भगवान् तो सबके अंदर हैं मंदिर उनके तो नहीं बनते क्योंकि मन्दिर तो
भगवानों के बनते हैं और जब साईं बाबा भगवान् हैं ही नहीं तो साईं बाबा के
नाम से मंदिरों का बनाया जाना उन्हें देवी देवताओं की तरह पुजवाया जाना और
साईं बाबा को हिंदुओं के तिथि त्योहारों में फिट किया जाना विधर्मियों की किसी बड़ी
साजिश का हिस्सा हो सकता है !
हनुमान जी को पूजने वाले हमेंशा जवान रहते हैं और साईं बाबा को पूजने वाले जवानी में ही बूढ़े दिखने लगते हैं केश सफेद होते या गंजे हो जाते हैं चेहरे में झुर्रियाँ
झुर्रियाँ पड़ने लगती हैं आखों में चश्मा और बस नकली दाँत सुगर बीपीजैसीबीमारियाँजवानी मेंही लग जाती हैं ।
हनुमान जी को मानने वाले ओबामा पाकिस्तान में घुस कर ओसामा को उठा ले जाते हैं दूसरी ओर 'साईं बुढ़ऊ' को पूजने के कारण आतंकवादी हमारे यहाँ घुसकर हमें मारते हैं । हम 'दाऊद' 'हाफिज' रटा करते हैं वो अपना काम करके चले जाते हैं !बंधुओ ! हमने अपने आदर्श का प्रतीक ही यदि बुढ़ऊ (साईं) को चुना तो जवानी और वीरता के सपने देखने छोड़ देने चाहिए !
हनुमान जी के हाथों में दुश्मनों से लड़ने के लिए गदा है और साईं के हाथ खाली हैं खाली हाथों से युद्ध तो
छोड़िए आशीर्वाद भी नहीं फलता है !हमारे हर देवी देवता ने हथियार सँभाल रखे हैं और बेचारे साईं खाली हाथ !जो अपनी रक्षा न कर सके उससे रक्षा की आशा !
बंधुओ !हमारा देवता हमारा आदर्श होता है जिसका आदर्श ही बूढ़ा हो उसके सपनों का क्या महत्त्व ? साईं बुढ़ऊ की पूजा पाखंड की ओर बढ़ता भारत पाकिस्तान के द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का शिकार होता चला जा रहा है। साईं ने देश और समाज के लिए क्या किया कितने युद्ध लड़े कोई उनसे क्या सीखे !देवी देवताओं की नक़ल कर कर के झूठी कहानियाँ चाहें जितनी गढ़ते चले जाओ ! हिंदुओं के मंदिरों में तिथि त्योहारों कथा कहानियों धर्मकर्म में साईं को सुनियोजित तरीके से फिट करते जाना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है वैसे भी अंग्रेज अपने भागने के साथ साथ साईं षडयंत्र शुरू करके गए थे -आप तीन बार साईं कहो तो दोबार ईसा निकलता है( सा'ईंसा''ईंसा'ईं ) ।
मैं तो कहूँगा कि इस देश को सदाचरण बिहीन बनाने के लिए किया गया है साईं षड्यंत्र !
पहले लोग चोरी छिनारा लूट घसोट हत्या बलात्कार जैसे जितने भी अपराध करते थे तो भगवान् से डरा करते थे कि भगवान गुस्सा हो जाएँगे इसीलिए अपराधियों ने साईंवाद की स्थापना की और नारा दिया कि "बाबा बहुत दयालू हैं कैसे भी पाप करो सब माफ कर देते हैं "अपराधियों को ये श्लोगन शूट कर गया ताकि गलत काम करते हुए अपने को धार्मिक सिद्ध किया जा सके !चूँकि गलत काम में कमाई अच्छी होती ही है इसलिए साईंबाबा को भी अच्छा खासा चंदा दे जाते हैं अपराधी लोग !भाई गलत कामों में मदद करने के कारण ये तो उनका हिस्सा भी बनता है वो उन्हें मिलता है साईं गिरोह के लोग उसे चढ़ावा बताते हैं ।
साईं पूजने के कारण टूटते जा रहे हैं परिवार ! साईं अकेले थे आज समाज अकेला होता जा रहा है कोई पति छोड़ रहा है कोई पत्नी कोई माता पिता आदि परिवार हर कोई साईं बाबा की नक़ल करने में लगा है ।कुल मिलाकर सभी प्रकार के दुराचरणों की जड़ है साईं वाद !इनके विषय में सारी काल्पनिक कहानियाँ हैं ।
हनुमान जी जैसे महान देवताओं के सामने बेचारे 'साईं' बुढ़ऊ कैसे टिक पाएँगे !दूसरी बात हनुमान जी में ऐसी कमी क्या है कि हम उन्हें सस्पेंड करके साईंबाबा को एप्वाइंट कर दें फिर ये सब कुछ कर पाना हमारी क्षमता में है क्या ?ये बातें हनुमान जी को मानने वालों को सोचनी चाहिए !
