शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

'योगपर्व' या 'ज्योतिषशास्त्रनिंदा पर्व' !

 बाबा रामदेव सिद्ध करें कि 'ज्योतिषशास्त्र' पाखंड है और ज्योतिषशास्त्र के विद्वान् लोग पाखंडी हैं ! 

     बाबा रामदेव ने ज्योतिष -वास्तु और ज्योतिषियों
की जम कर निंदा की उन्होंने नग नगीनों की निंदा की और कहा कि शनि राहु केतु  शनि साढ़े साती आदि सब कुछ पाखंड है उन्होंने केंद्र सरकार में अपनी पहुँच की धौंस देते हुए यह भी कहा कि मोदी जी को पत्र लिख कर पाखंडियों (ज्योतिषियों )आदि को जेल भेजवा देंगे !हमारी  ओर से  ज्योतिषशास्त्र की निंदा करने वाले बाबा रामदेव को शास्त्रार्थ की सीधी चुनौती है वो सिद्ध करें कि ज्योतिषशास्त्र  पाखंड है साथ ही ज्योतिष और आयुर्वेद के संबंधों के विषय में वे कितना जानते हैं यह भी बतावें !ज्योतिष के विषय में क्या जानते हैं और ज्योतिष को पाखंड  कहने का उनके पास  आधार क्या है !
      भारत सरकार  के द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योगदिवस का अंगभूत फरीदाबाद का यह कार्यक्रम ही क्यों चुना गया ज्योतिष शास्त्र की निंदा करने और उस कार्यक्रम को बदनाम करने के लिए !इस पर भी प्रकाश डालें !ये जानते हुए भी कि यह कार्यक्रम उस भारत सरकार का है जो ज्योतिष को पढ़ाने के लिए संस्कृत विश्व विद्यालयों पर करोड़ों रूपए महीने ज्योतिष शिक्षकों की सैलरी पर खर्च करती है मैं सरकार से पूछना चाहता हूँ कि क्या ज्योतिषी नाम के पाखंडी तैयार करने के लिए करोड़ों रूपए महीने खर्च किए जा रहे हैं संस्कृत विश्व विद्यालयों पर ?
       हरियाणा सरकार को यह विधि व्यवस्था सँभालते समय अपने दायित्व को नहीं भूलना चाहिए था जो चूक हुई है सरकार से !आखिर सरकारी खर्च पर आयोजित इस मंच का उपयोग किसी एक ग्रंथ पंथ और संत के प्रचार प्रसार के लिए क्यों किया गया !शास्त्र समर्थक लोग यदि उसी समय ऐसे पक्षपात एवं ज्योतिष शास्त्र की निंदा वाले बयान का विरोध करते तो भारत की धरती से योग पर्व के अवसर को विवादित बनाने का भारतवर्ष की ओर से एक गलत संदेश जाता  !इसलिए शास्त्र समर्थकों की सहन शीलता से सबकुछ शांति पूर्वक सफल हो सका !
   हमारा भारत सरकार से निवेदन है कि ज्योतिषशास्त्र की निंदा करने के लिए यदि बाबा जी को मंच उपलब्ध करवाया गया था तो उनके द्वारा ज्योतिष और ज्योतिषियों पर लगाए गए आरोपों पर शास्त्रीय सफाई प्रस्तुत करने के लिए सरकार हमें भी व्यवस्था दे !
        मीडिया से निवेदन है कि ज्योतिष शास्त्र की निंदा करने संबंधी समाचारों को मीडिया इतने उतावलेपन  के साथ प्रचारित प्रसारित करता है तो हमारे  द्वारा दी जाने वाली शास्त्रीय सफाई क्यों नहीं दिखाता और छापता है मीडिया !उसे ज्योतिषशास्त्र की निंदा में इतनी रूचि क्यों है !
         बंधुओ ! मैं देश के प्रत्येक व्यक्ति का आह्वान करता हूँ कि शास्त्रनिंदा करना और सहना दोनों देश और समाज के लिए घातक हैं इसलिए शास्त्र विरोधी बकवास बर्दाश्त नहीं किए जाने चाहिए और ऐसे शास्त्रद्रोही वक्तव्यों का बहिष्कार किया जाना चाहिए !अरे हिन्दुओ !इतना भी न कर सके तो शास्त्रों के और किस काम आओगे !
राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोधसंस्थान(रजि.)

