बाबा रामदेव को शास्त्रार्थ की सीधी चुनौती ! वो सिद्ध करें कि ज्योतिष को पाखण्ड और ज्योतिषियों को पाखंडी उन्होंने क्यों कहा ?प्रस्तुत करें प्रमाण !!
इसबार 'योगपर्व' पर ज्योतिष को पाखंड और ज्योतिषियों को पाखंडी कहने वाले बाबा रामदेव ने शनि
राहु केतु एवं वास्तु जैसे दिव्य विज्ञान का खूब उपहास उड़ाया !ज्योतिष न जानने
वाले बाबा रामदेव को ये पता कैसे चला कि ज्योतिष पाखंड है ! यहाँ तक कि
उन्होंने यदि आयुर्वेद भी पढ़ा होता तो उन्हें भी समझ में आ जाता ज्योतिष
शास्त्र का महत्त्व !
टीवी चैनलों पर पहले कभी रोगों की लंबी लंबी लिस्टें पढ़ पढ़कर समाज के मन में रोग और मृत्यु का भय भरकर योगासन बेचने वाले बाबा रामदेव वही रोग और मृत्यु का डर दिखाकर दवाएँ बेचते रहे अब वही रोग और मृत्यु का भय दिखाकर मिलावट रहित शुद्ध
आटा दाल चावल तेल आदि बेचते फिरते हैं !
बाबा रामदेव ने पहले योग से रोग
ठीक करने को कहा फिर औषधियों से , इसके बाद मिलावट का भय दिखाकर शुद्ध आटा दाल
चावल तेल आदि खाने से !समाज को रोग और मृत्यु का भय दिखा दिखा कर समाज से धन
संग्रह करने वाले बाबा रामदेव अपने व्यापार को चैरिटी बताते हैं किंतु
चैरिटी में कमाई नहीं होती है और कमाई हुई नहीं तो इतनी संपत्ति इकट्ठी कहाँ से हुई
ये अरबों की संपत्ति !
इसी प्रकार से स्वदेशी का नारा लगाने वाले बाबा
रामदेव खुद तो विदेशी मशीनों के द्वारा विदेशी पद्धति से निर्मित करते हैं
औषधियाँ और ज्योतिषियों को पाखंडी कहते हैं किंतु वास्तव में पाखंडी है कौन ? बाबा रामदेव या ज्योतिष विद्वान !
क्या वास्तव में योगासनों से
रोग ठीक कर सकते हैं बाबादेव !ऐसा हो सकता होता तो दवाएँ क्यों बेचते !योगासनों से
ही रोग ठीक करके दिखाते रोग !
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