सोमवार, 18 जुलाई 2016

गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर आप सभी भाई बहनों को बहुत बहुत बधाई !

               " श्रीकृष्णं वंदे जगद्गुरुम् "
 दो. जगदगुरु श्रीकृष्ण हैं सकल ज्ञान भंडार ।
       सबके अंदर बैठि के बाँटत बुद्धि अपार ॥
     दो. जहाँ सहारा कोई नहिं मिलत  न कैसेहु थाह ।
       अँगुरी पकरे कृष्ण जी तबहुँ दिखावत राह ॥
       दो.  कृपाचार्य गुरुद्रोण ने भी जब छोड़ा साथ ।
       तब निराश लखि द्रोपदिहिं  वस्त्र बने यदुनाथ ॥
     दो.  गीता को उपदेश उत रथ हाँकत यदुनाथ । 
          कहौ गुरू अस कौन जग जो रण में जूझत साथ ॥
        दो.ग्वाल बाल अरु गोपियाँ कहहु कवन विद्वान ।
          ते ऊधौ ते आस भिड़े कि फिरत बचावत प्रान ॥
        

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