माननीय प्रधानमंत्री जी !
सादर प्रणाम !!
विषय :वैदिकवैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए सरकारी सहयोग हेतु निवेदन !
महोदय ,
सादर प्रणाम !!
विषय :वैदिकवैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए सरकारी सहयोग हेतु निवेदन !
महोदय ,
मैंने काशी हिन्दू विश्व विद्यालय से रामचरित और ज्योतिष विषय से संबंधित Ph.D की है ज्योतिष से आचार्य (MA) भी किया है !आयुर्वेद आदि का भी पर्याप्त अध्ययन है।चूँकि ज्योतिष मेरा मुख्यविषय है और ज्योतिष की डिग्री हमारे पास है इसलिए ज्योतिष से सम्बंधित विषय में ही हमारा शोधकार्य होना स्वाभाविक है किन्तु चिकित्सा के क्षेत्र से लेकर मनोचिकित्सा तक इसके साथ साथ प्रकृति से सम्बंधित कई विषयों में मैंने सटीक शोधकार्य किया भी है किंतु मेरे द्वारा किए जा रहे शोधकार्यों चिकित्सा संबंधी किए जा रहे ज्योतिषीय शोधकार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय
!ज्योतिष के द्वारा मैंने कई विषयों पर व्यक्तिगत तौर पर रिसर्च किया है !जिसके आधार पर विश्वास पूर्वक ये कहा जा सकता है कि ज्योतिषशास्त्र के द्वारा जीवन के कई क्षेत्रों की जटिलताओं को न केवल आसान किया जा सकता है अपितु तलाक और आत्महत्या जैसी दुर्घटनाओं की संख्या को बहुत कम किया जा सकता है ! टूटते परिवारों को टूटने से बचाया जा सकता है बिखरते समाज को समेटा जा सकता है अपराधों की दर को घटाया जा सकता है !किसी के जीवन में भविष्य से संबंधित संभावित मानसिक तनाव चिंता आदि घटित होने का केवल समय से पहले पूर्वानुमान लगाया जा सकता नियंत्रत भी किया जा सकता है ।
इसी प्रकार से किसी के भविष्य में होने वाली बीमारी हो या सामूहिक रूप से फैलने वाली संभावित बीमारी हो उसका पूर्वानुमान लगाया जा सकता है और रोकथाम के लिए प्रिवेंटिव चिकित्सा की जा सकती है जिसकी चर्चा आयुर्वेद की चरक संहिता में भी है !
वर्षा और भूकंप जैसे प्राकृतिक विषयों से सम्बंधित पूर्वानुमान लगाने में ज्योतिष बड़ी भूमिका निभा सकता है भूकंप जैसे अत्यंत कठिन विषयों पर ज्योतिष एवं आयुर्वेद के द्वारा अनुसन्धान किए जाने पर पता लगा कि भूकंप कितने प्रकार के होते हैं कितने दिन में बनते हैं ?क्यों आते हैं भूकंप ?भूकंप आने के बाद किस प्रकार के भूकंप में आफ्टर शॉक्स आते हैं किसमें नहीं ? किस प्रकार के भूकंप के आने के कितने दिन पहले से प्रकृति में कैसे कैसे परिवर्तन दिखने लगते हैं ?अलग अलग भूकंपों के प्रभाव से किस प्रकार के भूकंप में किन जीवों के स्वभावों में कैसा बदलाव आने लगता है ?किस प्रकार के भूकंप के आने के बाद किस प्रकार की अच्छाइयाँ या बुराइयाँ प्रकृति में या समाज में देखने को मिलती हैं इन्हें टालने का भी कोई उपाय है क्या ?आदि सभी बातों पर मैंने व्यापक अनुसंधान किया है जो काफी सटीक सिद्ध हो रहा है !इस अनुसंधान को और अधिक गति देने के लिए मुझे धन चाहिए जमीन चाहिए एवं संसाधन चाहिए जिसके लिए हमें समाज और सरकार की मदद की आवश्यकता है ।ऊपर कही हुई अपनी समस्त बातों और दावों को मैं बिना किसी अहंकार के प्रामाणिकता और विनम्रता पूर्वक सिद्ध करने को तैयार हूँ !