साधू संतों का यह देश संत रूप में साईं को भले पचा ले किंतु साईंबाबा और उनके गुर्गों को चाहिए कि वे भगवान बनने और बनाने जैसी हरकतों से बाज आएँ और देव मंदिरों में साईं पत्थरों को रखकर उन पत्थरों को देवी देवताओं की बराबरी में खड़ा करने के लिए उन पत्थरों को धूप दीप दिखाना भोग लगाना उनको धोना पोछना बंद करें ।
अरे हिंदुओ ! हिंदूधर्म पर अब तक का सबसे बड़ा संकट हैं 'साईं' अपने धर्म का इतना बड़ा नुकसान पहले कभी नहीं हुआ !अपने हिंदू धर्म को बचा सकते हो तो बचा लो !ये साईं वाले तुम्हारे धर्म में हर जगह फिट करते जा रहे हैं साईं साईं !
अरे हिंदुओ ! 'साईं' की साजिश में मुर्दों को बहने दो जीवित विचार वाले लोग तो अपनी जीवंतता सिद्ध करें !आप शास्त्रों का स्वाध्याय करें और हमारे तर्कों पर ध्यान दें इसके बाद स्वयं विचार करें तब आपको आत्मा जो कहे वो करें !
हनुमान जी को पूजने वाले हमेंशा जवान रहते हैं और साईं बाबा को पूजने वाले जवानी में ही बूढ़े दिखने लगते हैं केश सफेद होते या गंजे हो जाते हैं चेहरे में झुर्रियाँ
झुर्रियाँ पड़ने लगती हैं आखों में चश्मा और बस नकली दाँत सुगर बीपीजैसीबीमारियाँजवानी मेंही लग जाती हैं ।
हनुमान जी को मानने वाले ओबामा पाकिस्तान में घुस कर ओसामा को उठा ले जाते हैं दूसरी ओर 'साईं बुढ़ऊ' को पूजने के कारण आतंकवादी हमारे यहाँ घुसकर हमें मारते हैं । हम 'दाऊद' 'हाफिज' रटा करते हैं वो अपना काम करके चले जाते हैं !बंधुओ ! हमने अपने आदर्श का प्रतीक ही यदि बुढ़ऊ (साईं) को चुना तो जवानी और वीरता के सपने देखने छोड़ देने चाहिए !
हनुमान जी के हाथों में दुश्मनों से लड़ने के लिए गदा है और साईं के हाथ खाली हैं खाली हाथों से युद्ध तो
छोड़िए आशीर्वाद भी नहीं फलता है !हमारे हर देवी देवता ने हथियार सँभाल रखे हैं और बेचारे साईं खाली हाथ !जो अपनी रक्षा न कर सके उससे रक्षा की आशा !
बंधुओ !हमारा देवता हमारा आदर्श होता है जिसका आदर्श ही बूढ़ा हो उसके सपनों का क्या महत्त्व ? साईं बुढ़ऊ की पूजा पाखंड की ओर बढ़ता भारत पाकिस्तान के द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का शिकार होता चला जा रहा है। साईं ने देश और समाज के लिए क्या किया कितने युद्ध लड़े कोई उनसे क्या सीखे !देवी देवताओं की नक़ल कर कर के झूठी कहानियाँ चाहें जितनी गढ़ते चले जाओ ! हिंदुओं के मंदिरों में तिथि त्योहारों कथा कहानियों धर्मकर्म में साईं को सुनियोजित तरीके से फिट करते जाना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है वैसे भी अंग्रेज अपने भागने के साथ साथ साईं षडयंत्र शुरू करके गए थे -आप तीन बार साईं कहो तो दोबार ईसा निकलता है( सा'ईंसा''ईंसा'ईं ) ।
मैं तो कहूँगा कि इस देश को सदाचरण बिहीन बनाने के लिए किया गया है साईं षड्यंत्र !
पहले लोग चोरी छिनारा लूट घसोट हत्या बलात्कार जैसे जितने भी अपराध करते थे तो भगवान् से डरा करते थे कि भगवान गुस्सा हो जाएँगे इसीलिए अपराधियों ने साईंवाद की स्थापना की और नारा दिया कि "बाबा बहुत दयालू हैं कैसे भी पाप करो सब माफ कर देते हैं "अपराधियों को ये श्लोगन शूट कर गया ताकि गलत काम करते हुए अपने को धार्मिक सिद्ध किया जा सके !चूँकि गलत काम में कमाई अच्छी होती ही है इसलिए साईंबाबा को भी अच्छा खासा चंदा दे जाते हैं अपराधी लोग !भाई गलत कामों में मदद करने के कारण ये तो उनका हिस्सा भी बनता है वो उन्हें मिलता है साईं गिरोह के लोग उसे चढ़ावा बताते हैं ।
साईं पूजने के कारण टूटते जा रहे हैं परिवार ! साईं अकेले थे आज समाज अकेला होता जा रहा है कोई पति छोड़ रहा है कोई पत्नी कोई माता पिता आदि परिवार हर कोई साईं बाबा की नक़ल करने में लगा है ।कुल मिलाकर सभी प्रकार के दुराचरणों की जड़ है साईं वाद !इनके विषय में सारी काल्पनिक कहानियाँ हैं ।
हनुमान जी जैसे महान देवताओं के सामने बेचारे 'साईं' बुढ़ऊ कैसे टिक पाएँगे !दूसरी बात हनुमान जी में ऐसी कमी क्या है कि हम उन्हें सस्पेंड करके साईंबाबा को एप्वाइंट कर दें फिर ये सब कुछ कर पाना हमारी क्षमता में है क्या ?ये बातें हनुमान जी को मानने वालों को सोचनी चाहिए !
