना ,उल्कापात होने जैसी घटनाएँ भी देखने सुनने को मिल सकती हैं ।     इस भूकंप के कारण ही नदियाँ कुएँ तालाब आदि अबकी बार बहुत जल्दी ही सूखते चले जाएँगे !यहीं से शुरू होकर भारत और पकिस्तान के मध्य आपसी सम्बन्ध दिनोंदिन अत्यंत तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2016/04/10-4-2016.html !"
महोदय !ये पूरा आर्टिकल देखने के बाद उसका यदि अग्निकांडों से मिलान किया जाए तो 10 -4-2016 से 30 -4 -2016 तक पाँच सौ से अधिक जगहों पर आग लगने की भयानक घटनाएँ घटित हो चुकी हैं !

 

13 -4-2016 को देश के पूर्वोत्तर भाग में आए भूकंप का फल 13 -4-2016 को ही लिखा था आप स्वयं देखें -
" भूकंप (13 -04-2016) के प्रभाव से भारत और चीन के आपसी संबंध होंगे मधुर ! 
13 -04-2016 को 19. 28 बजे देश के पूर्वोत्तर में आया था भूकंप  ! 
देश के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में13-04-2016 को आए भूकंप के प्रभाव से अधिक वर्षा की संभावना है और भारत के पूर्वोत्तर के पड़ोसी देशों के साथ संबंध मधुर होंगे और उन्हीं क्षेत्रों में अधिक वर्षा की भी सम्भावना बनती है
इस भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में अति शीघ्र अधिक वर्षा बाढ़ से हो सकती भारी क्षति !ऐसे भूकंपों से समुद्रों और नदियों के किनारे बसने वाले लोगों की बड़ी क्षति होती है जल जनित बीमारियाँअतिवृष्टि या सुनामी जैसी बाधाएँ निकट भविष्य में संभव हैं!" see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2016/04/13-04-2016.html "
महोदय !ये पूरा आर्टिकल देखने के बाद उसका यदि देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के वर्षाकांडों से मिलान किया जाए तो बिलकुल सही घटित होता है 13  -4-2016 से 30 -4 -2016 तक वर्षा और बाढ़ से संबंधित बहुत सारी  घटनाएँ पूर्वोत्तर में घटित हो चुकी हैं !अरुणाचल, आसाम ,बिहार ,भूटान ,चीन आदि जहाँ जहाँ 13 -4-2016 को भूकंप आया था वहाँ वहाँ वर्षा और बाढ़ से बड़ी तवाही हुई है ।रही बात भारत के पूर्वोत्तर के पड़ोसी देशों के साथ मधुर संबंधों की तो 17 -4-2016 को रक्षा मंत्री जी चीन गए और सहजता की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई !कहा जा सकता है ।
   
26-10-2015  हिंदूकुश में आया भूकंप इसका फल उसी दिन मैंने लिखा था जो बिना किसी संशोधन के उपलब्ध है !  
   "इस भूकंप के विषय में क्या कहता है भारत का प्राचीन विज्ञान !जानिए आप भी -


26 -10-2015 को आए भूकंप की शास्त्र वर्णित विशेषताएँ -

  इस भूकंप से प्रभावित क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा  देशों एवं लोगों के बीच आपसी सौमनस्य का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत पाक संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे ! इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !इसमें भारत पाक संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे ।ऐसे भूकंपों से समुद्रों और नदियों के किनारे बसने वाले लोगों की बड़ी क्षति होती है जल जनित बीमारियाँ ,अति वृष्टि या सुनामी जैसी बाधाएँ निकट भविष्य में संभव हैं ।see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/10/blog-post_26.html "

 महादेय !26-10-2015  हिंदूकुश में आये  भूकंप का प्रभाव 6 महीने रहना था इसी लिए 26-10-2015 से 6 महीने तक भारत पाक के संबंध सामान्य होने के योग थे इसीलिए आपसी मधुरता विकसित करने वाले समय समय पर ऐसे कई संकेत भी मिलते रहे यहाँ तक कि  भारत पाक की धरती ने इस समय दोनों को आपस में मिलाने के लिए कई प्रयास किए  26 अक्टूबर 2015 को गीता भारत आई तो उसी दिन ख़ुशी से धरती झूमी अर्थात भूकंप आया । दूसरी बार 25 दिसंबर 2015 को मोदी जी पाकिस्तान गए तो उसी रात में ख़ुशी से धरती झूमी अर्थात भूकंप आया ।तीसरी बार 2 जनवरी 2016 पाकिस्तानी आतंकवादियों पठानकोट में हमला किया उस दिन दोनों को सावधान करने के लिए भूकंप आया ताकि शांति की दिशा में बढ़ रही बात कहीं रुक न जाए !  चूँकि नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी जी के बीच होने वाली किसी भी प्रकार की बातचीत से किसी भी समस्या का समाधान निकल पान कठिन ही नहीं अपितु असम्भव भी है (see more....http://snvajpayee.blogspot.in/2014/05/blog-post_25.html )

इसी लिए दोनों लोगों की आपसी बात बीच में कोई समाधान नहीं निकल सका और अप्रैल आते आते उम्मींदें समाप्त होनी ही थीं ऊपर से रही सही कसर 10-4-2016 को देश के दक्षिण पश्चिम भाग में आए भूकंप ने पूरी कर दी और भारत पाक के बीच बढ़ती मधुरता में ब्रेक लगा दी ! 11 अप्रैल 2016 को ही पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदी किरपाल सिंह की संदिग्ध मौत हो गई !यहीं से भावनाएँ भड़कने लगीं !
   इसी प्रकार से और भी बहुत सूचनाएँ  प्रकृति हमें देती रहती है किंतु उन संकेतों को न समझ पाने के कारण हम उनसे अनभिज्ञ बने रहते हैं जबकि प्रकृति हमसे हमेंशा मिलजुलकर चलना चाहती है समय समय पर हमें सावधान भी करती रहती है किंतु हम्हीं उसकी परवाह नहीं करते हैं उसके परिणाम हमें भोगने पड़ते हैं !  






   

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