ज्योतिष विज्ञान के प्रभाव से प्रायः सभी लोग परिचित हैं ही कि प्रकृति से लेकर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भविष्य संबंधी पूर्वानुमान लगाने के लिए ज्योतिष शास्त्र के अलावा कोई दूसरी विधा है ही नहीं !संसार के सभी प्राणियों का स्वास्थ्य ,स्वभाव एवं एक दूसरे के प्रति बनते बिगड़ते रहने वाले संबंधों का कारण हमारा अपना अच्छा बुरा समय ही होता है !व्यापारिक ,सामाजिक और राजनैतिक हानि लाभ के साथ साथ सभी प्रकार की उन्नति अवनति का कारण भी हर किसी का अपना अपना समय ही होता है।किस व्यक्ति को किस समय किस प्रकार की बीमारी होगी वो ठीक होगी या नहीं ठीक होनी होती है तो चिकित्सकों एवं औषधियों से लाभ होता है अन्यथा बड़े बड़े चिकित्सक अच्छी से अच्छी औषधियाँ देकर भी रोगी की रक्षा नहीं कर पाते हैं इसका प्रमुख कारण रोगी का अपना अच्छा बुरा समय ही होता है !पति -पत्नी, भाई- भाई और मित्रों से सम्बन्ध बनने बिगड़ने का कारण हर किसी का अपना समय ही तो होता है !
!ज्योतिष के द्वारा मैंने कई विषयों पर व्यक्तिगत तौर पर रिसर्च किया है !जिसके आधार पर विश्वास पूर्वक ये कहा जा सकता है कि ज्योतिषशास्त्र के द्वारा जीवन के कई क्षेत्रों की जटिलताओं को न केवल आसान किया जा सकता है अपितु तलाक और आत्महत्या जैसी दुर्घटनाओं की संख्या को बहुत कम किया जा सकता है ! टूटते परिवारों को टूटने से बचाया जा सकता है बिखरते समाज को समेटा जा सकता है अपराधों की दर को घटाया जा सकता है !किसी के जीवन में भविष्य से संबंधित संभावित मानसिक तनाव चिंता आदि घटित होने का केवल समय से पहले पूर्वानुमान लगाया जा सकता नियंत्रत भी किया जा सकता है ।
इसी प्रकार से किसी के भविष्य में होने वाली बीमारी हो या सामूहिक रूप से फैलने वाली संभावित बीमारी हो उसका पूर्वानुमान लगाया जा सकता है और रोकथाम के लिए प्रिवेंटिव चिकित्सा की जा सकती है जिसकी चर्चा आयुर्वेद की चरक संहिता में भी है !
वर्षा और भूकंप जैसे प्राकृतिक विषयों से सम्बंधित पूर्वानुमान लगाने में ज्योतिष बड़ी भूमिका निभा सकता है भूकंप जैसे अत्यंत कठिन विषयों पर ज्योतिष एवं आयुर्वेद के द्वारा अनुसन्धान किए जाने पर पता लगा कि भूकंप कितने प्रकार के होते हैं कितने दिन में बनते हैं ?क्यों आते हैं भूकंप ?भूकंप आने के बाद किस प्रकार के भूकंप में आफ्टर शॉक्स आते हैं किसमें नहीं ? किस प्रकार के भूकंप के आने के कितने दिन पहले से प्रकृति में कैसे कैसे परिवर्तन दिखने लगते हैं ?अलग अलग भूकंपों के प्रभाव से किस प्रकार के भूकंप में किन जीवों के स्वभावों में कैसा बदलाव आने लगता है ?किस प्रकार के भूकंप के आने के बाद किस प्रकार की अच्छाइयाँ या बुराइयाँ प्रकृति में या समाज में देखने को मिलती हैं इन्हें टालने का भी कोई उपाय है क्या ?आदि सभी बातों पर मैंने व्यापक अनुसंधान किया है जो काफी सटीक सिद्ध हो रहा है !इस अनुसंधान को और अधिक गति देने के लिए मुझे धन चाहिए जमीन चाहिए एवं संसाधन चाहिए जिसके लिए हमें समाज और सरकार की मदद की आवश्यकता है ।ऊपर कही हुई अपनी समस्त बातों और दावों को मैं बिना किसी अहंकार के प्रामाणिकता और विनम्रता पूर्वक सिद्ध करने को तैयार हूँ !