साधू संतों का यह देश संत रूप में साईं को भले पचा ले किंतु साईंबाबा और उनके गुर्गों को चाहिए कि वे भगवान बनने और बनाने जैसी हरकतों से बाज आएँ और देव मंदिरों में साईं पत्थरों को रखकर उन पत्थरों को देवी देवताओं की बराबरी में खड़ा करने के लिए उन पत्थरों को धूप दीप दिखाना भोग लगाना उनको धोना पोछना बंद करें ।
अरे हिंदुओ ! हिंदूधर्म पर अब तक का सबसे बड़ा संकट हैं 'साईं' अपने धर्म का इतना बड़ा नुकसान पहले कभी नहीं हुआ !अपने हिंदू धर्म को बचा सकते हो तो बचा लो !ये साईं वाले तुम्हारे धर्म में हर जगह फिट करते जा रहे हैं साईं साईं !
अरे हिंदुओ ! 'साईं' की साजिश में मुर्दों को बहने दो जीवित विचार वाले लोग तो अपनी जीवंतता सिद्ध करें !आप शास्त्रों का स्वाध्याय करें और हमारे तर्कों पर ध्यान दें इसके बाद स्वयं विचार करें तब आपको आत्मा जो कहे वो करें !
भारत मंदिरों का देश माना जाता है यहां पर प्रांत और जगह पर अनेक मंदिर
दिख
जाते हैं। मंदिरों को देवालय कहा जाता है – जहां देवता निवास करते हैं।
अधिकतर मंदिरों में तो सिर्फ देव पूजा होती है। अपने देश में साधू संत तो
हमेंशा से होते चले आ रहे हैं एक से एक सिद्ध और बड़े बड़े महापुरुष हुए हैं
उनके अनुयायियों ने उन्हें अपनी अपनी श्रद्धा के अनुशार हमेंशा से सम्मान
भी दिया है और कई बाई कई जगह उन्हें उस समुदाय से संबंधित लोग पूजते भी रहे
हैं !
फ़िल्मी सितारों को मानने वाले लोग उन्हें सम्मान देते हैं क्रिकेट के
सितारों को चाहने वाले उन्हें मानते हैं राजनीति वाले अपने नेताओं को
चाहते हैं ऐसे ही अन्य क्षेत्रों है ! सैनिकों ने तो कई जगह सैनिकों के भी
मंदिर बना रखे हैं सुना जाता है कि उन मृत सैनिकों की आत्माएँ आज भी युद्ध
में उनकी मदद करती हैं ऐसे ही सभी क्षेत्रों में देखा जाता है । खैर ये सब
अपनी अपनी आस्था आदि के अनुशार उन उन लोगों के प्रति भरोसा रखने वाले लोग
करते रहे हैं ।
विश्व के सबसे पुराने सनातन हिंदू धर्म की बराबरी अभी तक कोई दूसरा धर्म
नहीं कर सका है यहाँ तक कि आजादी हासिल करने के लिए लोगों को इकट्ठा करने
में धर्मभावना से बड़ा सहयोग मिला था और देश के दुश्मनों को देश छोड़कर
भागने के लिए मजबूर होना पड़ा !भारत पर कब्ज़ा करने की नियत रखने वाले वो
पराजित चिढ़े हुए लोग शांत बैठे होंगे क्या ?ऐसी हमें कल्पना भी नहीं करनी
चाहिए । इसलिए हमारी धर्म भावना के कारण पिटे लोगों ने हमसे धार्मिक बदला लेने के लिए साईं नाम की एक कल्पित अवधारणा का बीज बोया था ।
सनातन हिंदू धर्म से चोट खाए उन घायल शिकारियों ने रचा था साईं
षड्यंत्र और अपने धर्म को पाखंड सिद्ध करने का खेल बखूभी खेलते जा रहे हैं
हमारे धर्म और धर्म की मान्यताओं का मजाक उड़ाने की हमारी परम्पराओं को
नष्ट करने की सबसे बड़ी साजिश यहाँ से शुरू होती है तभी से इन्होंने बुड्ढे (साईं ) के स्टैचू बनवा बनवा कर हिंदुओं के मंदिरों में घुसाने शुरू कर दिए !
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