माननीय ‘प्रधानमंत्री जी’
                                  सादर प्रणाम !
विषय : योगगुरु बाबारामदेव के ज्योतिषशास्त्र का उपहास उड़ाने एवं ज्योतिषियोंकोपाखंडी कहने केसंदर्भमें !
महोदय ,
       योगदिवस के पूर्व की तैयारियों के संबंध में फरीदाबाद में चल रहे एक कार्यक्रम में योगगुरु बाबारामदेव ने ज्योतिष शास्त्र की निंदा करते हुए राहु  केतु  शनि आदि के ज्योतिषीय प्रभाव का उपहास उड़ाया ज्योतिषियों को पाखंडी एवं पाखंड करके लूटने वाला कहा ,कई बार कहा !वो कहने की जो शैली थी वो बहुत अभद्रता पूर्ण तथा ज्योतिष विद्वानों को अपमानित करने एवं ललकारने वाली थी !
    श्रीमानजी !भारत सरकार की शिक्षा संबंधी विधि व्यवस्था के तहत संपूर्णानंदसंस्कृतविश्वविद्यालय' वाराणसी, 'बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी' एवं दिल्ली के 'लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ' जैसे अनेकों बड़े विश्व विद्यालयों में अन्य विषयों की तरह ही ज्योतिष संबंधी शिक्षा के भी विभाग हैं जहाँ अन्य विषयों की तरह ही ज्योतिष की कक्षाएँ चलती हैं परीक्षा होती है 'ज्योतिषाचार्य' जैसी डिग्री हासिल करने में दस वर्ष लग जाते हैं जो M. A. के समकक्ष होती है इसके बाद Ph. D.आदि करने की पद्धति भी अन्य विषयों की तरह ही है !इन विभागों में पढ़ने पढ़ाने वाले हजारों विद्वानों और  छात्रों का अपराध क्या है आखिर सरकारी मंच से उन्हें पाखंडी और लुटेरा जैसे शब्दों से संबोधित क्यों किया गया ! पाखंडी और लुटेरा बनाने के लिए तो संस्कृत विश्वविद्यालय नहीं चला रही है सरकार !
   प्रधानमंत्री जी !सरकार यदि हमें भी अवसर दे तो हम भी ज्योतिष के बहुमूल्य वैज्ञानिक पक्ष को प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत कर सकते हैं जो कई मामलों में चिकित्सा व्यवस्था के लिए वरदान सिद्ध हो सकता है मनोरोग को एक सीमा तक नियंत्रित किया जा सकता है । वर्षा और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से सम्बंधित ढुलमुल पूर्वानुमानों की वर्तमान पद्धति को गति दे सकते हैं हम !सरकार हमें भी वैज्ञानिकों की तरह अवसर तो दे कर देखे ! हम पर भी भरोसा तो करे हमें भी अपनापन दे हम भी भारतमाता के मस्तक के मुकुट में ज्योतिष विज्ञान का एक रत्न लगाकर मातृभूमि का गौरवबढ़ा सकते हैं !
      श्रीमान जी !दुःख इस बात का है कि रामदेव जी के द्वारा ये बातें जिस मंच से कही गईं वो भारत सरकार के योग पर्व की पूर्व तैयारियों का मंच था मेरी जानकारी के अनुसार वो कार्यक्रम हरियाणा सरकार की देख रेख में चलाया जा रहा था !कुलमिलाकर यह मंच सरकारी था उस समय रामदेव जी को ऐसा नहीं बोलना चाहिए था इससे कुछ लोग या संगठन मचल भी सकते थे जिससे योगदिवस पर वैश्विक छवि बिगड़ सकती थी !
   महोदय ! जहाँ तक बात रामदेव जी के ज्योतिषशास्त्र संबंधी निंदा करने की है तो वो मंच तो योगपर्व का अंग था !वो समय भी सबकुछ भूलकर सरकार के साथ खड़े होने का था । अब मैं सरकार से निवेदन करता हूँ कि ‘ज्योतिष शास्त्र को पाखंड’  सिद्ध करने के लिए रामदेव जी को स्वतंत्र अवसर दिया जाए कि ज्योतिषियों को पाखंडी और लुटेरा क्यों कहा ? उसी मंच पर यह सौभाग्य मुझे भी दिया जाए कि मैं सिद्ध कर सकूँ कि ज्योतिष शास्त्र पाखंड नहीं अपितु विज्ञान है यह भी सिद्ध करूँगा कि ज्योतिष के बिना चिकित्सा पद्धति कैसे अपूर्ण है यह भी सिद्ध करूँगा कि ज्योतिषशास्त्र का उपयोग आयुर्वेद केबड़ेबड़े ग्रंथों में क्यों किया गया है !
       हे प्रधानमंत्री जी !पहले भी राजा महाराजा ऐसे आयोजन करते रहे हैं मेरी इच्छा है कि आप एक बार इस बात का निर्णय करवा ही दें कि "ज्योतिष पाखण्ड है या विज्ञान" आपकी बहुत बड़ी अनुकंपा होगी !
                                                                             प्रार्थीभवदीय -  
                                                                     आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी
                                                      संस्थापक : राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
                                                         राष्ट्रीय अध्यक्ष (वैदिक) -श्री परशुराम इंटरनेशनल
                                      एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
           एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
        पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
        K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
            Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
            Mobile : +919811226973,

बाबारामदेव जी सिद्ध करें कि ज्योतिष पाखंड और ज्योतिषी     पाखंडी हैं ! प्रधानमंत्री जी को भेजा गया मेरा पत्र !
ज्योतिष वेदों का नेत्र है और 6 शास्त्रों में ज्योतिष शास्त्र का भी स्थान है अनंत काल से ऋषियों मुनियों महर्षियों के द्वारा चिरपरीक्षित है । यहाँ तक कि आयुर्वेद में भी कई जगह प्रयोग किया गया है ज्योतिष वास्तु आदि का ! ग्रह शांति के लिए नग नगीना पहनने का विधान आयुर्वेद में भी बताया गया है !शकुन अपशकुन स्वप्न फल और सामुद्रिक विद्या भी है आयुर्वेद में !यहाँ तक कि आयुर्वेद के 6 अंगों में भूत विद्या का भी स्थान है !इतना ही नहीं ज्योतिष शास्त्र के बिना अधूरा है चिकित्सा शास्त्र इस बात को आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति से मैं सिद्ध करने को तैयार हूँ !इतने सबके बाद भी अचानक कोई कह दे कि ज्योतिष शास्त्र पाखण्ड है तो ये शास्त्र का अपमान होने के नाते सहने लायक नहीं है!इसलिए मेरा विनम्र आह्वान है कि बाबारामदेव सिद्ध करें कि ज्योतिष शास्त्र पाखंड है ।see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2016/06/blog-post_30.html

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