ज्योतिष विज्ञान के प्रभाव से प्रायः सभी लोग परिचित हैं ही कि प्रकृति से लेकर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भविष्य संबंधी पूर्वानुमान लगाने के लिए ज्योतिष शास्त्र के अलावा कोई दूसरी विधा है ही नहीं !संसार के सभी प्राणियों का स्वास्थ्य ,स्वभाव एवं एक दूसरे के प्रति बनते बिगड़ते रहने वाले संबंधों का कारण हमारा अपना अच्छा बुरा समय ही होता है !व्यापारिक ,सामाजिक और राजनैतिक हानि लाभ के साथ साथ सभी प्रकार की उन्नति अवनति का कारण भी हर किसी का अपना अपना समय ही होता है।किस व्यक्ति को किस समय किस प्रकार की बीमारी होगी वो ठीक होगी या नहीं ठीक होनी होती है तो चिकित्सकों एवं औषधियों से लाभ होता है अन्यथा बड़े बड़े चिकित्सक अच्छी से अच्छी औषधियाँ देकर भी रोगी की रक्षा नहीं कर पाते हैं इसका प्रमुख कारण रोगी का अपना अच्छा बुरा समय ही होता है !पति -पत्नी, भाई- भाई और मित्रों से सम्बन्ध बनने बिगड़ने का कारण हर किसी का अपना समय ही तो होता है !
जब जिसका समय अच्छा होता है तब जो शरीर स्वस्थ रहता है जिस रोग पर दवाओं का असर अच्छा हो रहा होता है जो साथी सुख दे रहे होते हैं जो व्यापार लाभ दे रहा होता है किंतु समय बिगड़ते ही बुरे समय के प्रभाव से सब कुछ उल्टा होने लगता है जिसके लिए लोग डॉक्टरों औषधियों साथियों सम्बन्धियों और अपने प्रयासों को दोष देने लगते हैं और तलाक आत्महत्या जैसी परिस्थितियाँ पैदा होते देखी जाती हैं जबकि इसका वास्तविक कारण तो अपना अपना समय ही होता है !
प्राकृतिक विषयों में वर्षा बाढ़ और भूकंप जैसी अच्छी बुरी प्राकृतिक परिस्थितियाँ भी प्राकृतिक समय के कारण ही बनती हैं !समय के अध्ययन के लिए एक मात्र माध्यम है ज्योतिष !ज्योतिष कुछ विश्व विद्यालयों में पढ़ाई भले जाती हो किंतु प्रोत्साहन न मिलने के कारण खाना पूर्ति मात्र होती है जबकि ज्योतिष से जुड़े 99 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने ज्योतिष पढ़ी ही नहीं है इसलिए समय पर रिसर्च की कैसे जाती !
महोदय !इसीलिए ऐसे सभी विषयों पर मैं लगभग पिछले बीस वर्षों से शोधपूर्वक कार्य करते चला आ रहा हूँ जिसके परिणामस्वरूप कहा सकता कि शिक्षा ,चिकित्सा, संबंधों एवं लाभ हानि जैसे विषयों में समय संबंधी शोध कार्य विशेष सहयोगी सिद्ध हो सकता है !वर्षा बाढ़ और भूकंप जैसे विषयों में भी कई महत्वपूर्ण सफलता सूत्र पाए गए हैं जिसके लिए इस रिसर्च कार्य को आगे बढ़े
इससे परेशान होकर लोग किंतु हम तब जो लोग
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